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पछुवा के जोर से थमे राहगीरों के कदम
अमर उजाला ब्यूरो प्रतापगढ़
Updated Tue, 12 Apr 2016 11:50 PM IST
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pratapgarh
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मंगलवार को पछुवा के अंधड़ से राहगीरों के कदम थम गए। तेज गति से चलने वाली हवाएं बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थीं। दिनभर धूल भरी हवाओं के चलने से लोग चेहरा बांधकर निकले। पुरुषों ने गमछा तो महिलाओं ने दुपट्टे से चेहरे को छिपा रखा था, लेकिन इसके बावजूद भी राहत नहीं मिल पा रही थी। मंगलवार की सुबह अचानक अंधड़ के चलने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तेज गति से चलने वाली हवाएं जहां लोगों की गति परिवर्तित कर देती थी, वहीं धूल के गुबार के आगे राहगीरों को कुछ भी नहीं दिखाई देता था। सुबह से तेज हवाओं के चलने का दौर शाम तक जारी रहा।
धूल भरी हवाओं के चलने से जहां आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा, वहीं परीक्षार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्नातक और अरबी-फारसी की परीक्षा देने के लिए घरों से निकले परीक्षार्थियों को केंद्र तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इधर, तेज हवाओं के चलने से ग्रामीण इलाकों में गेहूं की मड़ाई पूरी तरह ठप रही। खेत में पड़ी डांठ तेज हवाओं के साथ इधर-उधर हो गई। इससे किसानों को उसे इकठ्ठा करने में काफी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि शाम को हवाओं का तेवर ठंडा होते ही आम लोगों ने राहत की सांस ली।

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धूल भरी हवाओं के चलने से जहां आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा, वहीं परीक्षार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्नातक और अरबी-फारसी की परीक्षा देने के लिए घरों से निकले परीक्षार्थियों को केंद्र तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इधर, तेज हवाओं के चलने से ग्रामीण इलाकों में गेहूं की मड़ाई पूरी तरह ठप रही। खेत में पड़ी डांठ तेज हवाओं के साथ इधर-उधर हो गई। इससे किसानों को उसे इकठ्ठा करने में काफी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि शाम को हवाओं का तेवर ठंडा होते ही आम लोगों ने राहत की सांस ली।
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