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Haridwar News: सुरेंद्र कुमार आर्य फिर बने गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलाधिपति, प्रतिभा कुलपति
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आर्य प्रतिनिधि सभाओं की ओर से नियुक्त करने के बाद हटाए गए सुरेंद्र कुमार आर्य फिर से गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बनाए गए हैं। जबकि डाॅ. बीआर आंबेडकर जैव चिकित्सा अनुसंधान केंद्र दिल्ली विवि की प्रोफेसर प्रतिभा मेहता लूथरा को कुलपति नियुक्त किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अपर सचिव ज्योति रंजन ने दोनों को यूजीसी रेगुलेशन-2023 के अनुसार अंतरिम नियुक्ति दी है।
आर्य प्रतिनिधि सभाओं ने मई में जेबीएम समूह के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार आर्य को कुलाधिपति नियुक्त किया था। इसके कुछ ही दिनों बा, एसके आर्य के विश्वविद्यालय आगमन पर गेस्ट हाउस में आर्य प्रतिनिधि सभाओं के पदाधिकारियों और कर्मचारियों के बीच विवाद हो गया। इस विवाद के चलते तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रो. हेमलता के. ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार को पदमुक्त कर दिया था। इस कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए कुलाधिपति एसके आर्य ने प्रो. हेमलता के. को कुलपति के पद से हटा दिया और प्रो. प्रभात को विश्वविद्यालय का प्रभारी कुलपति नियुक्त कर दिया था।
कुलाधिपति की नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताते हुए और विश्वविद्यालय में यूजीसी रेगुलेशन 2023 को लागू करने के लिए गुरुकुल से जुड़े एक अधिकारी और प्रो. हेमलता के. ने उत्तराखंड हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद तीनों आर्य प्रतिनिधि सभा की कार्यवाही को अधिकार क्षेत्र से बाहर घोषित कर दिया था। कोर्ट ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के पत्र 3 मार्च 2025 और एसके आर्य को कुलाधिपति घोषित करने वाली अधिसूचना 22 अप्रैल 2025 पर रोक लगा दी थी। इसके अतिरिक्त कोर्ट ने प्रो. हेमलता के. को पद से हटाने संबंधी पत्र 5 जुलाई 2025 और प्रो. प्रभात कुमार को कुलपति नियुक्त करने संबंधी पत्र 7 जुलाई 2025 पर भी रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने प्रो. हेमलता के. को नियमित कुलपति की नियुक्ति तक कार्यवाहक कुलपति के रूप में कर्तव्यों का निर्वहन करने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट के इस आदेश को लेकर आर्य प्रतिनिधि सभाओं ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में ही अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गुरुकुल विश्वविद्यालय में अंतरिम कुलाधिपति और कुलपति की नियुक्ति की है।
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आर्य प्रतिनिधि सभाओं ने मारी बाजी
हरिद्वार। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से एसके आर्य को गुरुकुल कांगड़ी विवि का अंतरिम कुलाधिपति बनाए जाने से आर्य प्रतिनिधि सभाओं के गुट के लोगों में खुशी की लहर है। शिक्षक कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष डाॅ. एमएम तिवारी, महामंत्री नमित खंडूजा ने कहा कि अब विवि उन्नति के पथ पर चल पड़ा है। कहा कि स्वामी श्रद्धानंद का सपना साकार हो रहा है।
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विवि में हो सकते हैं बदलाव
नए कुलाधिपति और कुलपति के आने से विश्वविद्यालय में बदलाव हो सकते हैं। ये नियुक्ति के कुछ दिनों बाद ही देखने को मिल सकता है। इसमें शैक्षिक और प्रशासनिक व्यवस्था में फेरबदल होने की संभावनाओं की चर्चाएं तेज हो गई हैं। क्योंकि नए मनोनयन आर्य प्रतिनिधि सभाओं के पक्ष हैं। अब ये अपने विरोधियों को सबक सिखा सकते हैं।
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आर्य प्रतिनिधि सभाओं ने मई में जेबीएम समूह के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार आर्य को कुलाधिपति नियुक्त किया था। इसके कुछ ही दिनों बा, एसके आर्य के विश्वविद्यालय आगमन पर गेस्ट हाउस में आर्य प्रतिनिधि सभाओं के पदाधिकारियों और कर्मचारियों के बीच विवाद हो गया। इस विवाद के चलते तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रो. हेमलता के. ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार को पदमुक्त कर दिया था। इस कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए कुलाधिपति एसके आर्य ने प्रो. हेमलता के. को कुलपति के पद से हटा दिया और प्रो. प्रभात को विश्वविद्यालय का प्रभारी कुलपति नियुक्त कर दिया था।
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कुलाधिपति की नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताते हुए और विश्वविद्यालय में यूजीसी रेगुलेशन 2023 को लागू करने के लिए गुरुकुल से जुड़े एक अधिकारी और प्रो. हेमलता के. ने उत्तराखंड हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद तीनों आर्य प्रतिनिधि सभा की कार्यवाही को अधिकार क्षेत्र से बाहर घोषित कर दिया था। कोर्ट ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के पत्र 3 मार्च 2025 और एसके आर्य को कुलाधिपति घोषित करने वाली अधिसूचना 22 अप्रैल 2025 पर रोक लगा दी थी। इसके अतिरिक्त कोर्ट ने प्रो. हेमलता के. को पद से हटाने संबंधी पत्र 5 जुलाई 2025 और प्रो. प्रभात कुमार को कुलपति नियुक्त करने संबंधी पत्र 7 जुलाई 2025 पर भी रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने प्रो. हेमलता के. को नियमित कुलपति की नियुक्ति तक कार्यवाहक कुलपति के रूप में कर्तव्यों का निर्वहन करने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट के इस आदेश को लेकर आर्य प्रतिनिधि सभाओं ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में ही अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गुरुकुल विश्वविद्यालय में अंतरिम कुलाधिपति और कुलपति की नियुक्ति की है।
आर्य प्रतिनिधि सभाओं ने मारी बाजी
हरिद्वार। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से एसके आर्य को गुरुकुल कांगड़ी विवि का अंतरिम कुलाधिपति बनाए जाने से आर्य प्रतिनिधि सभाओं के गुट के लोगों में खुशी की लहर है। शिक्षक कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष डाॅ. एमएम तिवारी, महामंत्री नमित खंडूजा ने कहा कि अब विवि उन्नति के पथ पर चल पड़ा है। कहा कि स्वामी श्रद्धानंद का सपना साकार हो रहा है।
विवि में हो सकते हैं बदलाव
नए कुलाधिपति और कुलपति के आने से विश्वविद्यालय में बदलाव हो सकते हैं। ये नियुक्ति के कुछ दिनों बाद ही देखने को मिल सकता है। इसमें शैक्षिक और प्रशासनिक व्यवस्था में फेरबदल होने की संभावनाओं की चर्चाएं तेज हो गई हैं। क्योंकि नए मनोनयन आर्य प्रतिनिधि सभाओं के पक्ष हैं। अब ये अपने विरोधियों को सबक सिखा सकते हैं।