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Shahjahanpur News: सीता जी के स्वयंवर में प्रभु श्रीराम ने किया धनुष भंग

Bareily Bureau बरेली ब्यूरो
Updated Mon, 17 Nov 2025 12:11 AM IST
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Lord Shri Ram broke the bow in Sita's swayamvar.
जैतीपुर में रामलीला का मंचन करते कलाकार। स्रोत: आयोजक
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परौर। बाबा ब्रह्मदेव स्थान पर श्रीरामलीला में रविवार को वृंदावन धाम से आई आदर्श रामलीला मंडली के कलाकारों ने सीता जी के स्वयंवर का मंचन कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। मंचन में दिखाया गया कि स्वयंवर में बाणासुर और रावण समेत विभिन्न देशों के महाबली राजा-महाराजा आए, किंतु उनमें से कोई भी शिवजी का धनुष उठा नहीं सका। अंत में महामुनि विश्वामित्र के संकेत पर उठे प्रभु श्रीराम ने जैसे ही धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई, वह टूट गया। तत्पश्चात माता सीता ने उनके गले में वरमाला डाल दी। अगले दृश्य में धनुष टूटने की खबर सुनकर पहुंचे परशुराम कुपित होते हैं और लक्ष्मण से उनका संवाद होता है। अंत में विनय भाव से प्रभु श्रीराम ने उन्हें शांत किया।
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लक्ष्मणजी को शक्ति लगने पर संजीवनी लेकर आए वीर हनुमान
जैतीपुर। रामलीला में रविवार को कलाकारों ने लक्ष्मण-मेघनाद के बीच घमासान युद्ध का मंचन किया। कलाकारों ने दिखाया कि मेघनाद के शक्ति बाण से लक्ष्मण जी मूर्छित हो जाते हैं। भाई पर आए संकट से श्रीराम को दुखी देख विभीषण उन्हें लंका से सुषेण वैद्य को बुलाने की सलाह देते हैं। तब हनुमानजी वैद्य को लंका से लेकर आते हैं। वैद्य के कहने पर हिमालय से संजीवनी बूटी लाते हैं। बूटी के प्रयोग से लक्ष्मण जी की मूर्छा टूटने पर रामदल में हर्ष की लहर दौड़ जाती है। इस दौरान रामनिवास, सुनील सिंह, श्रीपाल, सुखपाल, दिनेश सिंह, बृजपाल सिंह आदि श्रद्धालु मौजूद रहे। संवाद
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चंदहास की भक्ति भावना का रासलीला में हुआ मंचन
कुर्रियाकलां। भमौली गांव में चल रही रासलीला में रविवार को वृंदावन से आए कलाकारों ने भक्त चंद्रहास के चरित्र का मंचन कर श्रद्धालुओं को ईश्वर की भक्ति के लिए प्रेरित किया। मंचन में दिखाया गया कि एक बार शनिदेव महाराज और लक्ष्मी जी में बहस छिड़ गई कि कौन ज्यादा बलवान है। निर्णय के लिए दोनों कुंतन नरेश के यहां जाते हैं। वहां पर शनिदेव राजा कुंतन और रानी को मार डालते हैं। इसी बीच लक्ष्मीजी राजा कुंतन के पुत्र चंद्रहास को लेकर चली जाती हैं और शनिदेव की पुत्री विधिमा से उसका विवाह करा देती हैं। इस बात से नाराज शनिदेव चंद्रहास को मरना चाहते हैं, किंतु लक्ष्मीजी शनिदेव से युद्ध कर चंद्रहास की प्राण रक्षा करती हैं। युद्ध में पराजित शनिदेव अंत में लक्ष्मी जी के चरणों में गिरकर क्षमा मांगते हैं। मंचन की व्यवस्था में चमन शुक्ला, लक्ष्मीकांत दीक्षित, प्रदीप शुक्ला, कमलेश वर्मा, मृदुल शुक्ला आदि का सहयोग रहा। संवाद
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गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व पर निकाला गया नगर कीर्तन
तिलहर। सिखों के आराध्य गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व पर रविवार को नगर कीर्तन निकाला गया। इसमें पंज प्यारे आकर्षण का केंद्र रहे। मोहल्ला बहादुरगंज स्थित गुरुद्वारा से श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में निकाले गए नगर कीर्तन में सबसे आगे गतका पार्टी के युवा अपनी युद्ध कलाओं का प्रदर्शन करते चल रहे थे। उनके पीछे पंच प्यारे चल रहे थे। सेवादार रास्ते में झाड़ू लगाकर पानी का छिड़काव करते रहे। कई जगह पर पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। इस दौरान परविंदर सिंह, ढाकन सिंह, समरजीत सिंह, कुलजीत सिंह, गुरजीत सिंह, रवींद्र सिंह आदि श्रद्धालु मौजूद रहे। संवाद

जैतीपुर में रामलीला का मंचन करते कलाकार। स्रोत: आयोजक

जैतीपुर में रामलीला का मंचन करते कलाकार। स्रोत: आयोजक

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