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Pithoragarh News: पर्यटन नगरी मुनस्यारी में सूखे नल, पेयजल किल्लत से लोग परेशान
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Fri, 12 Dec 2025 11:22 PM IST
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मुनस्यारी (पिथौरागढ़)। सर्दियों के सीजन में भी हिमालय के नजदीक पर्यटन नगरी मुनस्यारी में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। सड़कों और नालियों में लीकेज लाइनों से हर रोज हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है लेकिन घरों में नल सूखे हैं। स्थानीय लोगों ने शीघ्र पेयजल समस्या का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
नगर क्षेत्र में पेयजल किल्लत आए दिन बढ़ती जा रही है। यहां लंबे समय से पेयजल की समस्या बनी है। नल सूखे हैं और क्षेत्र की आठ हजार से अधिक की आबादी पानी के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों की दौड़ लगाने के लिए मजबूर है। लोग कड़ाके की ठंड में प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी ढोकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। पेयजल किल्लत से होटल संचालक और यहां आने वाले पर्यटकों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। होटल संचालक बमुश्किल पानी का इंतजाम कर पर्यटकों को राहत पहुंचा रहे हैं।
कई होटलों में पानी न होने से पर्यटक यहां ठहरने से परहेज कर रहे हैं। इससे कारोबारियों को खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है। लोगों का कहना है नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद भी यहां पानी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। पुरानी जर्जर लाइनों से सड़कों और नालियों में हर रोज हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है और वे इसके लिए तरस रहे हैं। लोगों ने जल्द पेयजल समस्या का समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
बोले लोग
1971 में पेयजल सुचारु करने के लिए भुमका पानी से योजना बनी थी। तब से कोई योजना नहीं बनी है। पेयजल लाइन काफी पुरानी हो गई है जो कई जगहों पर लीकेज है। मुनस्यारी में देश-विदेश से काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। उनके लिए पानी की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए। - हीरा सिंह चिराल, मुनस्यारी
समाज सेवी प्रेम राम का कहना है कि भरपूर मात्रा में पानी होने के बाद भी विभागीय लापरवाही से पानी घरों तक नहीं पहुंच पा रहा है। कई जगहों पर पाइप लाइन टूट कर पानी सड़कों पर बह रहा है। पुरानी पेयजल लाइन को सुधारकर पानी की बर्बादी रुकनी चाहिए। - प्रेम राम, मुनस्यारी
कोट
अभी तक पेयजल किल्लत की शिकायत नहीं मिली है। यदि कहीं दिक्कत है तो पेयजल लाइन की जांच कर आपूर्ति सुचारु कर ली जाएगी। - विकास पांडेय, अवर अभियंता जल संस्थान
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नगर क्षेत्र में पेयजल किल्लत आए दिन बढ़ती जा रही है। यहां लंबे समय से पेयजल की समस्या बनी है। नल सूखे हैं और क्षेत्र की आठ हजार से अधिक की आबादी पानी के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों की दौड़ लगाने के लिए मजबूर है। लोग कड़ाके की ठंड में प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी ढोकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। पेयजल किल्लत से होटल संचालक और यहां आने वाले पर्यटकों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। होटल संचालक बमुश्किल पानी का इंतजाम कर पर्यटकों को राहत पहुंचा रहे हैं।
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कई होटलों में पानी न होने से पर्यटक यहां ठहरने से परहेज कर रहे हैं। इससे कारोबारियों को खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है। लोगों का कहना है नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद भी यहां पानी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। पुरानी जर्जर लाइनों से सड़कों और नालियों में हर रोज हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है और वे इसके लिए तरस रहे हैं। लोगों ने जल्द पेयजल समस्या का समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
बोले लोग
1971 में पेयजल सुचारु करने के लिए भुमका पानी से योजना बनी थी। तब से कोई योजना नहीं बनी है। पेयजल लाइन काफी पुरानी हो गई है जो कई जगहों पर लीकेज है। मुनस्यारी में देश-विदेश से काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। उनके लिए पानी की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए। - हीरा सिंह चिराल, मुनस्यारी
समाज सेवी प्रेम राम का कहना है कि भरपूर मात्रा में पानी होने के बाद भी विभागीय लापरवाही से पानी घरों तक नहीं पहुंच पा रहा है। कई जगहों पर पाइप लाइन टूट कर पानी सड़कों पर बह रहा है। पुरानी पेयजल लाइन को सुधारकर पानी की बर्बादी रुकनी चाहिए। - प्रेम राम, मुनस्यारी
कोट
अभी तक पेयजल किल्लत की शिकायत नहीं मिली है। यदि कहीं दिक्कत है तो पेयजल लाइन की जांच कर आपूर्ति सुचारु कर ली जाएगी। - विकास पांडेय, अवर अभियंता जल संस्थान

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