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चिंता : डॉक्टरों के मुताबिक सुहागनगरी में हर 10वां व्यक्ति अल्जाइमर से ग्रस्त
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फिरोजाबाद। सुहागनगरी में प्रत्येक 10वां व्यक्ति अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित है अर्थात भूलने की बीमारी से ग्रसित। यह जिले के चिकित्सकों का मानना है कि यह बेहद ही आम बीमारी है और कई बार मरीज को भी स्वयं के बीमार होन की जानकारी नहीं होती है। बुजुर्ग इस बीमारी के ज्यादा शिकार होते हैं। आज के समय में युवा भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। प्रतिवर्ष 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है। ऐसे में अपनी जीवनशैली में परिवर्तन कर इस बीमारी से बचा जा सकता है।
सुहागनगरी के मेडिकल कॉलेज में अब तक अल्जाइमर बीमारी से ग्रसित 25 मरीज आ चुके हैं। इनमें सर्वाधिक शहरी क्षेत्र के हैं। अल्जाइमर से पीड़ित मरीजों में दुकानदार और अधिक उम्र की गृहणियां शामिल हैं। मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डॉ. रोहित शाही ने बताया कि भूलने की बीमारी दिमाग से जुड़ी होती है। सुहागनगरीं में हर दसवां व्यक्ति मौजूदा समय में अल्जाइमर से पीड़ित है।
मस्तिष्क की नसों को नुकसान पहुंचने के कारण व्यक्तियों में यह बीमारी होती है। इस बीमारी में व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है। अभी तक इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं मिल सका है। जीवनशैली में बदलाव कर कुछ हद तक इस बीमारी से बचा जा सकता है। बीमारी के शुरुआती लक्षणों पर लोग ध्यान नहीं देते हैं, जिससे यह बढ़ती जाती है।
ये हैं अल्जाइमर के लक्षण
रात में नींद न आना।
रखी चीजों को बहुत जल्दी भूल जाना।
आंखों की रोशनी कम होने लगना।
छोटे-छोटे कामों में भी परेशानी होना।
अपने परिवार के सदस्यों को न पहचान पाना।
डिप्रेशन में रहना, डर जाना।
अल्जाइमर से बचने के लिए करें ये उपाय
यदि किसी व्यक्ति में अल्जाइमर के लक्षण दिखें तो उसे तत्काल चिकित्सक को दिखाना चाहिए। व्यायाम करने के साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना चाहिए। अधिक से अधिक लोगों से मिलना जुलना चाहिए। घर के लोगों को ज्यादा संपर्क में रहना चाहिए।
डिप्रेशन और अकेलपन से हो जाता है रोग
अकेलेपन और डिप्रेशन से यह रोग होता है। अधिक विचार करने वाले लोग इस बीमारी से अधिक ग्रसित होते हैं। इसके लिए लोग योग करें। समस्या बढ़ने पर किसी चिकित्सक को दिखाएं।
डॉ. एबी चौबे, मनोविज्ञान प्रोफेसर
एसआरके पीजी कॉलेज
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सुहागनगरी के मेडिकल कॉलेज में अब तक अल्जाइमर बीमारी से ग्रसित 25 मरीज आ चुके हैं। इनमें सर्वाधिक शहरी क्षेत्र के हैं। अल्जाइमर से पीड़ित मरीजों में दुकानदार और अधिक उम्र की गृहणियां शामिल हैं। मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डॉ. रोहित शाही ने बताया कि भूलने की बीमारी दिमाग से जुड़ी होती है। सुहागनगरीं में हर दसवां व्यक्ति मौजूदा समय में अल्जाइमर से पीड़ित है।
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मस्तिष्क की नसों को नुकसान पहुंचने के कारण व्यक्तियों में यह बीमारी होती है। इस बीमारी में व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है। अभी तक इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं मिल सका है। जीवनशैली में बदलाव कर कुछ हद तक इस बीमारी से बचा जा सकता है। बीमारी के शुरुआती लक्षणों पर लोग ध्यान नहीं देते हैं, जिससे यह बढ़ती जाती है।
ये हैं अल्जाइमर के लक्षण
रात में नींद न आना।
रखी चीजों को बहुत जल्दी भूल जाना।
आंखों की रोशनी कम होने लगना।
छोटे-छोटे कामों में भी परेशानी होना।
अपने परिवार के सदस्यों को न पहचान पाना।
डिप्रेशन में रहना, डर जाना।
अल्जाइमर से बचने के लिए करें ये उपाय
यदि किसी व्यक्ति में अल्जाइमर के लक्षण दिखें तो उसे तत्काल चिकित्सक को दिखाना चाहिए। व्यायाम करने के साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना चाहिए। अधिक से अधिक लोगों से मिलना जुलना चाहिए। घर के लोगों को ज्यादा संपर्क में रहना चाहिए।
डिप्रेशन और अकेलपन से हो जाता है रोग
अकेलेपन और डिप्रेशन से यह रोग होता है। अधिक विचार करने वाले लोग इस बीमारी से अधिक ग्रसित होते हैं। इसके लिए लोग योग करें। समस्या बढ़ने पर किसी चिकित्सक को दिखाएं।
डॉ. एबी चौबे, मनोविज्ञान प्रोफेसर
एसआरके पीजी कॉलेज