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Pithoragarh News: क्वारबन तक बनेगी नई सड़क, तब पहुंचेंगे वाहन
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Fri, 12 Dec 2025 11:01 PM IST
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पिथौरागढ़ कलक्ट्रेट के बाहर पुल निर्माण की मांग पर धरना देते विधायक मयूख महर और अन्य ग्रामीण। स
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पिथौरागढ़। इन दिनों चर्चा के साथ ही आंदोलन का विषय बने बेलतड़ी-क्वारबन सड़क पर प्रस्तावित पुल का निर्माण करना विभाग के लिए मुश्किल है। सड़क की लागत से दोगुनी धनराशि के पुल को स्वीकृति मिलना मुश्किल है। विभाग भी यह मानता है। अब ऐसे में क्वारबन तक नई सड़क बनाना ही एकमात्र विकल्प है। तब गांव तक वाहन पहुंचेंगे। हैरानी है कि जिस सड़क के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च किए गए, इसे उपयोग से बाहर कर अब नई सड़क के निर्माण में और धन लगेगा।
दरअसल बेतलड़ी, क्वारबन और धारीऐर क्षेत्र की 15 हजार की आबादी की आवाजाही सुगम बनाने के लिए वर्ष 2020 में आठ किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया इसमें चार करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए। इस सड़क पर वाहनों की आवाजाही के लिए क्वारबन गधेरे पर 3.78 करोड़ रुपये की लागत से 48 मीटर लंबे स्पान पुल का निर्माण होना था। सड़क तो बना दी गई लेकिन अब तक पुल न बनने से यह सड़क क्षेत्र के लोगों के काम नहीं आ रही है। ग्रामीणों के मुताबिक पुल का निर्माण इसलिए नहीं हुआ कि सड़क अनियोजित तरीके से काट दी गई। जिस स्थान पर पुल बनना है यहां सड़क के दोनों सिरों की ऊंचाई सात मीटर से अधिक है। ऐसे में यहां पुल बनना मुश्किल है।
लंबे समय बाद पुल के अभाव में सड़क पर वाहन नहीं चले तो आक्रोशित ग्रामीणों ने विधायक मयूख महर के नेतृत्व में धरना शुरू किया है। अब यह पुल विभाग के साथ ही प्रशासन और सरकार के गले की फांस बन गया है। अब पुल बनाने में विफल विभाग विधायक और ग्रामीणों के आंदोलन को खत्म करने के लिए नई सड़क बनाने की योजना पर काम कर रहा है। हैरानी यह है कि करोड़ों रुपये से काटी गई सड़क पर अब वाहन नहीं चलेंगे और इसमें खर्च धन डूब जाएगा। नई सड़क बनाने में फिर से करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे।
पुल बना नहीं लेकिन कर दिया 96 लाख का भुगतान
क्वारबन सड़क पर लंबे समय से विवादों में रहा यह पुल फिर से चर्चाओं में है। जब कुछ दिन पूर्व ग्रामीण पुल निर्माण की मांग के लिए पीएमजीएसवाई के दफ्तर गए तो उन्हें यह जानकारी मिली कि बगैर पुल का निर्माण किए ही 96 लाख का भुगतान कर दिया गया। बीते मार्च में पुल निर्माण के नाम पर यह धनराशि संबंधित ठेकेदार की ओर से निकाल ली गई है।
ग्रामीणों का पांचवें दिन भी धरना जारी
क्वारबन सड़क पर पुल निर्माण की मांग पर ग्रामीणों और विधायक मयूख महर का धरना पांचवें दिन भी जारी रहा। विधायक ने कहा कि अब विभाग नई सड़क के निर्माण के लिए सर्वे कर रहा है। कहा कि चाहे कुछ भी करना पड़े, गांव तक वाहन पहुंचाना इस आंदोलन का उद्देश्य है। कहा कि सीएम के गृह जनपद में पुल और सड़क निर्माण के नाम भ्रष्टाचार हुआ है। इस पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए। कहा कि गांव तक वाहन पहुंचने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। धरना देने वालों में माया देवी, हेमा रावत, लीला देवी, निर्मला देवी सहित अन्य ग्रामीण शामिल रहे।
कोट
