विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: जिंदगी से करें प्यार, ताकि कभी न आए खुदकुशी का विचार

देश में आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मेरठ की बात करें तो यहां हर साल 150 से ज्यादा आत्महत्या के मामले सामने आते हैं। इनकी रोकथाम जरूरी है। लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है।

अगर किसी को खुदकुशी के विचार आ रहे हैं तो किसी करीबी से बात साझा करनी चाहिए। हेल्पलाइन या पेशेवर परामर्शदाता या मनोचिकित्सक से बात करनी चाहिए। परिवार और दोस्त आसपास रहें। यह एहसास कराना चाहिए कि वह उस व्यक्ति से बहुत प्यार करते हैं और समझते हैं। आगे जानें आत्महत्या के विचारों से कैसे बचें :-
जिंदगी के प्रति रखें संतुलित नजरिया
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. रवि राणा बताते हैं कि आत्महत्या को रोका जा सकता है। आत्महत्या के पीछे मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक, व्यक्तिगत, सांस्कृतिक एवं परिस्थकीय कारण होते हैं। जिंदगी के प्रति संतुलित नजरिया रखें। अच्छा और बुरा दोनों ही जिंदगी के पहलू हैं। अपनी गलतियों से सीखें। नकारात्मक सोच को जरिया न बनाएं।
मन कक्ष में होता है मन की बीमारियों का इलाज
मानसिक रूप से परेशान लोगों की काउंसिलिंग और इलाज के लिए जिला अस्पताल में मन कक्ष शुरू किया गया है। जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेंद्र किशोर ने बताया कि इसमें मनोचिकित्सक और काउंसलर मरीजों की काउंसिलिंग कर उन्हें मानसिक परेशानी से निकालने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा सप्ताह में दो बार शहर और देहात में कैंप भी लगाए जाते हैं।
हर साल आठ लाख लोग करते हैं आत्महत्या
विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि 8 लाख लोग हर साल आत्महत्या से मर जाते हैं, यानि हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या से मरता है। इससे 25 गुना लोग आत्महत्या का प्रयास भी करते हैं।
आत्महत्या के प्रमुख कारण
- गंभीर बीमारी का होना
- पारिवारिक कलह
- आर्थिक कमजोरी व मानसिक विकार
- परीक्षा में असफलता
ऐसे बेहतर रखें अपने विचार
- सही दिनचर्या अपनाएं
- अच्छा खाएं, शारीरिक व्यायाम को रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाएं।
- अपने शौक को जिंदगी का हिस्सा बनाएं।
- खुलकर हंसे, मुस्कुराएं और अपनी बातों को शेयर करें।
- अपनी क्षमता के हिसाब से करियर और रिश्तों का चुनाव करें।