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Pilibhit News: महिला अस्पताल की लिफ्ट में फंसे सीएमओ-सीएमएस और डीएफओ
संवाद न्यूज एजेंसी, पीलीभीत
Updated Thu, 03 Jul 2025 12:48 AM IST
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लिफ्ट से बाहर आने के बाद कर्मचारियों को निर्देश देते जिला महिला अस्पताल के सीएमएस राजेश कुमार स

पीलीभीत। मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला महिला अस्पताल के सीएमएस और सामाजिक वानिकी के डीएफओ बुधवार को महिला अस्पताल की लिफ्ट में फंस गए। अफसर करीब आठ से 15 मिनट तक फंसे रहे। अधिकारियों के लिफ्ट में फंस जाने से कर्मचारियाें के हाथ-पांव फूल गए। टेक्नीशियन को बुलाकर आनन-फानन में लिफ्ट सही कराई गई। मरीजों और तीमारदारों के लिफ्ट के उपयोग पर रोक लगा दी गई है।
पौधारोपण कार्यक्रम को लेकर सीएमओ डॉ. आलोक कुमार शर्मा और डीएफओ भरत कुमार डीके दोपहर करीब 12 बजे मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित जिला महिला अस्पताल पहुंचे थे। सीएमएस राजेश कुमार और अन्य कर्मचारियों के साथ सभी अफसर पहले तल से तीसरे तल पर जा रहे थे। बताया जा रहा है कि लिफ्ट में करीब 15 लोग थे। तकनीकि खराबी आ जाने से लिफ्ट बीच में ही फंस गई। करीब 15 मिनट तक अफसर लिफ्ट में फंसे रहे। सीएमएस ने कर्मचारियों को फोन कर सूचना दी। पता चलते ही कर्मचारी एकत्र हुए। टेक्नीशियन को बुलाकर लिफ्ट को संचालित कराया गया। लिफ्ट से बाहर आने के बाद अफसरों ने राहत की सांस ली। सीएमएस राजेश कुमार ने बताया कि तकनीकि खराबी आने से लिफ्ट लॉक हो गई थी। लिफ्ट का ट्रायल किया जा रहा है। मरीजों और तीमारदारों को उपयोग न करने को कहा गया है।
दो दिन पहले ही शुरू हुआ था लिफ्ट का संचालन
जिला महिला अस्पताल की लिफ्ट पिछले करीब आठ वर्षों से बंद थी। गर्भवती और प्रसूताओं को रैंप पर चढ़कर ओपीडी और वार्ड में जाना पड़ रहा था। शिकायतों के बाद जिम्मेदारों ने दो दिन पहले लिफ्ट का संचालन शुरू कराया। ट्रायल ही चल रहा था। अफसरों के लिफ्ट में फंसने से महिला अस्पताल के जिम्मेदार फिर सवालों के घेरे में हैं।
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पौधारोपण कार्यक्रम को लेकर सीएमओ डॉ. आलोक कुमार शर्मा और डीएफओ भरत कुमार डीके दोपहर करीब 12 बजे मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित जिला महिला अस्पताल पहुंचे थे। सीएमएस राजेश कुमार और अन्य कर्मचारियों के साथ सभी अफसर पहले तल से तीसरे तल पर जा रहे थे। बताया जा रहा है कि लिफ्ट में करीब 15 लोग थे। तकनीकि खराबी आ जाने से लिफ्ट बीच में ही फंस गई। करीब 15 मिनट तक अफसर लिफ्ट में फंसे रहे। सीएमएस ने कर्मचारियों को फोन कर सूचना दी। पता चलते ही कर्मचारी एकत्र हुए। टेक्नीशियन को बुलाकर लिफ्ट को संचालित कराया गया। लिफ्ट से बाहर आने के बाद अफसरों ने राहत की सांस ली। सीएमएस राजेश कुमार ने बताया कि तकनीकि खराबी आने से लिफ्ट लॉक हो गई थी। लिफ्ट का ट्रायल किया जा रहा है। मरीजों और तीमारदारों को उपयोग न करने को कहा गया है।
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दो दिन पहले ही शुरू हुआ था लिफ्ट का संचालन
जिला महिला अस्पताल की लिफ्ट पिछले करीब आठ वर्षों से बंद थी। गर्भवती और प्रसूताओं को रैंप पर चढ़कर ओपीडी और वार्ड में जाना पड़ रहा था। शिकायतों के बाद जिम्मेदारों ने दो दिन पहले लिफ्ट का संचालन शुरू कराया। ट्रायल ही चल रहा था। अफसरों के लिफ्ट में फंसने से महिला अस्पताल के जिम्मेदार फिर सवालों के घेरे में हैं।