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Kushinagar: वाल्मीकि गंडक बैराज के फाटक में फंसे गैंडे की मौत, नेपाल से बहकर आ गया था भारत
संवाद न्यूज एजेंसी, कुशीनगर।
Published by: गोरखपुर ब्यूरो
Updated Fri, 29 Jul 2022 09:45 AM IST
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सार
वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के प्रभारी रेंजर रोबिन आनंद ने बताया कि पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण गैंडा पानी पीने के क्रम में नदी में गिर गया होगा। इससे उसकी मौत हो गई। मामले की जांच की जा रही है।

गंडक नदी के बैराज में फंसा गैंडा।
- फोटो : अमर उजाला।

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विस्तार
नेपाल के चितवन प्राणी उद्यान के जंगल से भटक कर गंडक नदी में गिरे एक गैंडे की वाल्मीकि गंडक बैराज के फाटक में फंस जाने से मौत हो गई। वन विभाग मामले की जांच कर रहा है।
गुरुवार की शाम वाल्मीकि गंडक बैराज के फाटक संख्या 10 के पास एक गैंडे को लोगों ने देखा। सूचना मिलते ही वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अधिकारी कर्मचारी हरकत में आ गए। उल्लेखनीय है कि नेपाल के चितवन प्राणी निकुंज के जंगल में गैंडा का अधिवास है। यहां से अक्सर भटककर जानवर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में चले आते हैं।
कुछ माह पहले ही एक गैंडा खड्डा क्षेत्र के कोहरगड्डी गांव के सरेह में आ गया था। जानकारों के मुताबिक इन दिनों हो रही बारिश से वन्यजीव इधर-उधर भटक रहे हैं। इसी क्रम में यह गैंडा नदी में बहकर आ गया होगा।
हालांकि, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से भी गैंडों का अधिवास क्षेत्र विकसित करने की दिशा में पहल शुरू की गई है और शीघ्र ही मेहमान गैंडों के लिए अधिवास क्षेत्र भी विकसित किया जाएगा। क्योंकि नेपाली गैंडों को वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) काफी पसंद आता है।
इस संबंध में वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के प्रभारी रेंजर रोबिन आनंद ने बताया कि पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण गैंडा पानी पीने के क्रम में नदी में गिर गया होगा। इससे उसकी मौत हो गई। मामले की जांच की जा रही है।
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गुरुवार की शाम वाल्मीकि गंडक बैराज के फाटक संख्या 10 के पास एक गैंडे को लोगों ने देखा। सूचना मिलते ही वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अधिकारी कर्मचारी हरकत में आ गए। उल्लेखनीय है कि नेपाल के चितवन प्राणी निकुंज के जंगल में गैंडा का अधिवास है। यहां से अक्सर भटककर जानवर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में चले आते हैं।
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कुछ माह पहले ही एक गैंडा खड्डा क्षेत्र के कोहरगड्डी गांव के सरेह में आ गया था। जानकारों के मुताबिक इन दिनों हो रही बारिश से वन्यजीव इधर-उधर भटक रहे हैं। इसी क्रम में यह गैंडा नदी में बहकर आ गया होगा।
हालांकि, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से भी गैंडों का अधिवास क्षेत्र विकसित करने की दिशा में पहल शुरू की गई है और शीघ्र ही मेहमान गैंडों के लिए अधिवास क्षेत्र भी विकसित किया जाएगा। क्योंकि नेपाली गैंडों को वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) काफी पसंद आता है।
इस संबंध में वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के प्रभारी रेंजर रोबिन आनंद ने बताया कि पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण गैंडा पानी पीने के क्रम में नदी में गिर गया होगा। इससे उसकी मौत हो गई। मामले की जांच की जा रही है।