क्वारबन सड़क पर पुल निर्माण के लिए नौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। इसकी स्वीकृति मिलने में समय लगेगा। गांव तक सड़क पहुंचाने के लिए अन्य विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं। ग्रामीणों की परेशानी दूर कर इन्हें राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव उपाय किए जाएंगे। - विवेक प्रताप सिंह, ईई, पीएमजीएसवाई, पिथौरागढ़
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दरअसल बेतलड़ी, क्वारबन और धारीऐर क्षेत्र की 15 हजार की आबादी की आवाजाही सुगम बनाने के लिए वर्ष 2020 में आठ किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया इसमें चार करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए। इस सड़क पर वाहनों की आवाजाही के लिए क्वारबन गधेरे पर 3.78 करोड़ रुपये की लागत से 48 मीटर लंबे स्पान पुल का निर्माण होना था। सड़क तो बना दी गई लेकिन अब तक पुल न बनने से यह सड़क क्षेत्र के लोगों के काम नहीं आ रही है। ग्रामीणों के मुताबिक पुल का निर्माण इसलिए नहीं हुआ कि सड़क अनियोजित तरीके से काट दी गई। जिस स्थान पर पुल बनना है यहां सड़क के दोनों सिरों की ऊंचाई सात मीटर से अधिक है। ऐसे में यहां पुल बनना मुश्किल है।
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लंबे समय बाद पुल के अभाव में सड़क पर वाहन नहीं चले तो आक्रोशित ग्रामीणों ने विधायक मयूख महर के नेतृत्व में धरना शुरू किया है। अब यह पुल विभाग के साथ ही प्रशासन और सरकार के गले की फांस बन गया है। अब पुल बनाने में विफल विभाग विधायक और ग्रामीणों के आंदोलन को खत्म करने के लिए नई सड़क बनाने की योजना पर काम कर रहा है। हैरानी यह है कि करोड़ों रुपये से काटी गई सड़क पर अब वाहन नहीं चलेंगे और इसमें खर्च धन डूब जाएगा। नई सड़क बनाने में फिर से करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे।
पुल बना नहीं लेकिन कर दिया 96 लाख का भुगतान
क्वारबन सड़क पर लंबे समय से विवादों में रहा यह पुल फिर से चर्चाओं में है। जब कुछ दिन पूर्व ग्रामीण पुल निर्माण की मांग के लिए पीएमजीएसवाई के दफ्तर गए तो उन्हें यह जानकारी मिली कि बगैर पुल का निर्माण किए ही 96 लाख का भुगतान कर दिया गया। बीते मार्च में पुल निर्माण के नाम पर यह धनराशि संबंधित ठेकेदार की ओर से निकाल ली गई है।
ग्रामीणों का पांचवें दिन भी धरना जारी
क्वारबन सड़क पर पुल निर्माण की मांग पर ग्रामीणों और विधायक मयूख महर का धरना पांचवें दिन भी जारी रहा। विधायक ने कहा कि अब विभाग नई सड़क के निर्माण के लिए सर्वे कर रहा है। कहा कि चाहे कुछ भी करना पड़े, गांव तक वाहन पहुंचाना इस आंदोलन का उद्देश्य है। कहा कि सीएम के गृह जनपद में पुल और सड़क निर्माण के नाम भ्रष्टाचार हुआ है। इस पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए। कहा कि गांव तक वाहन पहुंचने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। धरना देने वालों में माया देवी, हेमा रावत, लीला देवी, निर्मला देवी सहित अन्य ग्रामीण शामिल रहे।
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क्वारबन सड़क पर पुल निर्माण के लिए नौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। इसकी स्वीकृति मिलने में समय लगेगा। गांव तक सड़क पहुंचाने के लिए अन्य विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं। ग्रामीणों की परेशानी दूर कर इन्हें राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव उपाय किए जाएंगे। - विवेक प्रताप सिंह, ईई, पीएमजीएसवाई, पिथौरागढ़

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