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Pithoragarh News: महाभारत जागर में सुनाई दानवीर कर्ण की गाथा
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Wed, 24 Dec 2025 10:59 PM IST
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चहज के पांडव मंदिर में जागर गाथा सुनाते जगरिया। स्रोत: आयोजक
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गंगोलीहाट (पिथौरागढ़)। चहज के पांडव मंदिर में आयोजित जागर गाथा सुनने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों से भी लोग पहुंच रहे हैं।
जगरिया इंद्र सिंह भंडारी, पूरण सिंह भंडारी ने महाभारत की कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि लोकलाज के भय और अविवाहित होने के चलते कुंती ने नवजात कर्ण को एक टोकरी में रखकर गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया। हस्तिनापुर के सारथी अधिरथ और उनकी पत्नी राधा को यह टोकरी मिली। उन्होंने कर्ण को अपने पुत्र के रूप में स्वीकार कर स्नेह से पाला। उन्होंने उसका नाम राधे रखा। कर्ण का जन्म एक दिव्य और रहस्यमयी परिस्थितियों में हुआ। उन्हें समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
कर्ण एक महान योद्धा बने और परशुराम से ब्रह्मास्त्र का ज्ञान प्राप्त किया। हालांकि परशुराम ने छल का पता चलने पर उन्हें श्राप दिया कि वह संकट के समय अस्त्र का ज्ञान भूल जाएंगे। उन्हें ''वासुसेन'', ''बृष'''' और ''वैकर्तन'' जैसे नाम से भी जाना गया। कर्ण को दानवीर माना जाता था। वह मांगने वाले को कभी खाली हाथ नहीं लौटाते थे, भले ही इससे उनकी जान पर बन आए। इंद्रदेव ने ब्राह्मण वेश में उनसे जन्मजात कवच और कुंडल मांग लिए। कर्ण ने सहर्ष उन्हें काटकर दे दिया। इससे वह असुरक्षित हो गए। इस मौके पर जगत सिंह मेहता, मोहन सिंह सौन, लक्ष्मण सिंह, जागर कमेटी अध्यक्ष षष्ठी बल्लभ जोशी, व्यवस्थापक प्रकाश चंद्र जोशी, नवीन जोशी, हयात सिंह, गिरीश गुरुरानी, मुकेश जोशी समेत श्रोता मौजूद रहे।
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कर्ण एक महान योद्धा बने और परशुराम से ब्रह्मास्त्र का ज्ञान प्राप्त किया। हालांकि परशुराम ने छल का पता चलने पर उन्हें श्राप दिया कि वह संकट के समय अस्त्र का ज्ञान भूल जाएंगे। उन्हें ''वासुसेन'', ''बृष'''' और ''वैकर्तन'' जैसे नाम से भी जाना गया। कर्ण को दानवीर माना जाता था। वह मांगने वाले को कभी खाली हाथ नहीं लौटाते थे, भले ही इससे उनकी जान पर बन आए। इंद्रदेव ने ब्राह्मण वेश में उनसे जन्मजात कवच और कुंडल मांग लिए। कर्ण ने सहर्ष उन्हें काटकर दे दिया। इससे वह असुरक्षित हो गए। इस मौके पर जगत सिंह मेहता, मोहन सिंह सौन, लक्ष्मण सिंह, जागर कमेटी अध्यक्ष षष्ठी बल्लभ जोशी, व्यवस्थापक प्रकाश चंद्र जोशी, नवीन जोशी, हयात सिंह, गिरीश गुरुरानी, मुकेश जोशी समेत श्रोता मौजूद रहे।
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