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Pithoragarh News: पिथौरागढ़ में वन्यजीवों के हमले में पांच साल में 17 लोगों की मौत

संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़ Updated Thu, 11 Dec 2025 11:13 PM IST
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17 people died in Pithoragarh wildlife attacks in five years
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पिथौरागढ़ । सीमांत जिले में मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ता जा रहा है। इन दिनों गांवों के साथ ही कुछ नगरीय इलाकों में लोग तेंदुए और भालू की दहशत से सहमे हुए हैं। प्रभावित गांवों में वन विभाग की टीम गश्त कर रही है। पिछले पांच वर्षों में वन्य जीवों के हमले में 17 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। साथ ही घटनाओं में 296 लोग घायल हुए।
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वन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार 2021-22 में तेंदुओं के हमले में पांच लोगों को जान गंवानी पड़ी। 2022-23 में तेंदुए के हमले में एक और सांप के काटने से तीन लोगों की असमय मौत हो गई। 2023-24 में तेंदुए के हमले में तीन की मौत हुई। अगले वर्ष तेंदुए के हमले में एक, सांप के काटने से दो और जंगली सुअर के हमले में एक व्यक्ति को जान से हाथ धोना पड़ा। इस साल तेंदुए के हमले की बड़ी घटना तो नहीं हुई लेकिन ततैयों के काटने से एक व्यक्ति मारा गया। जिला मुख्यालय के भाटकोट, बेड़ीनाग में जहां तेंदुए की दहशत मची है। धारचूला, मुनस्यारी और नाचनी में भालू परिवार के साथ घरों तक पहुंचने लगे हैं। बंदर, लंगूर, जंगली सुअरों की धमक तो लगभग सभी गांवों में हैं। कई गांवों में इनके उत्पात के चलते लोग खेती, औद्यानिकी से मुंह मोड़ने लगे हैं।
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पिछले पांच सालों में 296 लोग हुए घायल
वर्ष तेंदुआ भालू सांप ततैया जंगली सुअर बंदर
2021-22 10 06 35 00 01 00
2022-23 07 03 32 00 01 00
2023-24 04 00 38 00 02 03
2024-25 05 02 37 07 02 08
2025-26 06 08 50 12 00 17
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प्रभावितों को बांटा 60.93 लाख रुपये का मुआवजा
वन्य जीवों की धमक इस कदर बढ़ चुकी है कि इस बार वन विभाग अब तक 60.93 लाख रुपये का मुआवजा प्रभावितों को बांट चुका है। कुछ समय पूर्व तक वन्य जीव हमले में मारे गए परिवार को छह लाख रुपया मुआवजा दिया जाता था। अब इस धनराशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपया तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
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विभाग में 56 पद हैं रिक्त
बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष के बीच विभाग डिप्टी रेंजर, वन दरोगा और वन रक्षक जैसे फील्ड कर्मियों की कमी से जूझ रहा है। डिविजन में डिप्टी रेंजर के 14 पदों के सापेक्ष नौ पद रिक्त हैं। वन दरोगा के 62 के सापेक्ष 14 और फाॅरेस्ट गार्ड के स्वीकृत 115 पदों में से 10 रिक्त हैं। इनके अलावा कार्यालय में भी 33 पद रिक्त हैं।
कोट
मानव-वन्यजीव संघर्ष के बीच लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। समय-समय पर ग्रामीणों के साथ गोष्ठियों का आयोजन भी किया जाता है। प्रभावित जगहों पर टीम लगाई गई है। ग्रामीणों से अकेले जंगल के रास्ते नहीं जाने, रात को बाहर नहीं निकलने का अनुरोध किया जा रहा है। - आशुतोष सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी, पिथौरागढ़
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