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जंक्शन पर जनरल टिकट काउंटर बंद, यात्रियों ने किया हंगामा
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रेलवे स्टेशन स्थित अनारक्षित टिकट काउंटर की रात ग्यारह बजे बंद खिड़की। संवाद
- फोटो : PRATAPGARH
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मॉडल जंक्शन का जनरल टिकट काउंटर सोमवार रात दस बजे के बाद बंद कर दिया गया। ऐसे में जनरल और प्लेटफार्म टिकट खरीदने के लिए यात्रियों को परेशान होना पड़ा। इससे नाराज यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसकी शिकायत डीआरएम तक पहुंच गई।
रानीगंज के सुरेश कुमार और लीलापुर के रामआधार, अनुराग, गंगादीन, माता फेर, झिंगुरी समेत दर्जनों यात्री सोमवार रात स्टेशन आए थे। सोमवार देर रात करीब दो बजे उद्योग नगरी एक्सप्रेस जाने वाली थी।
कुछ यात्री जनरल टिकट के लिए परेशान थे तो कुछ प्लेटफार्म टिकट खरीदने के लिए। टिकट काउंटर बंद था। इससे यात्रियों को परेशान होना पड़ा। वे काफी देर तक काउंटर खोले जाने का इंतजार करते रहे। काउंटर नहीं खुलने पर हंगामा करने लगे। सूचना पर पहुंची जीआरपी और आरपीएफ ने किसी तरह लोगों को शांत कराया। यात्रियों ने इसकी शिकायत डीआरएम से की है।
शाम होते ही जीआरपी और आरपीएफ थाने के सामने छा जाता है अंधेरा
जीआरपी और आरपीएफ थाने थानों के सामने बड़े-बडे गड्ढे बने हुए हैं। शाम ढलने के बाद यहां अंधेरा छा जाता है। फोर्स न होने के कारण हर दिन रात में यात्री गिरकर चोटहिल हो रहे हैं। रेलवे के जिम्मेदार अफसर इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
रेल प्रशासन ने एक नंबर प्लेटफार्म की मरम्मत करवाकर टाइल्स लगवाई, मगर यह कार्य महज स्टेशन अधीक्षक कार्यालय और डाकघर तक कराया गया। इसके बाद जीआरपी और आरपीएफ थाना पड़ता है।
वहां रेल अफसरों ने प्लेटफार्म की मरम्मत नहीं कराई। इतना ही नहीं, यात्रियों के साथ रेल संपत्तियों की सुरक्षा में लगे जीआरपी और आरपीएफ के जवानों के लिए विद्युतीकरण तक कराना भी जिम्मेदार अफसरों ने उचित नहीं समझा। जबकि आरपीएफ थाने के बाद पावर केबिन है। जीआरपी एसओ ने बताया कि लखनऊ की ओर से आने वाली ट्रेनों के लिए एक नंबर प्लेटफार्म छोटा पड़ जाता है।
दो कोच जीआरपी और आरपीएफ थाने के सामने खड़े होते हैं। प्लेटफार्म न होने के कारण यात्री गिरकर चोटहिल होते हैं। इसके बावजूद न तो प्लेटफार्म बनवाया गया ओर न ही लाइटिंग की व्यवस्था की गई। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने कहा कि इसके लिए कई बार लिखापढ़ी की गई, मगर जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

रानीगंज के सुरेश कुमार और लीलापुर के रामआधार, अनुराग, गंगादीन, माता फेर, झिंगुरी समेत दर्जनों यात्री सोमवार रात स्टेशन आए थे। सोमवार देर रात करीब दो बजे उद्योग नगरी एक्सप्रेस जाने वाली थी।
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कुछ यात्री जनरल टिकट के लिए परेशान थे तो कुछ प्लेटफार्म टिकट खरीदने के लिए। टिकट काउंटर बंद था। इससे यात्रियों को परेशान होना पड़ा। वे काफी देर तक काउंटर खोले जाने का इंतजार करते रहे। काउंटर नहीं खुलने पर हंगामा करने लगे। सूचना पर पहुंची जीआरपी और आरपीएफ ने किसी तरह लोगों को शांत कराया। यात्रियों ने इसकी शिकायत डीआरएम से की है।
शाम होते ही जीआरपी और आरपीएफ थाने के सामने छा जाता है अंधेरा
जीआरपी और आरपीएफ थाने थानों के सामने बड़े-बडे गड्ढे बने हुए हैं। शाम ढलने के बाद यहां अंधेरा छा जाता है। फोर्स न होने के कारण हर दिन रात में यात्री गिरकर चोटहिल हो रहे हैं। रेलवे के जिम्मेदार अफसर इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
रेल प्रशासन ने एक नंबर प्लेटफार्म की मरम्मत करवाकर टाइल्स लगवाई, मगर यह कार्य महज स्टेशन अधीक्षक कार्यालय और डाकघर तक कराया गया। इसके बाद जीआरपी और आरपीएफ थाना पड़ता है।
वहां रेल अफसरों ने प्लेटफार्म की मरम्मत नहीं कराई। इतना ही नहीं, यात्रियों के साथ रेल संपत्तियों की सुरक्षा में लगे जीआरपी और आरपीएफ के जवानों के लिए विद्युतीकरण तक कराना भी जिम्मेदार अफसरों ने उचित नहीं समझा। जबकि आरपीएफ थाने के बाद पावर केबिन है। जीआरपी एसओ ने बताया कि लखनऊ की ओर से आने वाली ट्रेनों के लिए एक नंबर प्लेटफार्म छोटा पड़ जाता है।
दो कोच जीआरपी और आरपीएफ थाने के सामने खड़े होते हैं। प्लेटफार्म न होने के कारण यात्री गिरकर चोटहिल होते हैं। इसके बावजूद न तो प्लेटफार्म बनवाया गया ओर न ही लाइटिंग की व्यवस्था की गई। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने कहा कि इसके लिए कई बार लिखापढ़ी की गई, मगर जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
रेलवे स्टेशन स्थित अनारक्षित टिकट काउंटर बंद होने से विरोध जताते यात्री। संवाद- फोटो : PRATAPGARH