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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में कोर्ट ने कहा- संशोधित अर्जी सुनने योग्य नहीं, 22 जुलाई को अगली सुनवाई
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: प्रगति चंद
Updated Fri, 18 Jul 2025 03:17 PM IST
सार
Gyanvapi Case: पिछले तिथि पर वादी रहे मृतक हरिहर पांडेय की बेटियों की ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी को हटाने संबंधित अर्जी पोषणीयता पर ही खारिज कर दी थी।
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Gyanvapi Case
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) भावना भारती की अदालत में बृहस्पतिवार को ज्ञानवापी के वर्ष 1991 के पुराने मामले में सुनवाई हुई। आदेश संशोधित अर्जी पर वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से आपत्ति दाखिल की गई। कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर यह अर्जी सुनने योग्य नहीं है। अगली सुनवाई के लिए 22 जुलाई की तिथि नियत कर दी।
पिछले तिथि पर वादी रहे मृतक हरिहर पांडेय की बेटियों की ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी को हटाने संबंधित अर्जी पोषणीयता पर ही खारिज कर दी थी। इसके बाद उसी दिन बेटियों की ओर से अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव ने आदेश में संशोधित करने संबंधित अर्जी दाखिल कर दी थी।
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बेटियों की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया कि आदेश में त्रुटिपूर्ण है। इस पर आदेश को संशोधित करने की गुहार लगाई है। उस पर वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से आपत्ति दाखिल की गई है। उसमें कहा गया कि इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही कोर्ट ने विधि सम्मत आदेश दिया है। इस आदेश में कोई त्रुटि नहीं है।
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इस आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में रिवीजन कर सकते है। संशोधित करने संबंधित कोई भी विधि व्यवस्था नहीं है। क्योंकि इस मामले में पक्षकार के लिए विकल्प एक मात्र सत्र न्यायालय में रिवीजन दाखिल करना है।
पक्षकार संबंधित अर्जी पर अंतिम दौर में बहस हो रही थी। मगर, इस तरह की अर्जी देकर सिर्फ मुकदमे को अग्रिम करवाई में बाधा पहुंचाया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर यह अर्जी सुनने योग्य ही नहीं है।