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किसान भाइयों, इनसे बस वायदे ले लो, खाद नहीं दिला पाएंगे ये
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झांसी। वायदे कितने ही ले लो। घोषणाएं खूब कर देंगे। लेकिन बात अगर किसानों को खाद दिलाने की आएगी तो चुप्पी साध लेते हैं सभी। पिछले एक सप्ताह से झांसी और ललितपुर में खाद की किल्लत है मगर अभी तक किसी सांसद और विधायक ने यह मुद्दा नहीं उठाया। खाद क्यों नहीं मिल रही किसी ने अभी तक नहीं पूछा। अफसरों के साथ इस मुद्दे पर मीटिंग तक नहीं की जा रही है। अगर इन लोगों ने जरा सी भी दिलचस्पी दिखाई होती तो आज यह हालात न होते जो झांसी और ललितपुर में हैं।
बुंदेलखंड के किसान मौसम की बेरुखी का शिकार हैं। कभी पानी की कमी की वजह से खड़ी फसल मुरझा जाती है, तो कभी बेमौसम बारिश उनकी मेहनत और लागत पर पानी फेर जाती है। इस बार मानसूनी सीजन गुजरने के बाद भी अच्छी बारिश हुई जिससे खरीफ की फसल को नुकसान हुआ, लेकिन इस बारिश ने रबी सीजन में अच्छी पैदावार होने की आस बंधा दी। बारिश से आई मिट्टी में नमी खत्म होने से पहले किसान बुवाई करना चाहते हैं, इससे डीजल की बचत होगी। यही वजह है कि खाद के लिए पिछले तीन-चार दिनों से मारामारी की स्थिति मची हुई है। किसानों में जरूरत के मुताबिक खाद का कोटा हासिल करने की होड़ है। लेकिन, किसानों के लिए बड़े-बड़े वायदे करने के वाले जनप्रतिनिधि मौन हैं। झांसी और ललितपुर जनपद में छह विधायक, दो विधान परिषद सदस्य और एक सांसद है। लेकिन, इनमें से अधिकांश खाद के मुद्दे पर मौन साधे हुए हैं। एक किसान की मौत के बाद भी इनकी चुप्पी नहीं टूटी है।
शुक्रवार को हुई दिशा की बैठक में खाद का मुद्दा उठाया। अफसरों को बताया कि एरच, ककरबई, मारकुआं व अन्य स्थानों पर किसानों को खाद हासिल करने में परेशानी हो रही है। यहां टोकन व्यवस्था बनवाई गई है। हालांकि, खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसकी कमी नहीं है। लेकिन, बारिश की वजह से इसकी मांग अचानक बढ़ गई है।
- जवाहर लाल राजपूत, गरौठा विधायक
प्रदेश में कहीं भी खाद की कमी नहीं है। भाजपा सरकार में पिछले पांच सालों से किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से आसानी से खाद उपलब्ध कराई जा रही है। इस बार भी पूरे इंतजाम हैं। वितरण व्यवस्था भी दुरुस्त बनाई गई है। किसानों को इसे पाने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए लगातार नजर रखी जा रही है। संबंधित अफसरों के लगातार संपर्क में हैं।
- राजीव सिंह पारीछा, बबीना विधायक
ललितपुर में ही नहीं, बल्कि सभी सहकारी समितियों के बाहर किसानों की लंबी-लंबी कतारें लग रहीं हैं। सुबह चार बजे से किसान लाइनों में लग जाते हैं। मांग से कहीं कम खाद समितियों को दी जा रही है। इससे मारामारी की स्थिति पैदा हो गई है। सरकार को खाद वितरण व्यवस्था दुरुस्त बनाने के तत्काल इंतजाम करने चाहिए। अन्यथा आने वाले दिनों में स्थिति और भी विकराल रूप धारण कर सकते हैं।
- शिवनारायण सिंह परिहार, प्रदेश अध्यक्ष - किसान कांग्रेस
खाद ब्लैक में बिक रही है। ये स्थिति तब है जब सरकार की ओर से पर्याप्त स्टॉक का दावा किया जा रहा है। लेकिन, किसानों को दस की जगह पांच बोरियां दी जा रही हैं। हालांकि, ये बात सही है कि खाद की कमी नहीं है, लेकिन इसका कुछ लोग कृत्रिम संकट पैदा कर रहे हैं, ताकि इसे ऊंचे दामों में बेचा जा सके। सरकार और नेता अभी से जाग जाएं, तो बेहतर होगा।
- गौरीशंकर बिदुआ, अध्यक्ष - किसान रक्षा पार्टी
आगामी सीजन में खाद की मांग को देखते हुए सरकार की ओर से पहले से ही व्यवस्थाएं बना ली गईं थीं। यही वजह है कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता है। इसके वितरण के भी इंतजाम कर लिए गए हैं। खाद के लिए किसानों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें जरूरत के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाएगी।
- रवि शर्मा, झांसी सदर विधायक
