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Bageshwar News: बागेश्वर अस्पताल में बीती काली रात को कभी न भूलेगा राजेश
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बागेश्वर। बाफिला गांव के राजेश कुमार और उनकी पत्नी सोनिया पहली बार मातृ-पितृ सुख का अनुभव करने वाले थे। बागेश्वर अस्पताल में बीती काली रात को अब वह कभी भूलेंगे। घर में बच्चे की किलकारी गूंजने का इंतजार था लेकिन नियति ने खुशियों को मातम में बदल दिया।
मंगलवार को प्रसव पीड़ा होने के बाद सोनिया को परिजन जिला अस्पताल लेकर आए थे। जांच में बच्चे के गर्भ में ही मृत होने का पता चला। चिकित्सकों ने ऑपरेशन की तैयारी की। महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रीमा उपाध्याय, सर्जन डॉ. राजीव उपाध्याय और डॉ. विदित पांडेय की मौजूदगी में जटिल ऑपरेशन कर मृत बच्चे को बाहर निकाला। इसी दाैरान महिला की हालत बिगड़ने लगी। उन्हें खून भी चढ़ाया गया लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। रात 11 बजे महिला को हायर सेंटर रेफर किया गया। महिला के पति लखनऊ में प्राइवेट नौकरी करते हैं।
सीएमएस डॉ. तपन कुमार शर्मा ने बताया कि महिला की हालत घर पर ही खराब हो चुकी थी। महिला अचेतावस्था में थीं। शरीर में खून की भी कमी थी। उनकी जान बचाने ऑपरेशन किया गया। हालत में सुधार न होने पर हायर सेंटर रेफर किया गया।
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मंगलवार को प्रसव पीड़ा होने के बाद सोनिया को परिजन जिला अस्पताल लेकर आए थे। जांच में बच्चे के गर्भ में ही मृत होने का पता चला। चिकित्सकों ने ऑपरेशन की तैयारी की। महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रीमा उपाध्याय, सर्जन डॉ. राजीव उपाध्याय और डॉ. विदित पांडेय की मौजूदगी में जटिल ऑपरेशन कर मृत बच्चे को बाहर निकाला। इसी दाैरान महिला की हालत बिगड़ने लगी। उन्हें खून भी चढ़ाया गया लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। रात 11 बजे महिला को हायर सेंटर रेफर किया गया। महिला के पति लखनऊ में प्राइवेट नौकरी करते हैं।
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सीएमएस डॉ. तपन कुमार शर्मा ने बताया कि महिला की हालत घर पर ही खराब हो चुकी थी। महिला अचेतावस्था में थीं। शरीर में खून की भी कमी थी। उनकी जान बचाने ऑपरेशन किया गया। हालत में सुधार न होने पर हायर सेंटर रेफर किया गया।