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Etawah: हार्ट अटैक से कैदी की मौत, बेटे ने लापरवाही का लगाया आरोप

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इटावा Published by: शिखा पांडेय Updated Wed, 23 Jul 2025 09:29 PM IST
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सार

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का कहना है कि स्वास्थ्य बिगड़ने पर तत्काल कैदी को आयुर्विज्ञान विवि भेज दिया गया था।

Etawah: Prisoner dies of heart attack, son accuses of negligence
मृतक की फाइल फोटो - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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वर्ष 1984 में हुई हत्या के मामले में महोला केंद्रीय कारागार में सजा काट रहे कानपुर निवासी कैदी की मंगलवार देर रात मौत हो गई। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे कैदी के बेटे ने जेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर पिता के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। बताया कि जमानत के लिए लगाई अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य रिपोर्ट मांगी थी। इसमें उनकी सभी बीमारियां नहीं दिखाई गईं। इस वजह से उन्हें सही उपचार नहीं मिल रहा था। जेल अधिकारी हार्ट अटैक से मौत की बात कह रहे हैं।
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कैदी अजय गुप्ता के बेटे जय गुप्ता ने बताया कि 1984 में दिनेश कुमार की हत्या के मामले में उनके पिता और तीन अन्य लोगों को जेल हुईथी। 18 महीने जेल में रहने के बाद सेशन कोर्ट से उन्हें बरी कर दिया था। सेशन कोर्ट से पिता को बरी किए जाने के बाद दूसरा पक्ष हाईकोर्ट चला गया था।
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इस बीच वे लोग कानपुर से गौतमबुद्धनगर के ब्रह्रमपुरी, दादरी में रहने लगे थे। सात जून 2024 को हाईकोर्ट ने पिता अजय गुप्ता और एक अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी जबकि उनके साथ रहे एक अन्य साथी को बरी कर दिया गया था। बताया कि 39 साल बाद सजा होने तक पिता डिप्रेशन के साथ प्रोस्टेटिक इंलार्जमेंट की बीमारी से ग्रसित हो गए थे।

जेल जाने की वजह से उनका इलाज पूरा नहीं हो सका था। कहा कि 22 मार्च 2025 को पिता की जमानत के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डलवाई थी। इसमें स्वास्थ्य का हवाला दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यालय कारागार प्रशासन से स्वास्थ्य रिपोर्ट मांगी थी। उन्होंने कहा कि उनकी रिहाई होने वाली थी। कहा कि जो रिपोर्ट कारागार की ओर से लगाई गई थी उसमें सिर्फ डिप्रेशन की बात लिखी थी। प्रोस्टेटिक इंलार्जमेंट के ऑपरेशन की जरुरत नहीं बताई गई थी इसलिए उन्हें पूरा उपचार नहीं मिल पा रहा था।

हार्ट अटैक से गई जान, दिया जा रहा था पूरा इलाज
कैदी की हार्टअटैक से मौत हुई है। चार अगस्त 2024 को वह कानपुर जेल से स्थानांतरित होकर आए थे। सुप्रीम कोर्ट में मेडिकल बोर्ड की ओर प्रस्तुत रिपोर्ट को लगाया था। कैदी को पूरा इलाज दिलाया जा रहा था। मंगलवार को भी स्वास्थ्य खराब होते हुए उन्हें आयुर्विज्ञान विवि भेज दिया था। कैदी की जमानत या रिहाई के लिए 22 जुलाई तक कोई भी आदेश नहीं आया था। -राजीव शुक्ला, वरिष्ठ अधीक्षक, केंद्रीय कारागार महोला

शिकायत पर की जाएगी जांच
डॉक्टरों के पैनल ने जांच की थी। उसमें जिस बीमारी से उस समय ग्रसित थे, वही दर्शायी गई थी। यदि शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी। - डाॅ. बृजेंद्र सिंह, सीएमओ
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