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Shamli Encounter: सिपाही भर्ती हुए थे सुनील कुमार, कमांडो का लिया प्रशिक्षण और बने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट

अमर उजाला नेटवर्क, मेरठ Published by: मोहम्मद मुस्तकीम Updated Wed, 22 Jan 2025 09:09 PM IST
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सार

शामली में चार बदमाशों के मुठभेड़ में मारे जाने के दौरान एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार को भी गोलियां लगी थीं। ग्ररुग्राम के मेदांता में बुधवार को उनकी मौत हो गई।

Shamli Encounter: Sunil Kumar was recruited as a constable, took commando training
शहीद हुए इंस्पेक्टर सुनील कुमार का फाइल फोटो। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मसूरी गांव निवासी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार (52) के दम तोड़ने की सूचना पर गांव में शोक व्याप्त हो गया। उनके घर सांत्वना देने वालों की भीड़ लग गई। 
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सुनील कुमार जून 1990 में यूपी पुलिस में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए थे। वर्ष 1997 में हरियाणा के मानेसर स्थित अकादमी से उन्होंने कमांडो का प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद सन 2000 में वह एसटीएफ में चले गए। उनकी तैनाती लखनऊ, नोएडा, मेरठ सहित अन्य एसटीएफ केंद्रों पर रही। लगातार बेहतर कार्य के बल पर पदोन्नति पाते रहे। वर्ष 2020 में एसटीएफ में वह सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर बने थे। परिजनों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को गांव के श्मशान घाट में किया जाएगा। उनके भतीजे अजीत सिंह ने बताया कि सुनील कुमार एक सप्ताह पहले ही परिवार से मिलने गांव आए थे।
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सुनील कुमार दो भाइयों में छोटे थे। बड़े भाई अनिल गांव मसूरी में खेती करते हैं। दोनों परिवार साथ रहते हैं। परिवार में सुनील कुमार की मां अतरकली देवी, पत्नी मुनेश देवी और शादीशुदा बेटा-बेटी मंजीत काकरान और नेहा चौधरी हैं। मंजीत पोस्ट ग्रेजुएट हैं और खेतीबाड़ी करते हैं। भतीजे अजीत सिंह के मुताबिक सुनील कुमार मेरठ पुलिस लाइन में ही रह रहे थे। पिछले सप्ताह घर आने के बाद वे एक दिन रुककर चले गए थे।

ग्रामीणों का कहना है कि उनका स्वाभाव मिलनसार था। मंगलवार सुबह से घटना के बारे में पता चलने पर लोगों का उनके घर आना-जाना शुरू हो गया था। बुधवार दोपहर करीब 2:30 बजे उनके दम तोड़ने की सूचना मिली। जिसके बाद से घर में कोहराम मच गया। 
 

कबड्डी के थे शानदार खिलाड़ी
भतीजे अजीत सिंह के मुताबिक सुनील कुमार कॉलेज के समय से ही कबड्डी के शानदार खिलाड़ी रहे। वह अपनी बटालियन की ओर से भी खेलने जाते थे। खेल में उन्हें कई पदक मिले। काम ज्यादा बढ़ने के कारण वे खेल पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाए। उन्हें बेहतर कार्य के लिए पुलिस मेडल भी दिया गया था।

मवाना स्थित कॉलेज से किया ग्रेजुएशन
सुनील कुमार ने मवाना स्थित एएस डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था। पढ़ाई में भी वह अच्छे थे। वह बच्चों से जब भी मिलते, पढ़ने की सलाह देते थे। 

आठ साल बाद था रिटायरमेंट
परिजनों के अनुसार उनका करीब आठ साल बाद रिटायरमेंट था। अपने कार्यकाल में उन्होंने बड़े-बड़े अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया। उन्होंने कई ऑपरेशन को लीड किया और सफलता दिलाई।
 
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