Heat Stroke: हीट स्ट्रोक से जूझ रहे लोग, सरकारी रिकॉर्ड में जीरो, निजी अस्पतालों में रोज भर्ती हो रहे हैं मरीज
मुरादाबाद में गर्म हवाओं के चलते लोग हीट स्ट्रोक से लगातार जूझ रहे हैं। सरकारी अस्पताल में इस प्रकार के मरीज भी रोज पहुंच रहे हैं। इसके बाद भी सरकारी आंकड़ों में इनकी संख्या शून्य है। डॉक्टरों ने अपील की है कि दोपहर से शाम चार बजे तक जरूरी नहीं होने पर घर से बाहर न निकलें।
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मुरादाबाद में गर्म हवाओं व सूरज की तपिश से कई लोग हीट स्ट्रोक से जूझ रहे हैं। निजी डॉक्टरों के पास ओपीडी में रोजाना ऐसे मरीज आ रहे हैं। कुछ मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती भी हुए हैं। जबकि सरकारी रिकॉर्ड में अब तक हीट स्ट्रोक का कोई मरीज नहीं है।
सारे संसाधन होने के बावजूद जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बनाए गए कोल्ड रूम बंद हैं। गर्मी के कारण उल्टी, घबराहट, चक्कर, बेहोशी, हाथ-पैरों में जलन के लक्षण वाले मरीजों को सामान्य वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। जबकि निजी अस्पतालों के डॉक्टरों के मुताबिक स्थिति उलट है।
शुगर, बीपी व दिल के मरीजों को हीट स्ट्रोक का खतरा ज्यादा है। ऐसे मरीज हर दिन अस्पतालों में भर्ती करने पड़ रहे हैं। दिल की बीमारी वाले एक-दो मरीजों को हीट स्ट्रोक का असर ऐसा हुआ है कि उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।
डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि शुगर, बीपी या दिल की बीमारी है तो दोपहर 12 से शाम चार बजे तक घर से बाहर न निकलें।
गर्मी बढ़ा रही बीपी, जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंच रहे मरीज
गर्मी के कारण लोगों का ब्लड प्रेशर भी बढ़ रहा है। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राकेश कुमार के मुताबिक गर्मी के कारण दिमाग में कैटीकॉलामीन ज्यादा सक्रिय हो जाता है। इसके कारण दिमाग की तापमान नियंत्रण क्षमता खराब हो जाती है।
इसके कारण घबराहट, सांस फूलना, नाक से खून आना आदि लक्षण मरीजों में देखने को मिल रहे हैं। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने भी यही बताया। उन्होंने कहा कि हाई ब्लड प्रेशर के कई मरीज रोजाना आ रहे हैं। इसके अलावा डायरिया व फूड पॉयजनिंग के मरीज हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
- अकेले रहने वाले बुजुर्ग या बीमार लोगों की निगरानी करते रहें
- सामान्य पानी की जगह शिकंजी या इलेक्ट्रॉल पीएं
- दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक घर से बाहर न निकलें
- खाना बताने समय घर की खिड़कियां खुली रखें
- उच्च प्रोटीन वाला भोजन जैसे अंडे, मांस, दालें, पनीर आदि का सेवन न करें
- फील्ड में काम करने वाले लोग गमछा गीला करके सिर पर रखें
- पानी की बोतल साथ रखें, आंखों पर काला चश्मा लगाएं
- मौसमी फल व सब्जियां खाएं
- भोजन हल्का करें और पानी खूब पीएं
इन दिनों हीट स्ट्रोक के मरीज लगातार आ रहे हैं। शरीर में पानी की कमी न होने दें। घबराहट, उल्टी, नाक से खून, चक्कर, बेहोशी आदि लक्षण दिखें तो फौरन डॉक्टर के पास जाएं। घर को ठंडा रखें। रात में शेड, पर्दे आदि ढक दें, लेकिन खिड़कयां खुली रखें। -डॉ. राकेश कुमार, फिजिशियन
बीपी व दिल के मरीजों को हीट स्ट्रोक का खतरा ज्यादा रहता है। हीट स्ट्रोक के मरीज लगातार आ रहे हैं। जिन्हें दिल की बीमारी है, उनकी हालत गंभीर हो गई है। कुछ को भर्ती भी किया गया है। बीपी व दिल के मरीज डॉक्टर से लगातार परामर्श लेते रहें। गर्मी के दिनों में दवाएं बदली जाती हैं। - डॉ. अनुराग मेहरोत्रा, ह्रदय रोग विशेषज्ञ
सरकारी के अलावा कई निजी अस्पतालों से भी रोजाना डाटा लिया जा रहा है। हमारे रिकॉर्ड में अब तक कोई हीट स्ट्रोक का मरीज नहीं आया है। जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी तक सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। दवाओं की उपलब्धता से कोल्ड रूम में एसी आदि लगाए गए हैं। - डॉ. हरीश चंद्रा, जिला सर्विलांस अधिकारी