सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Hardoi News ›   No one has taken Rs 150 crore for ten years, RBI becomes custodian

Hardoi News: दस साल से किसी ने नहीं लिया 150 करोड़ रुपये का हाल, आरबीआई बना कस्टोडियन

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Mon, 08 Dec 2025 10:35 PM IST
विज्ञापन
No one has taken Rs 150 crore for ten years, RBI becomes custodian
फोटो 09: एलडीएम अरविंद रंजन। संवाद
विज्ञापन
हरदोई। खातों में रुपये हैं लेकिन उन्हें कोई पूछ नहीं रहा। जिले की 17 बैंकों की शाखाओं में 150 करोड़ रुपये इस श्रेणी में पड़े हैं। दस साल से खाते में लेनदेन न होने पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 150 करोड़ रुपये अपने कस्टोडियन में ले लिए हैं। यह रुपये करीब 6.50 लाख खाताें में जमा हैं।
Trending Videos

बैंक में रुपये जमा किए जाने के बाद भूल जाना शायद ही कोई जानता हो लेकिन जिले में करीब 6.50 लाख बैंक खाते ऐसे चिह्नित हुए हैं जिनका दस साल संचालन ही नहीं हुआ। चिह्नित किए गए 6.50 खातों में 150 करोड़ रुपये जमा है। इन्हें आरबीआई ने अपने कस्टोडियन में लिया है। बताया कि दस साल से खातों का संचालन न किए जाने की श्रेणी में चिह्नित किए गए खातों में सबसे अधिक 2,68,450 उप्र ग्रामीण बैंक में हैं। ऐसे ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 30,406, एसबीआई में 46,283, पीएनबी में 51943, पंजाब एंड सिंध बैंक में 224, इंडियन ओवरसीज बैंक में 524, इंडियन बैंक में 37,614, आईडीबीआई बैंक में 351, आईसीआईसीआई बैंक में 132, एचडीएफसी बैंक में 510, सेंट्रल बैंक में 10,530, केनरा बैंक में 8,555, बैंक ऑफ इंडिया में 1,91,586, बैंक ऑफ बड़ौदा में 7,491 और एक्सिस बैंक में 1,260 खाते शामिल हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


---
सरकारी और संस्थाओं के खाते भी शामिल
दस साल से बैंक खाता संचालन न करने वालों में आम उपभोक्ताओं के साथ संस्थाओं और सरकारी विभागों के खाते भी शामिल हैं। इन खातों में भी करीब 40 लाख रुपये पड़े हुए हैं। सरकारी और निजी क्षेत्र की 17 बैंकों की विभिन्न शाखाओं में संस्थाओं के करीब 1,02,845 खातों में करीब 31 लाख रुपये जमा हैं। वहीं, सरकारी विभागों के 5,754 खातों में करीब आठ लाख रुपये पड़े हुए हैं। वित्त मंत्रालय के नियमों और आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक, दो साल तक खाता संचालन न होने पर डॉरमेट श्रेणी में कर दिया जाता है जबकि सात साल से अधिक की अवधि पर खातों में जमा रुपये का आरबीआई कस्टोडियन हो जाता है।
---
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के नियम-कानून और भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक, बैंक में सालों तक खाता संचालन न किए जाने पर खाताधारक को मृतक श्रेणी में मान लिए जाने की व्यवस्था है। जिले में 17 बैंकों की विभिन्न शाखाओं में करीब 6,55,859 खाते ऐसे चिह्नित किए गए हैं जिनमें दस साल से कोई लेनदेन ही नहीं हुआ। दस साल से लेनदेन न होने वाले खातों में 150 करोड़ रुपये जमा है। इन्हें आरबीआई ने अपने कस्टोडियन में ले लिया है। ऐसे खाताें के उपभोक्ताओं के नाम-पता जुटाकर उन्हें जागरूक भी किया जाएगा ताकि उपभोक्ता प्रक्रिया पूरी कराकर आरबीआई के कस्टोडियन से रुपये वापस पा सकें और खाता संचालित कर सकें। -अरविंद रंजन, अग्रणी जिला प्रबंधक, बीओआई
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed