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Vrindavan: हरियाली तीज पर बांकेबिहारी ने दिए दिव्य दर्शन, स्वर्ण-रजत हिंडोले में बैठकर किया भक्तों का उद्धार
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Sun, 27 Jul 2025 11:33 AM IST
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सार
ठाकुर जी को हरियाली तीज के उपलक्ष्य में स्वर्ण-रजत निर्मित हिंडोले में विराजमान किया गया, जो फूलों, बंदनवारों और रंगीन कपड़ों से सुसज्जित था। उनका श्रृंगार इतना मनोहारी था कि दर्शक कुछ पल को सांसें थामे उन्हें निहारते ही रह गए।

बांकेबिहारी मंदिर में उमड़ा भक्तों का हुजूम।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
वृंदावन में हरियाली तीज के पावन पर्व पर वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर श्रद्धा और भक्ति की अनंत धारा में डूब गया। ठाकुर बांके बिहारी लाल ने इस शुभ अवसर पर स्वर्ण व रजत से अलंकृत अत्यंत भव्य हिंडोले में विराजमान होकर लाखों श्रद्धालुओं को साक्षात दर्शन का दुर्लभ सौभाग्य प्रदान किया।
हरे रेशमी वस्त्र, मोतियों की कढ़ाई और बेशकीमती आभूषणों से सजे ठाकुर जी की छवि ऐसी प्रतीत हो रही थी मानो स्वयं साक्षात श्रीहरि वृंदावन की गलियों में अवतरित हो गए हों। दर्शन हेतु उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ में आस्था का ऐसा ज्वार था कि मंदिर की गलियों से लेकर शहर की सड़कों तक केवल भक्ति ही भक्ति दिखाई दी।
अलौकिक श्रृंगार, अनुपम हिंडोला
सुबह सात बजे जैसे ही मंदिर के पट खुले, भक्तों की आंखों में वर्ष भर की प्रतीक्षा समाप्त होने की चमक स्पष्ट दिखाई। ठाकुर जी को हरियाली तीज के उपलक्ष्य में स्वर्ण-रजत निर्मित हिंडोले में विराजमान किया गया, जो फूलों, बंदनवारों और रंगीन कपड़ों से सुसज्जित था। उनका श्रृंगार इतना मनोहारी था कि दर्शक कुछ पल को सांसें थामे उन्हें निहारते ही रह गए।

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हरे रेशमी वस्त्र, मोतियों की कढ़ाई और बेशकीमती आभूषणों से सजे ठाकुर जी की छवि ऐसी प्रतीत हो रही थी मानो स्वयं साक्षात श्रीहरि वृंदावन की गलियों में अवतरित हो गए हों। दर्शन हेतु उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ में आस्था का ऐसा ज्वार था कि मंदिर की गलियों से लेकर शहर की सड़कों तक केवल भक्ति ही भक्ति दिखाई दी।
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अलौकिक श्रृंगार, अनुपम हिंडोला
सुबह सात बजे जैसे ही मंदिर के पट खुले, भक्तों की आंखों में वर्ष भर की प्रतीक्षा समाप्त होने की चमक स्पष्ट दिखाई। ठाकुर जी को हरियाली तीज के उपलक्ष्य में स्वर्ण-रजत निर्मित हिंडोले में विराजमान किया गया, जो फूलों, बंदनवारों और रंगीन कपड़ों से सुसज्जित था। उनका श्रृंगार इतना मनोहारी था कि दर्शक कुछ पल को सांसें थामे उन्हें निहारते ही रह गए।

बांकेबिहारी मंदिर।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
श्रद्धा का जनसैलाब और सेवायतों की विशेष भेंट
भोर से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गई थीं। सेवायतों द्वारा ठाकुर जी को मावा गुजिया, मलाई घेवर, दालमोठ और फैनी जैसे तीज विशेष व्यंजन अर्पित किए गए। दर्शन का क्रम दोपहर दो बजे तक जारी रहा और फिर संध्या आरती के बाद पुनः रात 11 बजे तक मंदिर खुला रहा।
सुरक्षा में पसीने बहाए प्रशासन ने
श्रद्धालुओं की अपार भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को हर कदम पर सतर्कता बरतनी पड़ी। किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए मंदिर प्रशासन व पुलिस बल के बीच समन्वय सराहनीय रहा।
भोर से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गई थीं। सेवायतों द्वारा ठाकुर जी को मावा गुजिया, मलाई घेवर, दालमोठ और फैनी जैसे तीज विशेष व्यंजन अर्पित किए गए। दर्शन का क्रम दोपहर दो बजे तक जारी रहा और फिर संध्या आरती के बाद पुनः रात 11 बजे तक मंदिर खुला रहा।
सुरक्षा में पसीने बहाए प्रशासन ने
श्रद्धालुओं की अपार भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को हर कदम पर सतर्कता बरतनी पड़ी। किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए मंदिर प्रशासन व पुलिस बल के बीच समन्वय सराहनीय रहा।

बांकेबिहारी मंदिर।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सोशल मीडिया पर बिखरी भक्ति की आभा
भले ही मंदिर में कैमरे और मोबाइल प्रतिबंधित हों, लेकिन भक्तों की श्रद्धा ने तकनीक की सीमाओं को पार कर दिया। ठाकुर जी के दर्शन करते हुए कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। लोगों ने एक-दूसरे को हरियाली तीज की शुभकामनाएं देते हुए इस दिव्य छवि को साझा किया।
फूलों की सेज पर विश्राम को विराजे बिहारी जी
12 घंटे से अधिक समय तक भक्तों को दर्शन देने के बाद ठाकुर जी को रात्रि विश्राम के लिए विशेष रूप से तैयार की गई इत्र-सुगंधित पुष्पों की सेज पर विराजमान किया जाएगा। सेवायतों ने बताया कि यह सेज ठाकुर जी के लिए वर्ष भर में केवल विशिष्ट अवसरों पर ही सजाई जाती है।
भले ही मंदिर में कैमरे और मोबाइल प्रतिबंधित हों, लेकिन भक्तों की श्रद्धा ने तकनीक की सीमाओं को पार कर दिया। ठाकुर जी के दर्शन करते हुए कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। लोगों ने एक-दूसरे को हरियाली तीज की शुभकामनाएं देते हुए इस दिव्य छवि को साझा किया।
फूलों की सेज पर विश्राम को विराजे बिहारी जी
12 घंटे से अधिक समय तक भक्तों को दर्शन देने के बाद ठाकुर जी को रात्रि विश्राम के लिए विशेष रूप से तैयार की गई इत्र-सुगंधित पुष्पों की सेज पर विराजमान किया जाएगा। सेवायतों ने बताया कि यह सेज ठाकुर जी के लिए वर्ष भर में केवल विशिष्ट अवसरों पर ही सजाई जाती है।