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खड्डा चीनी मिल के अधिकारियों के साथ पहुंचा वैज्ञानिकों का दल
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गन्ने की फसल के क्षति का जायजा लिया
वैज्ञानिकों ने गन्ना की फसलों को बचाने के उपाय बताए
संवाद न्यूज एजेंसी
खड्डा। वैज्ञानिकों का एक दल खड्डा चीनी मिल के गन्ना अधिकारियों के साथ जलभराव से खराब हुई गन्ना की फसल का जायजा लेने पहुंचा। वैज्ञानिकों से नष्ट हुई फसलों का जायजा लेने के बाद किसानों से मुलाकात की। उन्हें जलभराव से गन्ना की फसल को बचाने के उपाय बताए।
डीसीओ वेद प्रकाश सिंह के निर्देश पर कृषि वैज्ञानिक डॉ. भारती, डॉ. सतेंद्र और डॉ. विनय कुमार की टीम क्षेत्र में जलभराव से सूखे गन्ने के खेतों का जायजा लेने पहुंची। आईपीएल ग्रुप की खड्डा चीनी मिल के प्रबंधक सुधीर कुमार भी टीम के साथ थे। उन्होंने गन्ना की फसल को जलभराव से हुई क्षति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गन्ना में लाल सड़न रोग और उकठा रोग लगने से गन्ना की फसल सूख गई है। उन्होंने बताया कि चीनी मिल का लगभग 45 प्रतिशत क्षेत्र प्रभावित हुआ है। कृषि वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया कि किसान आगामी गन्ना की बुवाई समय से करें तथा बीज उपचार करने के बाद ही बुवाई करें। ट्राईकोडर्मा तथा पोटाश या सल्फर का प्रयोग अवश्य करें। सुधीर ने बताया कि किसान बुवाई के समय आईपीएल पोलीहलाइट का प्रयोग अवश्य करें। क्योंकि इसमें पोटाश 13.5 प्रतिशत, सल्फर 18.5 प्रतिशत, कैल्शियम 16.5 प्रतिशत और मैग्नीशियम 5.5 प्रतिशत होता है। इसकी पैकिंग 25 किलोग्राम में है, जिससे छोटे किसान भी प्रयोग कर सकते हैं। इसकी उपलब्धता आईपीएल किसान सेवा केंद्र पर है, जो इस एरिया के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगा। इस दौरान चीनी मिल के कर्मचारी भी मौजूद थे।
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संवाद न्यूज एजेंसी
खड्डा। वैज्ञानिकों का एक दल खड्डा चीनी मिल के गन्ना अधिकारियों के साथ जलभराव से खराब हुई गन्ना की फसल का जायजा लेने पहुंचा। वैज्ञानिकों से नष्ट हुई फसलों का जायजा लेने के बाद किसानों से मुलाकात की। उन्हें जलभराव से गन्ना की फसल को बचाने के उपाय बताए।
डीसीओ वेद प्रकाश सिंह के निर्देश पर कृषि वैज्ञानिक डॉ. भारती, डॉ. सतेंद्र और डॉ. विनय कुमार की टीम क्षेत्र में जलभराव से सूखे गन्ने के खेतों का जायजा लेने पहुंची। आईपीएल ग्रुप की खड्डा चीनी मिल के प्रबंधक सुधीर कुमार भी टीम के साथ थे। उन्होंने गन्ना की फसल को जलभराव से हुई क्षति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गन्ना में लाल सड़न रोग और उकठा रोग लगने से गन्ना की फसल सूख गई है। उन्होंने बताया कि चीनी मिल का लगभग 45 प्रतिशत क्षेत्र प्रभावित हुआ है। कृषि वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया कि किसान आगामी गन्ना की बुवाई समय से करें तथा बीज उपचार करने के बाद ही बुवाई करें। ट्राईकोडर्मा तथा पोटाश या सल्फर का प्रयोग अवश्य करें। सुधीर ने बताया कि किसान बुवाई के समय आईपीएल पोलीहलाइट का प्रयोग अवश्य करें। क्योंकि इसमें पोटाश 13.5 प्रतिशत, सल्फर 18.5 प्रतिशत, कैल्शियम 16.5 प्रतिशत और मैग्नीशियम 5.5 प्रतिशत होता है। इसकी पैकिंग 25 किलोग्राम में है, जिससे छोटे किसान भी प्रयोग कर सकते हैं। इसकी उपलब्धता आईपीएल किसान सेवा केंद्र पर है, जो इस एरिया के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगा। इस दौरान चीनी मिल के कर्मचारी भी मौजूद थे।
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