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UK News: पिथौरागढ़ में कांग्रेस की कमान मुकेश पंत के हाथ, बिखरी पार्टी को एकजुट करने की चुनौती

अमर उजाला नेटवर्क, पिथौरागढ़ Published by: हीरा मेहरा Updated Thu, 13 Nov 2025 01:23 PM IST
सार

पिथौरागढ़ में कांग्रेस ने मुकेश पंत को नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है, जिनके सामने पार्टी को एकजुट करने की बड़ी चुनौती है। विधायक पार्टी के फैसले से नाराज होकर अपनी समर्थक को निर्दलीय चुनाव लड़वा चुके हैं, जिससे पार्टी बिखराव का शिकार हुई है।

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It is challenging for the district president to unite the scattered Congress in Pithoragarh
congress flag - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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आखिरकार पिथौरागढ़ जिले में कांग्रेस ने नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति कर दी गई है। मुकेश पंत की इस पद पर ताजपोशी हुई है। नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति तो हो गई है लेकिन इनके लिए जिले या यूं कहें कि पिथौरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में बिखर चुकी कांग्रेस को एकजुट करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। एक तरफ नाराज होकर कांग्रेस से दूरी बनाने वाले विधायक मयूख महर और उनके समर्थक हैं तो दूसरी तरफ पूरी पार्टी।

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दरअसल, पिथौरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में बीते निकाय चुनाव के बाद कांग्रेस पूरी तरह बिखर गई है। अपनी समर्थक को प्रत्याशी न बनाने से विधायक मयूख महर की नाराजगी खुलकर सामने आई। उन्होंने पार्टी के फैसले को दरकिनार कर अपनी समर्थक को निर्दलीय मैदान में उतार दिया। बाकायदा उन्होंने और उनके समर्थकों ने अपनी प्रत्याशी को जीत दिलाने में पूरी जान लगा दी। हालांकि सिर्फ कुछ वोट से वह चुनाव हार गई थीं।

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विधायक की नाराजगी का नतीजा यह रहा है कि पार्टी प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो गई और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। निकाय चुनाव के बाद एक तरफ विधायक और उनके समर्थक तो को दूसरी तरफ पूरी पार्टी खड़ी है। अब नए जिलाध्यक्ष को जनपद की जिम्मेदारी दी गई है। नए जिलाध्यक्ष भी बिखरी पार्टी को एकजुट कर विधानसभा चुनाव में जीत के दावे कर रहे हैं। जिस तरह पिथौरागढ़ विधानसभा में कांग्रेस में टूट और बिखराव हुआ है ऐसे में नए जिलाध्यक्ष के लिए विधायक और उनके समर्थकों के साथ ही पूरी पार्टी को एकजुट करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। 

विधायक ने किए थे कांग्रेस प्रदेश के हटने से पहले पार्टी में शामिल न होने के दावे
निकाय चुनाव में पार्टी से नाराज विधायक मयूख महर और तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महरा के बीच जमकर शब्दबाण चले थे। यहां तक कि करन महरा ने विधायक को रणछोड़ की उपाधि भी दे डाली थी। इससे नाराज विधायक ने हर मंच पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को हटाने और इनके न हटने तक पार्टी में न लौटने के दावे किए थे। यह नाराजगी पिथौरागढ़ पहुंचे कांग्रेस के दिग्गज पूर्व सीएम हरीश रावत के सामने भी खुलकर सामने आई थी। अब करन महरा की जगह नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी हुई है। नए जिलाध्यक्ष भी नियुक्त हो चुके हैं। ऐसे में सबकी निगाह विधायक के अगले कदम पर टिकी है।

क्या निष्कासित कार्यकर्ताओं की होगी पार्टी में वापसी
निकाय चुनाव में पार्टी से नाराज विधायक के समर्थन में कई कार्यकर्ता खड़े रहे। कई कार्यकर्ताओं ने तो पार्टी से बागी प्रत्याशी का खुलकर प्रचार किया। ऐसे में पार्टी ने 50 से अधिक कार्यकर्ताओं को निष्कासित कर दिया था। अब पार्टी का नया संगठन सामने है और विधानसभा चुनाव भी सामने है। ऐसे में पार्टी विरोधी कार्य करने वाले निष्कासित कार्यकर्ताओं की वापसी होगी या नए जिलाध्यक्ष इन्हें दरकिनार कर नए कार्यकर्ताओं की फौज खड़ी करेंगे, यह सवाल चर्चाओं में है।

पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताते हुए जो जिम्मेदारी सौंपी है इस पर खरा उतरने का पूरा प्रयास रहेगा। हर पार्टी में टूट और बिखराव होता है। रूठों को मनाकर पूरी पार्टी और हर कार्यकर्ता को एकजुट किया जाएगा। विधानसभा चुनाव में पूरी पार्टी एकजुट होगी यह सबको नजर आएगा। -मुकेश पंत, नवनियुक्त कांग्रेस जिलाध्यक्ष, पिथौरागढ़

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