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रिश्ते रक्त से नहीं, भावना से हैं बंधते : विजय कौशल

Bareily Bureau बरेली ब्यूरो
Updated Mon, 17 Nov 2025 12:10 AM IST
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Relationships are not bound by blood, but by emotions: Vijay Kaushal
शाहजहांपुर में श्रीराम कथा सुनाते संत विजय कौशल। स्रोत: आयोजक
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शाहजहांपुर। मंगलमय परिवार की ओर से कैंट स्थित रामलीला मैदान पर विश्राम हो गया। अंतिम दिन संत विजय कौशल ने अपनी वाणी से कथा सुनाकर भक्ति से सराबोर कर दिया। उन्होंने कहा कि भरत का प्रेम संसार को यह दिखाता है कि रिश्ते रक्त से नहीं, भावना से बंधते हैं।
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संत ने कहा कि अयोध्या के राजकुमार भरत और प्रभु श्रीराम वन में एक-दूसरे से मिलने के लिए आतुर हुए। यह भेंट केवल भाइयों का मिलन नहीं था, यह प्रेम, समर्पण और आदर्श का शिखर था। भरत के हृदय में राम के लिए जो प्रेम था, वह संसार के सभी प्रेम से श्रेष्ठ है। भरत महाराज नंदीग्राम से चलकर वन की ओर पहुंचे, तब उनके मन में केवल एक ही संकल्प था।
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उन्होंने कहा कि भरत का प्रेम इतना निर्मल था कि संसार भर की महिमा भी उनके सामने फीकी पड़ जाती है। उनकी चौपाइयों को सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। मुख्य यजमान मनोज दीक्षित, डॉ.संजय पाठक, राजपूत रेजीमेंट के पुष्पेंद्र गंगवार रहे। इस मौके पर एडीएम एफआर अरविंद कुमार, डॉ. ब्रजेश यादव, महिपाल गंगवार, महापौर अर्चना वर्मा, जलालाबाद विधायक हरिप्रकाश वर्मा उपस्थित रहे।

शाहजहांपुर में श्रीराम कथा सुनाते संत विजय कौशल। स्रोत: आयोजक

शाहजहांपुर में श्रीराम कथा सुनाते संत विजय कौशल। स्रोत: आयोजक

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