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Nainital News: बच्चों के स्कूल के समय डंपरों की रफ्तार से सहम जाती है मां की ममता
संवाद न्यूज एजेंसी, नैनीताल
Updated Fri, 21 Nov 2025 02:53 AM IST
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स्कूल की छुट्टी होने पर बच्चों ले जाती महिलाएं। संवाद
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हल्द्वानी। शहर के आंतरिक मार्गों और गलियों में बेखौफ दौड़ते डंपर आम लोगों के साथ साथ विशेष रूप से महिलाओं में खौफ का कारण बने हुए हैं। शहर की सैकड़ों महिलाएं हर रोज सुबह अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जाती हैं और दोपहर में घर वापस लेकर आती हैं। स्कूल आने-जाने के दौरान महिलाओं को हर वक्त बेखौफ भागते डंपरों व भारी वाहनों का खौफ रहता है।
बृहस्पतिवार को अमर उजाला ने ऐसी कई महिलाओं से गलियों में दौड़ते डंपरों को लेकर बातचीत की तो अधिकांश बोलीं कि स्कूल आते-जाते वक्त डंपर और भारी वाहनों का हमेशा ही खौफ बना रहता है। उन्होंने कहा कि आंतरिक मार्गों और गलियों में भारी वाहनों के आने-जाने का वक्त तो तय होना ही चाहिए साथ ही उनकी रफ्तार पर भी प्रशासन का ब्रेक लगना चाहिए।
यह बोली महिलाएं
सुबह शाम आंतरिक मार्गों और गलियों में डंपरों के दौड़ने से महिलाओं और स्कूली बच्चों को खासी दिक्कतें होती हैं। स्कूल समय में डंपरों की आवाजाही प्रतिबंधित होनी चाहिए। इसके कारण जाम भी लगता है और कई बार तो बच्चों को साथ लेकर रोड पार करना भी कठिन हो जाता है। - शशि आर्या, नवाबी रोड हल्द्वानी
वक्त-बे-वक्त भारी वाहनों की आवाजाही के कारण हादसों का खतरा बना रहता है। डंपर और भारी वाहनों की आवाजाही दिन में नहीं होनी चाहिए। इनकी रफ्तार भी इतनी तेज होती है कि बच्चों को स्कूल लाते ले जाते वक्त हर समय डर लगा रहता है। लोगों की इस समस्या का समाधान होना चाहिए। - पूनम, शीशमहल
शहर के अंदरूनी मार्गों में डंपरों के चलने से यातायात बाधित होता है और जाम लगता है। हादसे भी होते रहते हैं। लोगों को खासी दिक्कतें होती हैं। हर कोई भारी वाहनों की आवाजाही से परेशान होता है। सरस्वती देवी, राजपुरा
अधिकांश स्कूल मुख्य सड़क के किनारे हैं। सुबह शाम यहां बच्चों की आवाजाही होती है और उस दौरान कई बार डंपर और भारी वाहन भी सड़क से तेज रफ्तार में गुजरते हैं। इन पर नियंत्रण होना चाहिए। स्कूलों के गेट के सामने सड़क पर सुबह शाम पुलिस मौजूद रहनी चाहिए ताकि वाहनों की रफ्तार नियंत्रित हो सके। स्कूली बच्चों की सुरक्षा सबसे अहम और महत्वपूर्ण होनी चाहिए। प्रेमा बृजवाल, दो नहरिया हल्द्वानी।
डंपर और भारी वाहनों की आवाजाही के लिए शाम से रात का समय तय होना चाहिए। गलियों में भी वाहनों की संख्या अधिक रहती है। ऐसे में यदि कोई डंपर अथवा भारी वाहन आ जाए तो जाम लग जाता है। डंपरों के कारण बच्चों को लाने ले जाने में दिक्कतें होती हैं। ममता देवी, भोटिया पड़ाव हल्द्वानी।
कई बार जब हम बच्चों को लेने स्कूल जाते हैं तो पीछे से तेज हार्न वाले डंपर और भारी वाहनों के कारण दिक्कतें होती हैं। ऐसे डंपरों और भारी वाहनों पर नियंत्रण लगना चाहिए ताकि स्कूली बच्चों और महिलाएं सुरक्षित रह सकें। -गोविंदी देवी, नवाबी रोड
सुबह से शाम तक मुख्य मार्गों के अलावा आंतरिक मार्गों और गलियों में लोडेड वाहनों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित होनी चाहिए। इससे जाम लगता है और हादसे का खतरा बना रहता है। प्रशासन को डंपरों की आवाजाही पर रोक लगानी चाहिए। - जयश्री, दमुवाढूंगा हल्द्वानी।
अधिकांशत: महिलाएं ही स्कूली बच्चों को लाने ले जाने पहुंचती हैं। कई बार गलियों में आते जाते डंपर और ट्रक धड़धड़ाते हुए आते हैं। इससे हादसे का खतरा बना रहता है। डंपर और ट्रकों के चलने का समय तय होना चाहिए। सविता, दमुवाढूंगा हल्द्वानी।
