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देहरादून आपदा : तीसरे दिन मिला लापता होराम का शव
संवाद न्यूज एजेंसी, मुरादाबाद
Updated Fri, 19 Sep 2025 02:57 AM IST
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बिलारी के मुंडिया जैन गांव निवासी मृतक होराम का फाइल फोटो-स्रोत परिजन
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बिलारी (मुरादाबाद)। मुंडिया जैन गांव निवासी होराम का शव लापता होने के तीसरे दिन बृहस्पतिवार दोपहर मिल गया। होराम भी मंगलवार सुबह अपने गांव के अन्य मजदूरों के साथ देहरादून में आसन नदी के किनारे रेत निकालने गए थे।
होराम के पिता हरचरन, माता सोमवती और पत्नी रीना के शव मंगलवार दोपहर को ही आसन नदी से बरामद हो गए थे। बुधवार को इन तीनों के शव मुंडिया जैन गांव पहुंचने के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। परिजन और रिश्तेदार लापता होराम के शव की तलाश कर रहे थे। देहरादून प्रशासन की मदद से बृहस्पतिवार दोपहर लापता होराम का शव मिल गया। परिजन और रिश्तेदार अभी होराम के माता-पिता और पत्नी की हादसे में मौत हो जाने के गम से उबर भी नहीं पाए थे कि इसी बीच लापता होराम का शव मिल जाने की खबर ने उनके दुखों को और बढ़ा दिया।
मुंडिया जैन गांव निवासी रीनू (7) और उसके छोटे भाई तनु (5) को बृहस्पतिवार दोपहर रोता बिलखता देख ग्रामीणों और रिश्तेदारों की आंखें भर आईं। रीनू और तनु के दादा हरचरन, दादी सोमवती और माता रीना की तो मंगलवार को ही मौत हो गई थी और तीनों के शव भी मिल गए थे। दोनों भाई बहन को उम्मीद थी कि शायद उनके लापता पिता होराम जल्दी ही जीवित मिल जाएंगे लेकिन बृहस्पतिवार को देहरादून से आई खबर ने दोनों मासूम भाई बहन की इस उम्मीद को भी तोड़ दिया। दोनों मासूमों के पिता होराम का भी बृहस्पतिवार को शव बरामद हो गया। ऐसी स्थिति में दादा दादी और माता पिता चारों के दुनिया से चले जाने के बाद दोनों भाई बहन बेसहारा रह गए हैं।
होराम की ससुराल अमरोहा जिले थाना रहना अंतर्गत सिरसा पुरारा गांव की है। होराम की पत्नी रीना की मंगलवार को देहरादून बाढ़ हादसे में मौत हो जाने के बाद रीना की माता इंद्रादेवी अपने गांव सिरसा पुरारा से मुंडिया जैन आ गई है। इंद्रादेवी दो दिन से अपनी बेटी की मौत के गम डूबी हुई थी। बृहस्पतिवार को जब लापता दामाद होराम का शव मिलने की खबर आई तब वह बेहोश हो गई। उपचार के लिए निजी चिकित्सक को बुलाया गया दो घंटे बाद इंद्रादेवी को होश आया।

होराम के पिता हरचरन, माता सोमवती और पत्नी रीना के शव मंगलवार दोपहर को ही आसन नदी से बरामद हो गए थे। बुधवार को इन तीनों के शव मुंडिया जैन गांव पहुंचने के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। परिजन और रिश्तेदार लापता होराम के शव की तलाश कर रहे थे। देहरादून प्रशासन की मदद से बृहस्पतिवार दोपहर लापता होराम का शव मिल गया। परिजन और रिश्तेदार अभी होराम के माता-पिता और पत्नी की हादसे में मौत हो जाने के गम से उबर भी नहीं पाए थे कि इसी बीच लापता होराम का शव मिल जाने की खबर ने उनके दुखों को और बढ़ा दिया।
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मुंडिया जैन गांव निवासी रीनू (7) और उसके छोटे भाई तनु (5) को बृहस्पतिवार दोपहर रोता बिलखता देख ग्रामीणों और रिश्तेदारों की आंखें भर आईं। रीनू और तनु के दादा हरचरन, दादी सोमवती और माता रीना की तो मंगलवार को ही मौत हो गई थी और तीनों के शव भी मिल गए थे। दोनों भाई बहन को उम्मीद थी कि शायद उनके लापता पिता होराम जल्दी ही जीवित मिल जाएंगे लेकिन बृहस्पतिवार को देहरादून से आई खबर ने दोनों मासूम भाई बहन की इस उम्मीद को भी तोड़ दिया। दोनों मासूमों के पिता होराम का भी बृहस्पतिवार को शव बरामद हो गया। ऐसी स्थिति में दादा दादी और माता पिता चारों के दुनिया से चले जाने के बाद दोनों भाई बहन बेसहारा रह गए हैं।
होराम की ससुराल अमरोहा जिले थाना रहना अंतर्गत सिरसा पुरारा गांव की है। होराम की पत्नी रीना की मंगलवार को देहरादून बाढ़ हादसे में मौत हो जाने के बाद रीना की माता इंद्रादेवी अपने गांव सिरसा पुरारा से मुंडिया जैन आ गई है। इंद्रादेवी दो दिन से अपनी बेटी की मौत के गम डूबी हुई थी। बृहस्पतिवार को जब लापता दामाद होराम का शव मिलने की खबर आई तब वह बेहोश हो गई। उपचार के लिए निजी चिकित्सक को बुलाया गया दो घंटे बाद इंद्रादेवी को होश आया।
बिलारी के मुंडिया जैन गांव निवासी मृतक होराम का फाइल फोटो-स्रोत परिजन
बिलारी के मुंडिया जैन गांव निवासी मृतक होराम का फाइल फोटो-स्रोत परिजन
बिलारी के मुंडिया जैन गांव निवासी मृतक होराम का फाइल फोटो-स्रोत परिजन