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Kannauj News: नसबंदी के आठ माह बाद महिला हुई गर्भवती
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तालग्राम। दो बच्चों के जन्म के बाद 16 जनवरी को मजदूर की पत्नी ने नसबंदी करा ली थी। नसबंदी के आठ माह बाद महिला गर्भवती हो गई। अब महिला इलाज में होने वाले खर्च को स्वास्थ्य विभाग को उठाने की बात कह रही है। महिला ने कहा कि विभाग खर्च नहीं उठाता है तो वह कोर्ट से न्याय की गुहार लगाएगी।
तालग्राम क्षेत्र के गांव हसनापुर निवासी 27 वर्षीय महिला ने बताया कि उसके दो पुत्र पीयूष छह वर्ष व सनी ढाई वर्ष हैं। दो संतान होने के बाद उसने परिवार नियोजन के तहत सीएचसी तालग्राम में 16 जनवरी को नसबंदी कराई थी। नसबंदी के बाद पिछले तीन महीने से मासिक धर्म नहीं हुआ तो शक हुआ। उन्होंने गांव की आशा कार्यकर्ता को इसकी जानकारी दी। किट के माध्यम से प्रेग्नेंसी की जांच की गई है तो परिणाम पॉजिटिव आया है। यह देख परिवार के लोग हैरान रह गए।
महिला ने बताया कि पति मेहनत मजदूरी करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। दो बच्चे होने के बाद उन्होंने नसबंदी करा ली थी। आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से वह संतान नहीं चाहती है। परिजनों का कहना है कि संतान के खर्चे की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग ने नहीं ली तो वह कोर्ट से न्याय की गुहार लगाएंगे। एसीएमओ डॉ. इरशाद सिद्दीकी का कहना है कि मामला काफी गंभीर है, जांच कराई जाएगी। नसबंदी के दौरान चिकित्सकों से कोई चूक हुई है तो महिला को शासन की तरफ से क्षतिपूर्ति दिलाई जाएगी।

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महिला ने बताया कि पति मेहनत मजदूरी करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। दो बच्चे होने के बाद उन्होंने नसबंदी करा ली थी। आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से वह संतान नहीं चाहती है। परिजनों का कहना है कि संतान के खर्चे की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग ने नहीं ली तो वह कोर्ट से न्याय की गुहार लगाएंगे। एसीएमओ डॉ. इरशाद सिद्दीकी का कहना है कि मामला काफी गंभीर है, जांच कराई जाएगी। नसबंदी के दौरान चिकित्सकों से कोई चूक हुई है तो महिला को शासन की तरफ से क्षतिपूर्ति दिलाई जाएगी।