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Muharram 2023: शिया सोगवारों ने जंजीरों-बर्छियों से किया मातम, तिरंगे के साथ देशभक्ति का भी दिया संदेश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: Dimple Sirohi Updated Sun, 30 Jul 2023 12:01 AM IST
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सार

घंटाघर पर जुलूस में अंजुमन इमामिया के वाजिद अली गप्पू ने अपने नौहों में इमाम हुसैन के हिंदुस्तान न आने की कसक को यूं बयां किया। मेरठ में शिया सोगवारों ने जंजीरी मातम मनाया और जुलूस निकाला।

Muharram 2023: Shia Sogwars mourned with chains and spears in Meerut
muharram - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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करबला जाते ना मौला काश आ जाते यहीं, मुंतजिर सदियों से अब तलक मेरा हिन्दुस्तान है....घंटाघर पर जुलूस में अंजुमन इमामिया के वाजिद अली गप्पू ने अपने नौहों में इमाम हुसैन के हिंदुस्तान न आने की कसक को यूं बयां किया। शनिवार को यौमे आशूरा पर घंटाघर, अब्दुल्लापुर, जैदी फार्म, लोहियानगर और शहर के अन्य स्थानों पर शिया सोगवारों ने जंजीरी मातम से लहूलुहान कर हुसैनियत का पैगाम दिया। या हुसैन-या हुसैन और लब्बैक या हुसैन-लब्बैक या अब्बास की सदाओं के बीच कदीमी जुलूस के साथ करबला के शहीदों को अश्कबार आंखों से अलविदा किया।

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रेलवे रोड मनसबिया करबला में मौलाना अब्बास बाकरी ने सुबह साढ़े नौ बजे आमाल ए आशूरा कराए। मोहर्रम कमेटी की मीडिया प्रभारी डॉ. इफ्फत जकिया ने बताया कि जुलूस नमाज ए जौहर के बाद इमामबारगाह छोटी करबला लाला बाजार से बरामद हुआ। जुलूस के संयोजक हसन मुर्तजा ने बताया कि जुलूस अपनी पारंपरिक शान ओ शौकत के साथ घंटाघर स्थित अजाखाना ए शाहे करबला से होता हुआ शाम को रेलवे रोड पर स्थित वक्फ मनसबिया पर संपन्न हुआ। इसमें अंजुमन इमामिया की ओर से वाजिद अली गप्पू, साजिद अली चांद, साहिल अली और मीसम, अंजुमन दस्ता हुसैनी की जानिब से हुमायूं अब्बास और गज़ाल, अंजुमन तंजीम अब्बास से सफदर हिंदुस्तानी, काशिफ आदि ने नौहेख्वानी की।

गमगीन फिजा और सोगवार माहौल में ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। रात आठ बजे सभी इमामबारगाहों में शाम ए गरीबां की मजलिस हुई। इसमें दानिश आबदी ने सोज़ पढ़ा और अकलीम हुसैन व फखरी मेरठी ने सलाम-ए-अकीदत पेश की। इसके बाद मजलिस शाम-ए-गरीबां पूर्वा फय्याज अली स्थित डाॅ. इकबाल हुसैन मरहूम के अजाखाने में हुई। जुलूस में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी, पूर्व पुलिस कमिश्नर दिल्ली कमर अहमद जैदी, बिलाल नकवी सहित बड़ी संख्या में हुसैनी सोगवार काले लिबास पहनकर शामिल रहे।
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अब्दुल्लापुर और जैदी फार्म में तिरंगे के साथ निकला जुलूस
अब्दुल्लापुर और जैदी फार्म में तिरंगे के साथ जुलूस में देशभक्ति के जज्बे के साथ करबला के शहीदों को याद कर खूनी मातम किया। अब्दुल्लापुर में हुसैनी चौक पहुंचकर सोगवारो ने जंजीरों मातम किया और खुद को लहूलुहान किया। बड़ा ताजिया इमामबारगाह असगर हुसैन से बरामद हुआ, जिसके बाद एक जुलूस ए जुलजनाह और अलम मोहल्ला कोर्ट शाकिर महल से बरामद हुआ।

ताजिया का जुलूस-ए-जुलजनाह दोनों किला रोड हुसैनी चौक पहुंचे। वहां से करबला आकर ताजियों को दफन किया गया। जुलूस में मिसम नकवी, जामीन, अम्मार जैदी, कमर आलम, अली मेहंदी हसन, रोशन अब्बास, मोहम्मद रजा पीरु ने नौहे पढ़े।

 मोहर्रम कमेटी के मीडिया प्रभारी अली हैदर रिजवी ने बताया जैदी फार्म में इमामबारगाह इश्तियाक हुसैन से मौलाना अब्बास असकरी की तकरीर के बाद दो बजे जुलजनाह और ताजिये का बड़ा जुलूस तिरंगे के साथ बरामद होकर अब्बास पैलेस, शाहजलाल हाॅल, कौमी एकता मार्ग, नई कोठी से होता हुआ जैदी सोसायटी कर्बला पहुंचकर सम्पन्न हुआ।

यहां हुसैनी सोगवारों ने जंजीरों का मातम किया। करबला में ताजिये और तर्बरूकात दफन किए गए। इस दौरान जावेद रज़ा, शबीह जैदी, अरशी नकवी, शाहनावाज़, नजर अब्बास आदि ने पुरसोज नौहे पढ़कर हुसैनियत का पैगाम दिया। वहीं लोहियानगर के-ब्लाक से ताजिये व अलम-ए-मुबारक का जुलूस तिरंगे झंडे के साथ बरामद हुआ। अन्जुमन जुल्फिकार-ए-हैदरी ने मातम व नौहेखानी की।

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