दिन भर सड़कों में भारी वाहनों की आवाजाही के कारण पैदल आते जाते हर वक्त डर बना रहता है। भारी वाहनों की रफ्तार भी हादसों का कारण बनती है। इस पर रोक लगनी चाहिए और डंपरों के आने जाने का वक्त रात का तय होना चाहिए। कंचन, दमुवाढूंगा हल्द्वानी
काठगोदाम क्षेत्र में डंपरों की आवाजाही बहुत अधिक होती है। इनके आने-जाने का कोई वक्त भी तय नहीं है। इनका वक्त तय होना चाहिए और उसकी मॉनिटरिंग होनी चाहिए ताकि दिन के वक्त महिलाओं और बुजुर्गों को किसी तरह की दिक्कतें न हों। कंचन, काठगोदाम हल्द्वानी।
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यह बोली महिलाएं
सुबह शाम आंतरिक मार्गों और गलियों में डंपरों के दौड़ने से महिलाओं और स्कूली बच्चों को खासी दिक्कतें होती हैं। स्कूल समय में डंपरों की आवाजाही प्रतिबंधित होनी चाहिए। इसके कारण जाम भी लगता है और कई बार तो बच्चों को साथ लेकर रोड पार करना भी कठिन हो जाता है। - शशि आर्या, नवाबी रोड हल्द्वानी
वक्त-बे-वक्त भारी वाहनों की आवाजाही के कारण हादसों का खतरा बना रहता है। डंपर और भारी वाहनों की आवाजाही दिन में नहीं होनी चाहिए। इनकी रफ्तार भी इतनी तेज होती है कि बच्चों को स्कूल लाते ले जाते वक्त हर समय डर लगा रहता है। लोगों की इस समस्या का समाधान होना चाहिए। - पूनम, शीशमहल
शहर के अंदरूनी मार्गों में डंपरों के चलने से यातायात बाधित होता है और जाम लगता है। हादसे भी होते रहते हैं। लोगों को खासी दिक्कतें होती हैं। हर कोई भारी वाहनों की आवाजाही से परेशान होता है। सरस्वती देवी, राजपुरा
अधिकांश स्कूल मुख्य सड़क के किनारे हैं। सुबह शाम यहां बच्चों की आवाजाही होती है और उस दौरान कई बार डंपर और भारी वाहन भी सड़क से तेज रफ्तार में गुजरते हैं। इन पर नियंत्रण होना चाहिए। स्कूलों के गेट के सामने सड़क पर सुबह शाम पुलिस मौजूद रहनी चाहिए ताकि वाहनों की रफ्तार नियंत्रित हो सके। स्कूली बच्चों की सुरक्षा सबसे अहम और महत्वपूर्ण होनी चाहिए। प्रेमा बृजवाल, दो नहरिया हल्द्वानी।
डंपर और भारी वाहनों की आवाजाही के लिए शाम से रात का समय तय होना चाहिए। गलियों में भी वाहनों की संख्या अधिक रहती है। ऐसे में यदि कोई डंपर अथवा भारी वाहन आ जाए तो जाम लग जाता है। डंपरों के कारण बच्चों को लाने ले जाने में दिक्कतें होती हैं। ममता देवी, भोटिया पड़ाव हल्द्वानी।
कई बार जब हम बच्चों को लेने स्कूल जाते हैं तो पीछे से तेज हार्न वाले डंपर और भारी वाहनों के कारण दिक्कतें होती हैं। ऐसे डंपरों और भारी वाहनों पर नियंत्रण लगना चाहिए ताकि स्कूली बच्चों और महिलाएं सुरक्षित रह सकें। -गोविंदी देवी, नवाबी रोड
सुबह से शाम तक मुख्य मार्गों के अलावा आंतरिक मार्गों और गलियों में लोडेड वाहनों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित होनी चाहिए। इससे जाम लगता है और हादसे का खतरा बना रहता है। प्रशासन को डंपरों की आवाजाही पर रोक लगानी चाहिए। - जयश्री, दमुवाढूंगा हल्द्वानी।
अधिकांशत: महिलाएं ही स्कूली बच्चों को लाने ले जाने पहुंचती हैं। कई बार गलियों में आते जाते डंपर और ट्रक धड़धड़ाते हुए आते हैं। इससे हादसे का खतरा बना रहता है। डंपर और ट्रकों के चलने का समय तय होना चाहिए। सविता, दमुवाढूंगा हल्द्वानी।
दिन भर सड़कों में भारी वाहनों की आवाजाही के कारण पैदल आते जाते हर वक्त डर बना रहता है। भारी वाहनों की रफ्तार भी हादसों का कारण बनती है। इस पर रोक लगनी चाहिए और डंपरों के आने जाने का वक्त रात का तय होना चाहिए। कंचन, दमुवाढूंगा हल्द्वानी
काठगोदाम क्षेत्र में डंपरों की आवाजाही बहुत अधिक होती है। इनके आने-जाने का कोई वक्त भी तय नहीं है। इनका वक्त तय होना चाहिए और उसकी मॉनिटरिंग होनी चाहिए ताकि दिन के वक्त महिलाओं और बुजुर्गों को किसी तरह की दिक्कतें न हों। कंचन, काठगोदाम हल्द्वानी।