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यहां तो गजब ही हो गया: एंबुलेंस बनी रोडवेज बस, नर्स बनीं बस में सवार महिलाएं, प्रसव करा पहुंचाया अस्पताल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांदा
Published by: शिखा पांडेय
Updated Tue, 27 Feb 2024 08:22 PM IST
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सार
यूपी के बांदा जिले में रोडवेज बस में बच्ची को जन्म देने का मामला सामने आया है। चालक-परिचालक ने सूझबूझ से काम लेते हुए प्रसूता को नजदीक के अस्पताल पहुंचाया।

बस स्टेशन में एक दूसरे को मिठाई खिलाते चालक-परिचालक साथ में एआरएम कमल किशोर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अभी तक एंबुलेंस में प्रसव होने की बात सामने आती रही है, लेकिन बुधवार को रोडवेज बस में एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया। महिला यात्रियों ने हालात बिगड़ते देख महिला का सुरक्षित प्रसव कराया तो चालक-परिचालक ने भी सूझबूझ से काम लेते हुए प्रसूता को नजदीक के अस्पताल पहुंचाया। जहां जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित बताए जा रहे हैं। बस लेकर स्टेशन लौटे चालक-परिचालकों की अधिकारियों ने भी पीठ थपथपाई और 500 रुपये पुरस्कार भी दिए।

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चित्रकूट जिले के भरतकूप थाना भरसौदा निवासी मजदूर परिवार 10 दिन पहले बांदा के मटौध थाना क्षेत्र के इचौली गांव मटर व मसूर की कटाई करने आया था। बुधवार को घर जाने के लिए परिवार महोबा से बांदा आ रही बांदा डिपो की बस में सवार हुआ। दो महिला व दो पुरुष यात्रियों में एक महिला के अचानक बांदा से 15 किलोमीटर दूर पेट में दर्ज होने लगा। संविदा चालक संतोष व परिचालक इंद्र बहादुर सिंह ने बस को रोक दिया और यात्रियों को नीचे उतारकर दिया।
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इसके बाद बस में सवार महिला यात्रियों ने तत्काल ही सीट को अस्पताल का बेड बनाया और चारों ओर पर्दा लगाकर महिला का प्रसव कराया। महिला ने बच्ची को जन्म दिया, लेकिन प्रसूता की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। यह देख चालक और मौजूद यात्रियों ने बस को सीधे अस्पताल ले जाने का निर्णय किया। इसके बाद चालक-परिचालक ने सवारियों को बस में बैठाकर गेट बंद किया और सीधे बस को जिला अस्पताल की ओर घुमा दिया। कुछ ही देर में प्रसूता समेत पूरी बस जिला अस्पताल के सामने खड़ी थी।
अस्पताल कर्मियों ने भी हालात देख तनिक भी देर न की और जच्चा बच्चा दोनों को भर्ती कराया। महिला अस्पताल की डॉक्टर सुनीता सिंह ने बताया कि ठीक समय पर चालक प्रसूता को लेकर पहुंच गया, जिस कारण बच्ची और वह दोनों सुरक्षित हैं। एआरएम कमल किशोर ने बताया कि महिला का नाम मीरा और उसके पति का नाम राजकुमार है। साथ में देवर राम किशोर भी थी।वे बसौंधा चित्रकूट निवासी हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चारू के मुताबिक अस्पताल में जच्चा व बच्चा को बेहतर इलाज दिया जा रहा है।
चालक- परिचालकों को खिलाई मिठाई
जिला अस्पताल से ही यात्री अपने-अपवने घरों को चले गए। चालक-परिचालक जब बस स्टेशन पहुंचे तो अधिकारियों को पूरी जानकारी दी। इसके बाद एआरएम ने दोनों को मिठाई खिलाकर पांच सौ का नोट इनाम में दिया। खून से सराबोर बस को धुलाई के लिए भेजा गया है।
जिला अस्पताल से ही यात्री अपने-अपवने घरों को चले गए। चालक-परिचालक जब बस स्टेशन पहुंचे तो अधिकारियों को पूरी जानकारी दी। इसके बाद एआरएम ने दोनों को मिठाई खिलाकर पांच सौ का नोट इनाम में दिया। खून से सराबोर बस को धुलाई के लिए भेजा गया है।
रास्ते में सवारियों के लिए भी नहीं रोकी बस
चालक ने बताया कि प्रसव कराने के बाद जब वह बस लेकर जिला अस्पताल की ओर जा रहा था, तब रास्ते में कई यात्रियों ने उसे हाथ देकर रोकने का प्रयास किया। उसे पता था कि यदि वह थोड़ी देर भी कहीं रुक जाता तो महिला व बच्ची के साथ कोई अनहोनी भी हो सकती थी।
चालक ने बताया कि प्रसव कराने के बाद जब वह बस लेकर जिला अस्पताल की ओर जा रहा था, तब रास्ते में कई यात्रियों ने उसे हाथ देकर रोकने का प्रयास किया। उसे पता था कि यदि वह थोड़ी देर भी कहीं रुक जाता तो महिला व बच्ची के साथ कोई अनहोनी भी हो सकती थी।