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पांच घंटे बाद लौटी मुस्कान: अवनी के दिल में थे दो छेद, अलीगढ़ में सफलापूर्वक हुई जटिल सर्जरी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांदा Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Tue, 18 Oct 2022 06:43 PM IST
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सार

तिंदवारी थाना क्षेत्र निवासी बिजनेश की बेटी अवनी के दिल में दो छेद थे, जिसकी वजह से वो बीमार रहती थी। उन्होंने बांदा जिला अस्पताल में आरबीएसके टीम से संपर्क किया, जिसके बाद उन्हें अलीगढ़ भेज दिया गया। यहां पांच घंटे के जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक किया गया।

Successful and free surgery in Aligarh for two holes in Avni's heart in Banda
अलीगढ़ अस्पताल में आईसीयू में भर्ती बालिका अवनी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बांदा जिले में बेटी के दिल में दो छेद निकलने से दुखी माता-पिता के चेहरे पर उस वक्त मुस्कान लौट आई जब उन्हें सर्जरी के बाद बेटी के स्वस्थ होने का पता चला। जिंदगी और मौत से जूझ रही दो साल की अवनी को अलीगढ़ के डॉक्टरों ने पांच घंटे के ऑपरेशन के बाद नई जिंदगी दी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उसका मुफ्त ऑपरेशन हुआ। तीन दिन में छुट्टी हो जाएगी।

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तिंदवारी के रहने वाले बिजनेश कुमार ने बताया कि दो बेटों के बाद बेटी होने पर पूरा परिवार खुश था।  कुछ दिन बाद वह बीमार पड़ गई। सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल में दिखाया, लेकिन आराम नहीं लगा। उसे कानपुर के एक निजी अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने दिल में दो छेद होने की बात बताई। उसे पीजीआई लखनऊ या एम्स दिल्ली ले जाने की सलाह दी। वह बेटी अवनी को एम्स ले गए।

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करीब एक महीने इलाज और जांच चली, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। बेटी के इलाज में लगभग डेढ़ लाख रुपये खर्च होने पर आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। कुछ कर्ज हो गया। उसने जिला अस्पताल में आरबीएसके टीम से संपर्क किया। टीम ने उसे अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेज दिया। यहां तीन अक्तूबर को पहला और 10 अक्तूबर को दूसरा ऑपरेशन हुआ। दिल के दोनों छेद सही कर दिए।

क्या है राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में जन्म से 19 साल तक के बच्चों में चार प्रकार की विसंगतियों की जांच होती है। इसे ‘फोर डी’ कहते हैं। यानी डिफेक्ट एट बर्थ, डिफिशिएंसी, डिसीज, डेवलपमेंट डिलेज इन्क्लूडिंग डिसएबिलिटी। इसमें किसी भी प्रकार का विकार, बीमारी, कमी और विकलांगता शामिल है।

इन कमियों से प्रभावित बच्चों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में नि:शुल्क सर्जरी और इलाज होता है। कार्यक्रम के लिए प्रत्येक ब्लाक में दो-दो टीमें गठित हैं। ये टीमें सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करती हैं।

अवनी के दिल की सर्जरी में लगभग पांच लाख रुपए खर्च होते, लेकिन आरबीएसके के जरिए मुफ्त ऑपरेशन हुआ। ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण उसे आईसीयू में रखा गया था। अब अवनी की हालत ठीक है। तीन दिन में छुट्टी हो जाएगी। अप्रैल से अब तक 24 बच्चों की सर्जरी हुई। इसमें हार्ट के दो, कटे होठ के 12, टेढ़े पैर के 9 और जन्मजात गूंगे-बहरे के तीन आपरेशन शामिल हैं।  -वीरेंद्र प्रताप, जिला प्रबंधक, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके), बांदा

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