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Hapur News: प्रदूषण से फेफड़ों में बढ़ा संक्रमण, खांसी से बुरा हाल
संवाद न्यूज एजेंसी, हापुड़
Updated Wed, 22 Oct 2025 10:07 PM IST
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हापुड़। वातावरण में फैले प्रदूषण से फेफड़ों का संक्रमण बढ़ रहा है। इसके कारण मरीज खांसी से परेशान हैं। धूल के कण नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर रहे हैं। इससे सिर और मांसपेशियों का दर्द भी मरीजों की जान आफत में डाल रहा है। निजी और सरकारी अस्पतालों में ऐसे मरीजों की भरमार है।
जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ.संजीव ने बताया कि प्रदूषण के चलते फेफड़ों संबंधी समस्याएं बढ़ी हैं। धूल के बेहद महीम और हानिकारक कण शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं जो फेफड़ों को संक्रमित करते हैं। नर्वस सिस्टम को भी ये प्रभावित कर देते हैं। जिस कारण सिर भारी रहना, शरीर के अलग अलग हिस्सों में दर्द बना रहता है। अस्पतालों में इन दिनों सिर दर्द, आंखों में जलन और गले में खराश के मरीज अधिक आ रहे हैं। ऐसे मरीजों में इन समस्याओं के साथ बुखार भी बन रहा है। इस मौसम में मास्क पहनकर रहें तो काफी हद तक ईएनटी संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
सीएचसी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि मौसम में बदलाव का बच्चों पर अधिक असर होता है। प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण बच्चों को वायरल बुखार जकड़ रहा है। नजला, खांसी की समस्या बच्चों में आम दिख रही है। हालांकि इन रोगों को लेकर लापरवाही न बरतें, बल्कि बच्चों को सही समय पर उपचार दिलाएं।
इन बातों का रखें ध्यान-
* मास्क का प्रयोग करें।
* तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें।
* आंखों को साफ पानी से धोएं।
* बाहर का खाना खाने से परहेज करें।
* घरों के आस पास पानी की छिड़काव करें, ताकि धूल न उड़े।

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जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ.संजीव ने बताया कि प्रदूषण के चलते फेफड़ों संबंधी समस्याएं बढ़ी हैं। धूल के बेहद महीम और हानिकारक कण शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं जो फेफड़ों को संक्रमित करते हैं। नर्वस सिस्टम को भी ये प्रभावित कर देते हैं। जिस कारण सिर भारी रहना, शरीर के अलग अलग हिस्सों में दर्द बना रहता है। अस्पतालों में इन दिनों सिर दर्द, आंखों में जलन और गले में खराश के मरीज अधिक आ रहे हैं। ऐसे मरीजों में इन समस्याओं के साथ बुखार भी बन रहा है। इस मौसम में मास्क पहनकर रहें तो काफी हद तक ईएनटी संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
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सीएचसी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि मौसम में बदलाव का बच्चों पर अधिक असर होता है। प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण बच्चों को वायरल बुखार जकड़ रहा है। नजला, खांसी की समस्या बच्चों में आम दिख रही है। हालांकि इन रोगों को लेकर लापरवाही न बरतें, बल्कि बच्चों को सही समय पर उपचार दिलाएं।
इन बातों का रखें ध्यान-
* मास्क का प्रयोग करें।
* तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें।
* आंखों को साफ पानी से धोएं।
* बाहर का खाना खाने से परहेज करें।
* घरों के आस पास पानी की छिड़काव करें, ताकि धूल न उड़े।