जौनपुर। मैं टीडी कालेज का मैदान हूं। मेरे बगल में बीआरपी इंटर कालेज का मैदान है। हम दोनों विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव। हमेशा चुनावी रणक्षेत्र बनते रहे हैं। छोटे से लेकर बड़े नेता मेरे ही पास आते थे और हमारे ही गोद में खड़े होकर जनता से बड़े-बड़े वायदे करते थे। लेकिन, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। अब तो चुनाव की तिथि भी धीरे-धीरे नजदीक आ रही है। जिसे देखते हुए हम सब को लगने लगा है कि कहीं इस बार अधिसूचना जारी होने के बाद एक भी सभा नहीं हो।
विधानसभा चुनाव के लिए तिथि घोषित हो चुकी है। जनपद की सभी नौ सीटों पर सात मार्च को मतदान होगा। इसके पहले मतदाताओं को अपने पक्ष में वोट करने के लिए सभी दल घर-घर दस्तक दे रहे हैं। जिला प्रशासन ने भी मैदानों को चिन्हित किया है, जिसमें शहरी में मुझे (टीडी कालेज मैदान और बीआरपी इंटर कालेज मैदान) को सबसे ऊपर स्थान दिया गया है। जहां चुनावी सभा, रैलियां या अन्य कार्यक्रम करने के लिए हमें ही सभी दल याद करते हैं। इसमें प्रधानमंत्री हो या मुख्यमंत्री, सत्ताधारी दल हो या फिर विपक्ष, सभी यहीं आकर चुनावी सभाएं करते हैं। इसके लिए, नेताओं को कार्यक्रम के लिए इंतजार करना पड़ता था। जब उन्हें मौका मिलता था, तब वह जनता से बड़े-बड़े वायदे करने से नहीं चूकते थे। हम दोनों भीड़ से चारों तरफ से भी घिरे रहते थे। हर कोई जगह के लिए परेशान दिखता था।
इस बार भी कुछ वैसा ही लग रहा था, क्योंकि साल 2021 में हमारे मैदान में बड़े नेताओं और उनके हेलीकाप्टरों का आना शुरू हो गया था। हमें लगा था कि चुनाव में हर बार की तरह इस बार भी लोग पूछेंगे। बड़े-बड़े नेता और उनके उड़न खटोला भी आएंगे। मंच सजाए जाएंगे और हमारे आसपास फैली घास और गंदगी की सफाई हो जाएगी। हो भी ऐसा ही रहा था। लेकिन, कोरोना का कहर बढ़ने की वजह से अब नहीं लगता, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने चुनावी सभाओं पर रोक लगा दी है। इससे अधिसूचना लागू होने के बाद से हम खाली मैदान बनकर रह गए हैं। नहीं तो हमेशा सभा स्थल बने रहते थे और पूरे जनपद में लोग हमें याद करते रहते थे।