बारिश होने की वजह से अचानक खाद की मांग बेतहाशा रूप से बढ़ गई। ऐसे में व्यवस्थित ढंग से लाइनें लगवाकर खाद का वितरण किया जा रहा है। किसान धैर्य रखें, सभी को एक-दो दिन में उनकी जरूरत के मुताबिक खाद मिल जाएगी। आज रात में खाद का एक रैक ललितपुर पहुंच जाएगा। प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है।
- रामरतन कुशवाहा, ललितपुर सदर विधायक
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बुंदेलखंड के किसान मौसम की बेरुखी का शिकार हैं। कभी पानी की कमी की वजह से खड़ी फसल मुरझा जाती है, तो कभी बेमौसम बारिश उनकी मेहनत और लागत पर पानी फेर जाती है। इस बार मानसूनी सीजन गुजरने के बाद भी अच्छी बारिश हुई जिससे खरीफ की फसल को नुकसान हुआ, लेकिन इस बारिश ने रबी सीजन में अच्छी पैदावार होने की आस बंधा दी। बारिश से आई मिट्टी में नमी खत्म होने से पहले किसान बुवाई करना चाहते हैं, इससे डीजल की बचत होगी। यही वजह है कि खाद के लिए पिछले तीन-चार दिनों से मारामारी की स्थिति मची हुई है। किसानों में जरूरत के मुताबिक खाद का कोटा हासिल करने की होड़ है। लेकिन, किसानों के लिए बड़े-बड़े वायदे करने के वाले जनप्रतिनिधि मौन हैं। झांसी और ललितपुर जनपद में छह विधायक, दो विधान परिषद सदस्य और एक सांसद है। लेकिन, इनमें से अधिकांश खाद के मुद्दे पर मौन साधे हुए हैं। एक किसान की मौत के बाद भी इनकी चुप्पी नहीं टूटी है।
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शुक्रवार को हुई दिशा की बैठक में खाद का मुद्दा उठाया। अफसरों को बताया कि एरच, ककरबई, मारकुआं व अन्य स्थानों पर किसानों को खाद हासिल करने में परेशानी हो रही है। यहां टोकन व्यवस्था बनवाई गई है। हालांकि, खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसकी कमी नहीं है। लेकिन, बारिश की वजह से इसकी मांग अचानक बढ़ गई है।
- जवाहर लाल राजपूत, गरौठा विधायक
प्रदेश में कहीं भी खाद की कमी नहीं है। भाजपा सरकार में पिछले पांच सालों से किसानों को उनकी जरूरत के हिसाब से आसानी से खाद उपलब्ध कराई जा रही है। इस बार भी पूरे इंतजाम हैं। वितरण व्यवस्था भी दुरुस्त बनाई गई है। किसानों को इसे पाने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए लगातार नजर रखी जा रही है। संबंधित अफसरों के लगातार संपर्क में हैं।
- राजीव सिंह पारीछा, बबीना विधायक
ललितपुर में ही नहीं, बल्कि सभी सहकारी समितियों के बाहर किसानों की लंबी-लंबी कतारें लग रहीं हैं। सुबह चार बजे से किसान लाइनों में लग जाते हैं। मांग से कहीं कम खाद समितियों को दी जा रही है। इससे मारामारी की स्थिति पैदा हो गई है। सरकार को खाद वितरण व्यवस्था दुरुस्त बनाने के तत्काल इंतजाम करने चाहिए। अन्यथा आने वाले दिनों में स्थिति और भी विकराल रूप धारण कर सकते हैं।
- शिवनारायण सिंह परिहार, प्रदेश अध्यक्ष - किसान कांग्रेस
खाद ब्लैक में बिक रही है। ये स्थिति तब है जब सरकार की ओर से पर्याप्त स्टॉक का दावा किया जा रहा है। लेकिन, किसानों को दस की जगह पांच बोरियां दी जा रही हैं। हालांकि, ये बात सही है कि खाद की कमी नहीं है, लेकिन इसका कुछ लोग कृत्रिम संकट पैदा कर रहे हैं, ताकि इसे ऊंचे दामों में बेचा जा सके। सरकार और नेता अभी से जाग जाएं, तो बेहतर होगा।
- गौरीशंकर बिदुआ, अध्यक्ष - किसान रक्षा पार्टी
आगामी सीजन में खाद की मांग को देखते हुए सरकार की ओर से पहले से ही व्यवस्थाएं बना ली गईं थीं। यही वजह है कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता है। इसके वितरण के भी इंतजाम कर लिए गए हैं। खाद के लिए किसानों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें जरूरत के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाएगी।
- रवि शर्मा, झांसी सदर विधायक
बारिश होने की वजह से अचानक खाद की मांग बेतहाशा रूप से बढ़ गई। ऐसे में व्यवस्थित ढंग से लाइनें लगवाकर खाद का वितरण किया जा रहा है। किसान धैर्य रखें, सभी को एक-दो दिन में उनकी जरूरत के मुताबिक खाद मिल जाएगी। आज रात में खाद का एक रैक ललितपुर पहुंच जाएगा। प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है।
- रामरतन कुशवाहा, ललितपुर सदर विधायक