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भाजू गांव में पहुंची टीम का विरोध
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शामली क्षेत्र के गांव भाजू में किसानों की शिकायत सुनते अधिकारी।
- फोटो : SHAMLI
भाजू गांव में पहुंची टीम का विरोध
शामली। दिल्ली-देहरादून इकनॉमिक कॉरिडोर स्पेशल एक्सप्रेसवे के किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित जिला स्तरीय विभागों के अफसरों की टीम भाजू गांव में पहुंची। समक्ष अधिकारी की गैर मौजूदगी में पहुंची टीम से किसानों ने सवाल-जवाब किए। जवाब न दिए जाने पर किसानों ने टीम का विरोध करते हुए हंगामा कर दिया। जिसके टीम बैरंग लौट आई।
दिल्ली-देहरादून इकनॉमिक कॉरिडोर स्पेशल एक्सप्रेसवे की जद में आने वाले गांवों के किसान संघर्ष समिति 11 सूत्रीय मांगो को लेकर पिछले तीन माह से आंदोलित है। नया बढ़ा मुआवजा दिए जाने पेड़ों, भवनों, नलकूपों के मुआवजा की पुर्नमूल्यांकन करने संबंधी मांगो को लेकर डीएम, मंडलायुक्त सहारनपुर के साथ बैठक कर चुके हैं। मंडलायुक्त डॉ. लोकेश एम के निर्देश पर जिला स्तरीय विभागों के अफसरों की टीम गठित की गई है। डीएम शामली के निर्देश पर सोमवार को विभागों की एक टीम भाजू गांव में पहुंची। जहां किसानों ने प्रशासन द्वारा गठित टीम से सवाल-जवाब किए। टीम के सदस्य कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जिस पर किसानों ने टीम का विरोध करते हुए हंगामा कर दिया।
किसान संघर्ष समिति के सचिव विदेश मलिक ने बताया कि प्रशासन की टीम में वन विभाग और सिंचाई विभाग के अफसर मौजूद नहीं थे। टीम के अफसर आधी अधूरी तैयारियों के आए थे। जिनके पास किसानों की किसी भी समस्या का समाधान नहीं था। उद्यान विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि जिस कंपनी ने सर्वे किया था, वही इसमें फेरबदल कर सकती है। पटवारी को खेतों की पैमाइश के लिए बताया तो उनका जवाब था कि पैमाइश नहीं होगी। जिस कारण टीम को काफी विरोध का सामना करना पड़ा।
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दिल्ली-देहरादून इकनॉमिक कॉरिडोर स्पेशल एक्सप्रेसवे की जद में आने वाले गांवों के किसान संघर्ष समिति 11 सूत्रीय मांगो को लेकर पिछले तीन माह से आंदोलित है। नया बढ़ा मुआवजा दिए जाने पेड़ों, भवनों, नलकूपों के मुआवजा की पुर्नमूल्यांकन करने संबंधी मांगो को लेकर डीएम, मंडलायुक्त सहारनपुर के साथ बैठक कर चुके हैं। मंडलायुक्त डॉ. लोकेश एम के निर्देश पर जिला स्तरीय विभागों के अफसरों की टीम गठित की गई है। डीएम शामली के निर्देश पर सोमवार को विभागों की एक टीम भाजू गांव में पहुंची। जहां किसानों ने प्रशासन द्वारा गठित टीम से सवाल-जवाब किए। टीम के सदस्य कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जिस पर किसानों ने टीम का विरोध करते हुए हंगामा कर दिया।
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किसान संघर्ष समिति के सचिव विदेश मलिक ने बताया कि प्रशासन की टीम में वन विभाग और सिंचाई विभाग के अफसर मौजूद नहीं थे। टीम के अफसर आधी अधूरी तैयारियों के आए थे। जिनके पास किसानों की किसी भी समस्या का समाधान नहीं था। उद्यान विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि जिस कंपनी ने सर्वे किया था, वही इसमें फेरबदल कर सकती है। पटवारी को खेतों की पैमाइश के लिए बताया तो उनका जवाब था कि पैमाइश नहीं होगी। जिस कारण टीम को काफी विरोध का सामना करना पड़ा।