{"_id":"4c58f254-9e87-11e2-bf8d-d4ae52bc57c2","slug":"uttar-pradesh-police-top-fake-encounter","type":"story","status":"publish","title_hn":"फर्जी एनकाउंटर करने में नंबर वन है यूपी पुलिस","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
फर्जी एनकाउंटर करने में नंबर वन है यूपी पुलिस
इंटरनेट डेस्क
Updated Sat, 06 Apr 2013 05:09 PM IST
विज्ञापन


वारदातों के फर्जी खुलासे और हत्या को खुदकुशी में तब्दील करने में माहिर उत्तर प्रदेश पुलिस के खाते में अब एक और उपलब्धि जुड़ गई है। यह उपलब्धि फर्जी मुठभेड़ के मामले में है। जी हां उत्तर प्रदेश पुलिस फर्जी मुठभेड़ के मामले में भी अव्वल है। ये बात हम नहीं बल्कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आंकड़े कह रहें हैं।
विज्ञापन
Trending Videos
आंकड़ों के मुताबिक यूपी में फर्जी मुठभेड़ मामले में 3 साल के दौरान 120 लोग मारे जा चुके हैं।
आयोग ने पिछले तीन वर्ष में पुलिस, रक्षा और अर्द्ध सैनिक बलों द्वारा किए गए कथित फर्जी मुठभेड़ों के 426 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश से हैं। बात अगर सिर्फ वर्ष 2011 की करें तो 6 बेगुनाह लोगों को यूपी पुलिस ने गोलियों का शिकार बनाया था। मारे लोगों के परिजनों ने आयोग से न्याय की गुहार लगाई थी।
विज्ञापन
विज्ञापन
वर्ष 2010-11 में आयोग को मिली शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि यूपी पुलिस ने फर्जी इंकाउंटर में करीब 40 लोगों को मार डाला है। इसी प्रकार 2008-09 और 2009-10 में यह संख्या 71 रही।
वर्ष 2008-09 से जून 2011 के बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने फर्जी इंकाउंटर के 369 मामले दर्ज किए थे। इनमें से 98 मामले आयोग हल कर चुका है, जबकि 271 मामलों का निपटारा बाकी है।
90 मामलों में पुलिस की कार्यवाही संदेहास्पद मिली और आयोग ने मृतक के परिजनों को 4.54 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की संस्तुति की थी।
पिछले तीन वर्ष में ऐसे 155 मामलों में 8.53 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद व मुआवजा देने की सिफारिश की गई है।
पिछले साल लोकसभा में उठा था मामला
गृह राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने पिछले साल अप्रैल में लोकसभा में इस मामले को उठाया था।
एक लिखित प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कथित फर्जी मुठभेड के 2009-10 में 103, 2010-11 में 129 तथा 2011-12 में 194 मामले दर्ज किए। इनमें से 84 मामलों को निपटाया जा चुका है।
उत्तरप्रदेश अव्वल
यूपी के बाद मणिपुर ऐसा राज्य है, जहां फर्जी मुठभेड़ के सर्वाधिक मामले हैं। यहां तीन साल में 60 लोग मारे जा चुके हैं। उग्रवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन साल के दौरान फर्जी मुठभेड़ के 14 मामले दर्ज किए गए।
नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में पिछले तीन साल के दौरान फर्जी मुठभेड़ के 11 मामलों की खबर है।
पिछले तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश में कथित फर्जी मुठभेड़ के सर्वाधिक 112 मामले दर्ज किए गए।
इस अवधि के दौरान मणिपुर में 50, असम में 30, झारखंड में 27, जम्मू-कश्मीर में 23, छत्तीसगढ में 20 और ओडीशा में 18 मामले दर्ज किए गए।