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Kannauj: उल्टी-दस्त से ईंट-भट्ठा मजदूर के पांच बच्चों की तबीयत बिगड़ी, एक की मौत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कन्नौज
Published by: शिखा पांडेय
Updated Sat, 06 Sep 2025 10:06 PM IST
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सार
हालत गंभीर होने पर अस्पताल से चार बच्चों को राजकीय मेडिकल काॅलेज रेफर किया गया।

अस्पताल में भर्ती बच्चे
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सौरिख रोड स्थित खोजीपुर स्थित ईंट-भट्ठे पर शनिवार को परिवार के साथ मजदूरी करने आए बिहार के मजदूर के पांच बच्चों की अचानक हालत बिगड़ गई। अस्पताल ले जाते समय एक बेटे की मौत हो गई, जबकि चार बच्चों को राजकीय मेडिकल काॅलेज रेफर किया गया है। एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से काफी देर रात बच्चाें को अस्पताल में दर्द से तड़पना पड़ा।

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बिहार के गया जिले के नवादिया गांव निवासी राजेश दो माह पहले पत्नी रीना देवी व पांच बच्चों काजल (12), पूजा (08), बालवीर (09), आकाश (6) और अजय (03) के साथ खोजीपुर स्थित ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करने आया है। रीना ने बताया कि शुक्रवार शाम दाल-चावल खाने के बाद सभी सो गए। सुबह जब बच्चे उठे तो सभी को उल्टी-दस्त होने लगी।
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राजेश ई-रिक्शा से बच्चों को अस्पताल लेकर जा रहे थे, रास्ते में पुत्र आकाश की मौत हो गई। इसके बाद राजेश सभी को लेकर भट्ठे पर आ गया। भट्ठे पर आने के बाद राजेश बेटे के अंतिम संस्कार की तैयारी में जुट गया। वहीं, अन्य बच्चों की हालत बिगड़ती देख भट्ठा मैनेजर ने चौकीदार व दो बिहारी मजदूरों के साथ दोपहर 12:15 बजे चारों बच्चों को अस्पताल पहुंचाया। डाॅक्टर ने काजल, पूजा, बालवीर व अजय की हालत गंभीर होने पर राजकीय मेडिकल काॅलेज रेफर कर दिया।
मजदूर एंबुलेंस के लिए इधर-उधर भटकते रहे। इस कारण दोपहर तीन बजे के बाद बच्चों को तिर्वा रवाना किया गया। चेस्ट फिजीशियन डाॅ. संतोष मिश्रा ने बताया कि दूषित भोजन या पेयजल का सेवन करने के बाद बच्चों की हालत बिगड़ी थी। बालरोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण प्राथमिक इलाज के बाद बच्चों को राजकीय मेडिकल काॅलेज रेफर किया गया है।
सीएमएस डाॅ. सुनील कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में बच्चे की मौत नहीं हुई है। अस्पताल आए बच्चों के इलाज में लापरवाही बरती गई तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, एसडीएम ज्ञानेंद्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि मजदूर के बच्चे की मौत की जानकारी नहीं है। सीएसएस से जानकारी कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।