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Chamoli News: केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के कार्यालय में तालाबंदी, डीएफओ को घेरा
संवाद न्यूज एजेंसी, चमोली
Updated Mon, 15 Dec 2025 06:31 PM IST
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फोटो
मानव-वन्यजीव हमलों से छुटकारा दिलाने की मांग के लिए उक्रांद कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी
गोपेश्वर। मानव-वन्यजीव हमलों से छुटकारा दिलाने की मांग के लिए उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के कार्यालय में तालाबंदी की और डीएफओ का घेराव किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सड़क पर प्रदर्शन भी किया। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने वन विभाग कार्यालय परिसर में धरना भी दिया। चेतावनी दी गई यदि शीघ्र वन्यजीवों की दहशत कम नहीं हुई तो आंदोलन तेज कर लिया जाएगा। डीएफओ सर्वेश दुबे ने भालू और गुलदार को भगाने के लिए वन विभाग की ओर से गश्त तेज करने और गांव-गांव में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित का आश्वासन दिया जिस पर वह शांत हुए।
पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे जुलूस प्रदर्शन के साथ उक्रांद कार्यकर्ता डीएफओ कार्यालय पहुंचे और डीएफओ का घेराव कर दिया। करीब आधा घंटे तक नारेबाजी करने के बाद उन्होंने डीएफओ सहित अन्य कमरों के दरवाजों पर तालाबंदी की और धरने पर बैठ गए। उक्रांद जिलाध्यक्ष युद्धवीर सिंह नेगी ने कहा कि चमोली जिले में भालू और गुलदार की दहशत बनी है। वन विभाग जंगली जानवरों से जनता को बचाने में नाकाम हो रहा है। विभाग सिर्फ पटाखे जलाने तक सीमित है। उन्होंने वन्यजीवों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने और मानव-वन्यजीव संघर्ष से निजात दिलाने की मांग उठाई। पूर्व केंद्रीय महामंत्री बृजमोहन सिंह सजवाण ने कहा कि कुछ महीनों में ही भालू के हमले में चार लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि कई लोग घायल हो चुके हैं। इस मौके पर उक्रांद के जिला कार्यकारी अध्यक्ष पंकज पुरोहित, जिला महामंत्री सुबोध बिष्ट, नगर अध्यक्ष अशोक बिष्ट, दीपक राणा, पुष्पा झिंक्वाण, दीपक फरस्वाण, पूरण सिंह, कुंवर दानू, देवेंद्र फरस्वाण, विक्रम रावत आदि मौजूद रहे।
इंसेट
नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क परिसर में दिया धरना
सरपंच संगठन के पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों ने किया प्रदर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी
ज्योतिर्मठ। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों से निजात दिलाने की मांग के लिए सरपंच संगठन के पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन कर नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में धरना दिया। उन्होंने पार्क के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। वन अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि ग्रामीण व नगर क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाएगी। साथ ही जानवरों की ओर से किए गए नुकसान की भरपाई की जाएगी जिसके बाद लोग शांत हुए।
लाता के सरपंच धमेंद्र राणा ने कहा कि जंगली सुअर, भालू और गुलदार लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण कई परिवारों को नुकसान झेलना पड़ा है। लंगूर और बंदर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उपवन संरक्षक महातिम यादव ने कहा कि बीते जून माह तक जंगली जानवरों की ओर से फसलों को पहुंचाए नुकसान की भरपाई ग्रामीणों को कर दी गई है। उसके बाद के नुकसान के लिए भी पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए बजट की डिमांड की गई है। इस मौके पर सरपंच संगठन के जिलाध्यक्ष कैलाश चंद्र खंडूरी, संग्राम सिंह, वीपी सती, अतुल सती, भरत सिंह कुंवर, किरन डिमरी, देवकी देवी, रश्मि देवी आदि मौजूद रहे।
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मानव-वन्यजीव हमलों से छुटकारा दिलाने की मांग के लिए उक्रांद कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी
गोपेश्वर। मानव-वन्यजीव हमलों से छुटकारा दिलाने की मांग के लिए उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के कार्यालय में तालाबंदी की और डीएफओ का घेराव किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सड़क पर प्रदर्शन भी किया। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने वन विभाग कार्यालय परिसर में धरना भी दिया। चेतावनी दी गई यदि शीघ्र वन्यजीवों की दहशत कम नहीं हुई तो आंदोलन तेज कर लिया जाएगा। डीएफओ सर्वेश दुबे ने भालू और गुलदार को भगाने के लिए वन विभाग की ओर से गश्त तेज करने और गांव-गांव में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित का आश्वासन दिया जिस पर वह शांत हुए।
पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे जुलूस प्रदर्शन के साथ उक्रांद कार्यकर्ता डीएफओ कार्यालय पहुंचे और डीएफओ का घेराव कर दिया। करीब आधा घंटे तक नारेबाजी करने के बाद उन्होंने डीएफओ सहित अन्य कमरों के दरवाजों पर तालाबंदी की और धरने पर बैठ गए। उक्रांद जिलाध्यक्ष युद्धवीर सिंह नेगी ने कहा कि चमोली जिले में भालू और गुलदार की दहशत बनी है। वन विभाग जंगली जानवरों से जनता को बचाने में नाकाम हो रहा है। विभाग सिर्फ पटाखे जलाने तक सीमित है। उन्होंने वन्यजीवों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने और मानव-वन्यजीव संघर्ष से निजात दिलाने की मांग उठाई। पूर्व केंद्रीय महामंत्री बृजमोहन सिंह सजवाण ने कहा कि कुछ महीनों में ही भालू के हमले में चार लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि कई लोग घायल हो चुके हैं। इस मौके पर उक्रांद के जिला कार्यकारी अध्यक्ष पंकज पुरोहित, जिला महामंत्री सुबोध बिष्ट, नगर अध्यक्ष अशोक बिष्ट, दीपक राणा, पुष्पा झिंक्वाण, दीपक फरस्वाण, पूरण सिंह, कुंवर दानू, देवेंद्र फरस्वाण, विक्रम रावत आदि मौजूद रहे।
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नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क परिसर में दिया धरना
सरपंच संगठन के पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों ने किया प्रदर्शन
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ज्योतिर्मठ। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों से निजात दिलाने की मांग के लिए सरपंच संगठन के पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन कर नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में धरना दिया। उन्होंने पार्क के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। वन अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि ग्रामीण व नगर क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाएगी। साथ ही जानवरों की ओर से किए गए नुकसान की भरपाई की जाएगी जिसके बाद लोग शांत हुए।
लाता के सरपंच धमेंद्र राणा ने कहा कि जंगली सुअर, भालू और गुलदार लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारण कई परिवारों को नुकसान झेलना पड़ा है। लंगूर और बंदर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उपवन संरक्षक महातिम यादव ने कहा कि बीते जून माह तक जंगली जानवरों की ओर से फसलों को पहुंचाए नुकसान की भरपाई ग्रामीणों को कर दी गई है। उसके बाद के नुकसान के लिए भी पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए बजट की डिमांड की गई है। इस मौके पर सरपंच संगठन के जिलाध्यक्ष कैलाश चंद्र खंडूरी, संग्राम सिंह, वीपी सती, अतुल सती, भरत सिंह कुंवर, किरन डिमरी, देवकी देवी, रश्मि देवी आदि मौजूद रहे।

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