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समय से कराएं बुखार का इलाज, नहीं तो हो सकता जानलेवा

Gorakhpur Bureau गोरखपुर ब्यूरो
Updated Mon, 20 Sep 2021 11:37 PM IST
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Get treatment for fever on time
जिला अस्पताल में बच्चों की जांच करते डॉक्टर। - फोटो : MAHARAJGANJ
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समय से कराएं बुखार का इलाज, नहीं तो हो सकता जानलेवा
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विशेषज्ञों के मुताबिक, मौसम बदलने से संक्रामक बीमारियां बढ़ीं
जिला अस्पताल में रोज पहुंच रहे 100 से 125 मरीज
महराजगंज। शहर से लेकर गांवों तक बुखार का जबरदस्त प्रकोप है। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और निजी अस्पतालों में बुखार के मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि सामान्य बुखार के ज्यादा मरीज हैं। बुखार आने के दो दिन के अंदर इलाज शुरू न कराने पर हालत बिगड़ जाती है।
जिला अस्पताल में रोजाना बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं। सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में बुखार के साथ फैब्राइल सीजर की दिक्कत सामने आ रही है। इसमें तेज बुखार आने के बाद बच्चे अर्द्धबेहोशी की स्थिति में पहुंच जाते हैं। हालांकि थोड़ी देर बाद बच्चा सामान्य हो जाता है। ऐसी स्थिति में घबराने की नहीं, बल्कि बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने की जरूर है। जिला अस्पताल में तेज बुखार, वायरल, दस्त से पीड़ित करीब 100 से 125 बच्चे प्रतिदिन इलाज कराने आ रहे हैं। सीएमएस डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर पीड़ितों का बेहतर ढंग से इलाज कर रहे हैं।
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अब तक मिले 943 बुखार के मरीज
जिला मलेरिया अधिकारी त्रिभुवन चौधरी ने बताया कि 11 से 19 सितंबर 2021 तक 943 बुखार के मरीज मिले हैं। इनमें चार मरीजों के गंभीर होने के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया। एक जनवरी से 19 सितंबर 2021 तक एईएस के 109 मामले सामने आए हैं। हालत गंभीर होने के कारण तीन मरीजों की मौत हो चुकी है। एक जनवरी से 19 सितंबर तक चिकनगुनिया के तीन और डेंगू के छह मरीजों का इलाज हुआ है।
ऐसे करें बचाव
पूरे शरीर को कपड़े से ढकें, ठंड लगकर बुखार आने पर रजाई-कंबल से न ओढ़ें, शरीर से गरमी को बाहर निकलने दें, गीले कपड़े से शरीर को पोछते रहें, शाम के वक्त बाहर निकलने से बचें, क्योंकि उस वक्त मच्छरों का प्रकोप अधिक होता है, दूषित पानी का इस्तेमाल न करें, आसपास पानी न भरने दें।
कोट्स
वर्तमान में जल और मच्छर जनित बीमारियां बढ़ी हैं। बुखार आने पर मरीज को दो दिन के भीतर डॉक्टर को दिखा लें। वरना हालत बिगड़ सकती है। बच्चों के बुखार को नजरअंदाज न करें।
- डॉ. रंजन मिश्र, बाल रोग विशेषज्ञ
बच्चों के मामलों में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। जब मौसम में बदलाव हो रहा है तो उसे बाहर ले जाने से परहेज करें। यदि बहुत आवश्यक हो तो मास्क लगाकर बाहर ले जाएं। बीमारी के लक्षण दिखने पर तत्काल इलाज कराएं।
- डॉ. आरपी राय, बाल रोग विशेषज्ञ
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