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Muzaffarnagar News: गमगीन माहौल में पीएसी के जवान का पार्थिव शरीर सुपुर्द ए खाक
संवाद न्यूज एजेंसी, मुजफ्फरनगर
Updated Sun, 21 Dec 2025 01:27 AM IST
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बुढा़ना। फाइल फोटो गुलजार
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बुढाना। कस्बा निवासी पीएसी के जवान गुलजार का पार्थिव शरीर बुढ़ाना पहुंचा तो परिवार शोक में डूब गया। तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को कब्रिस्तान में ले जाया गया। गमगीन माहौल में पीएसी के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर के तहत शोक सलामी दी। इसके बाद पार्थिव शरीर को सुपुर्द ए खाक किया गया।
मूल रूप से क्षेत्र के गांव बिटावदा के रहने वाले शराफत अली वर्ष 2013 में दंगे के दौरान बुढ़ाना के सठेडी रोड पर आकर बस गए थे। उन्होंने बताया कि बडा बेटा गुलजार वर्ष 2019 में पीएसी की 39वीं वाहिनी गौतमबुद्धनगर में भर्ती हुआ था। आज कल वह लखनऊ में एक मंत्री के सरकारी आवास पर ड्यूटी कर रहा था। ड्यूटी के दौरान उसके बेटे की मौत हो गई।
शनिवार को सुबह करीब 7 बजे जवान का पार्थिव शरीर बुढ़ाना पहुंचा तो परिवार में शोक छा गया। अंतिम दर्शन के लिए कस्बा व देहात के ग्रामीणाें की भीड़ लग गई। पीएसी के जवानों ने तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को घर के आंगन में रख दिया।
उसकी पत्नी सितारा पति के शव को देख कर चक्कर खाकर गिर गई। परिवार की महिलाओं ने उसे बामुश्किल सम्भाला। जवान के पार्थिव शरीर को कब्रिस्तान में ले जाया गया। लखनऊ से आए पीएसी के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर के सम्मान के साथ शोक सलामी दी।
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पत्नी सहित परिवार को रोता बिलखता छोड़ गया
बुढ़ाना। जवान गुलजार के पिता शराफत अली ट्रैक्टर मैकेनिक है। वे बागपत के खेकडा में दुकान करते हैं। छोटे भाई फरीद ने आईटीआई पास की है, वह नौकरी की तलाश में है। बहन फरीन (27) की शादी हो चुकी है। हिना अभी कुंवारी है। गुलजार की शादी करीब डेढ़ वर्ष पहले शामली जनपद के गांव इस्सोपुर निवासी सितारा के साथ हुई थी। वह अपने पीछे 8 माह की बेटी व अपनी माता व परिजनों को रोता बिलखता छोड़ गया।
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मूल रूप से क्षेत्र के गांव बिटावदा के रहने वाले शराफत अली वर्ष 2013 में दंगे के दौरान बुढ़ाना के सठेडी रोड पर आकर बस गए थे। उन्होंने बताया कि बडा बेटा गुलजार वर्ष 2019 में पीएसी की 39वीं वाहिनी गौतमबुद्धनगर में भर्ती हुआ था। आज कल वह लखनऊ में एक मंत्री के सरकारी आवास पर ड्यूटी कर रहा था। ड्यूटी के दौरान उसके बेटे की मौत हो गई।
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शनिवार को सुबह करीब 7 बजे जवान का पार्थिव शरीर बुढ़ाना पहुंचा तो परिवार में शोक छा गया। अंतिम दर्शन के लिए कस्बा व देहात के ग्रामीणाें की भीड़ लग गई। पीएसी के जवानों ने तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को घर के आंगन में रख दिया।
उसकी पत्नी सितारा पति के शव को देख कर चक्कर खाकर गिर गई। परिवार की महिलाओं ने उसे बामुश्किल सम्भाला। जवान के पार्थिव शरीर को कब्रिस्तान में ले जाया गया। लखनऊ से आए पीएसी के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर के सम्मान के साथ शोक सलामी दी।
पत्नी सहित परिवार को रोता बिलखता छोड़ गया
बुढ़ाना। जवान गुलजार के पिता शराफत अली ट्रैक्टर मैकेनिक है। वे बागपत के खेकडा में दुकान करते हैं। छोटे भाई फरीद ने आईटीआई पास की है, वह नौकरी की तलाश में है। बहन फरीन (27) की शादी हो चुकी है। हिना अभी कुंवारी है। गुलजार की शादी करीब डेढ़ वर्ष पहले शामली जनपद के गांव इस्सोपुर निवासी सितारा के साथ हुई थी। वह अपने पीछे 8 माह की बेटी व अपनी माता व परिजनों को रोता बिलखता छोड़ गया।

बुढा़ना। फाइल फोटो गुलजार
