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Shamli News: 2026 में शुरू होगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य
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शामली। शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण शामली के थानाभवन क्षेत्र व गोगवान जलालपुर से शुरू होकर गोरखपुर और नेपाल सीमा तक किया जाएगा। अगले साल 2026 में अधिसूचना जारी होने के बाद 22 जिलों और 37 तहसीलों से सक्षम अधिकारियों की नियुक्ति एनएचएआई द्वारा की जाएगी। इसके बाद एनएचएआई और जिला प्रशासन की राजस्व टीम भूमि अधिग्रहण कार्य शुरू करेगी।
यह एक्सप्रेसवे पूरे प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा। इसके बनने से न केवल युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा। इस परियोजना के लिए पहले ही 22 जिलों का एलाइनमेंट सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा रही है। डीपीआर में तय होगा कि कितने पुल, ओवरब्रिज और फ्लाईओवर की आवश्यकता होगी। अनुमान है कि यह प्रक्रिया लगभग तीन महीने में पूरी हो जाएगी।
निर्माण अलग-अलग चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में शामली से पुवायां तक लगभग 450 किलोमीटर, जबकि दूसरे चरण में पुवायां से गोरखपुर तक लगभग 300 किलोमीटर का निर्माण होगा। इसके पूरा होने के बाद यूपी का पूर्वी और पश्चिमी हिस्सा सीधे जुड़ जाएगा और गोरखपुर से शामली तक यात्रा का समय 7-8 घंटे तक घट जाएगा।
पहले हुए सर्वे में गोरखपुर से बस्ती, गोंडा और सीतापुर रूट तय था, लेकिन अब नए सिरे से एलाइनमेंट निर्धारित किया गया है। संभावना है कि नया रूट नेपाल की सीमा के पास जिलों से होते हुए लखनऊ, सीतापुर, बरेली और मेरठ, बिजनाैर व मुजफ्फरनगर होते हुए शामली तक पहुंचेगा। एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि सर्वेक्षण जल्द पूरा हो गया है और डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी जाएगी।
शामली गोरखपुर छह लेन एक्सप्रेसवे शामली जिले के थानाभवन क्षेत्र, गोगवान जलालपुर से शुरू होकर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। यह 22 जिलों को जोड़ते हुए गोरखपुर और नेपाल सीमा तक जाएगा।
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से औद्योगिक शहरों और कस्बों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार बढ़ेंगे, मालवाहन की लागत घटेगी, राष्ट्रीय राजमार्गों पर भीड़ कम होगी और सड़क हादसों की संभावना में भी कमी आएगी।
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यह एक्सप्रेसवे पूरे प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा। इसके बनने से न केवल युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा। इस परियोजना के लिए पहले ही 22 जिलों का एलाइनमेंट सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा रही है। डीपीआर में तय होगा कि कितने पुल, ओवरब्रिज और फ्लाईओवर की आवश्यकता होगी। अनुमान है कि यह प्रक्रिया लगभग तीन महीने में पूरी हो जाएगी।
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निर्माण अलग-अलग चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में शामली से पुवायां तक लगभग 450 किलोमीटर, जबकि दूसरे चरण में पुवायां से गोरखपुर तक लगभग 300 किलोमीटर का निर्माण होगा। इसके पूरा होने के बाद यूपी का पूर्वी और पश्चिमी हिस्सा सीधे जुड़ जाएगा और गोरखपुर से शामली तक यात्रा का समय 7-8 घंटे तक घट जाएगा।
पहले हुए सर्वे में गोरखपुर से बस्ती, गोंडा और सीतापुर रूट तय था, लेकिन अब नए सिरे से एलाइनमेंट निर्धारित किया गया है। संभावना है कि नया रूट नेपाल की सीमा के पास जिलों से होते हुए लखनऊ, सीतापुर, बरेली और मेरठ, बिजनाैर व मुजफ्फरनगर होते हुए शामली तक पहुंचेगा। एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि सर्वेक्षण जल्द पूरा हो गया है और डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी जाएगी।
शामली गोरखपुर छह लेन एक्सप्रेसवे शामली जिले के थानाभवन क्षेत्र, गोगवान जलालपुर से शुरू होकर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। यह 22 जिलों को जोड़ते हुए गोरखपुर और नेपाल सीमा तक जाएगा।
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से औद्योगिक शहरों और कस्बों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार बढ़ेंगे, मालवाहन की लागत घटेगी, राष्ट्रीय राजमार्गों पर भीड़ कम होगी और सड़क हादसों की संभावना में भी कमी आएगी।
