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पुलिस कोतवाली में गाजे-बाजे के बीच सात फेरे लेकर बने जिंदगी के हमसफर
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नगर कोतवाली के मंदिर में हुई शादी। संवाद
- फोटो : PRATAPGARH
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आंखों में एक दूसरे का हमसफर बनने का सपना संजोए युवक-युवती की राह में परिवार के लोग आड़े आए, मगर पुलिस के हस्तक्षेप के बाद दोनों हमेशा के लिए एक दूसरे के हो गए। नगर कोतवाली में गाजे-बाजे के बीच सात फेरे लेकर दोनों ने सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाईं। कोतवाली से ही ससुराल के लिए दुल्हन विदा हो गई।
कंधई थाना क्षेत्र के दिलीपपुर के रहने वाले अमित पाल व अंतू थाना क्षेत्र के सेेतापुर की रहने वाली बबिता पाल ने 14 अप्रैल 2021 को कोर्ट मैरिज कर ली थी। परिवार के लोगों ने दोनों की शादी 25 नवंबर को करने के लिए स्वीकृति भी दे दी थी। मगर बबिता के भाई का कुछ माह पहले देहांत हो गया। जिसके चलते परिवार के लोग शादी टालने की जिद पर अड़े थे। मगर दोनों एक दूसरे का हमसफर बनने के लिए बेचैन थे।
25 नवंबर को शादी की तिथि टलती देख दोनों बेल्हा देवी मंदिर पहुंचकर विवाह की रस्मों को पूरा करने की तैयारी करने लगे। मामले की जानकारी होने पर बबिता के परिवार के लोग बेल्हा देवी मंदिर पहुंच गए। वे शादी रोकने में लग गए। सूचना मिलने के बाद कोतवाली पुलिस पहुंच गई। सभी को लेकर कोतवाली आ गई।
यहां पूछताछ के बाद कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में परिसर में स्थित मंदिर में दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। इस दौरान ढोल ताशे बजते रहे। गाजे-बाजे के बीच पुजारी ने वैदिक रीति-रिवाज से दोनों की शादी कराई। जिसके बाद दोनों जिंदगी भर के लिए एक दूजे के हो गए। नगर कोतवाल की मौजूदगी में दुल्हन की विदाई ससुराल के लिए हुई। इस दौरान दोनों के परिजन भी मौजूद रहे।

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कंधई थाना क्षेत्र के दिलीपपुर के रहने वाले अमित पाल व अंतू थाना क्षेत्र के सेेतापुर की रहने वाली बबिता पाल ने 14 अप्रैल 2021 को कोर्ट मैरिज कर ली थी। परिवार के लोगों ने दोनों की शादी 25 नवंबर को करने के लिए स्वीकृति भी दे दी थी। मगर बबिता के भाई का कुछ माह पहले देहांत हो गया। जिसके चलते परिवार के लोग शादी टालने की जिद पर अड़े थे। मगर दोनों एक दूसरे का हमसफर बनने के लिए बेचैन थे।
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25 नवंबर को शादी की तिथि टलती देख दोनों बेल्हा देवी मंदिर पहुंचकर विवाह की रस्मों को पूरा करने की तैयारी करने लगे। मामले की जानकारी होने पर बबिता के परिवार के लोग बेल्हा देवी मंदिर पहुंच गए। वे शादी रोकने में लग गए। सूचना मिलने के बाद कोतवाली पुलिस पहुंच गई। सभी को लेकर कोतवाली आ गई।
यहां पूछताछ के बाद कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में परिसर में स्थित मंदिर में दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। इस दौरान ढोल ताशे बजते रहे। गाजे-बाजे के बीच पुजारी ने वैदिक रीति-रिवाज से दोनों की शादी कराई। जिसके बाद दोनों जिंदगी भर के लिए एक दूजे के हो गए। नगर कोतवाल की मौजूदगी में दुल्हन की विदाई ससुराल के लिए हुई। इस दौरान दोनों के परिजन भी मौजूद रहे।