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Tehri News: गुलाबी शरारा और तेरी लहंगा... गीतों पर थिरके छात्र
संवाद न्यूज एजेंसी, टिहरी
Updated Sun, 07 Dec 2025 07:01 PM IST
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हाइड्रो इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में आयोजित सिएजिक-25 उत्सव संपन्न
डिग्री लेने तक सीमित न रहे छात्र भविष्य की चुनौतियों का समाधान भी तलाशे : सचिव
नई टिहरी। टीएचडीसी इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रो इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (टीएचडीसी-आईएचईटी) में आयोजित तीन दिवसीय सिएजिक-25 उत्सव का पुरस्कार वितरण के साथ समापन हो गया। समापन पर लोक गायक इंदर आर्य ने गुलाबी शरारा, तेरो लहंगा, सांवरी-सांवरी, मठु-मठु और झंवरी बजली मिरी सुमना जैसे सुपर हिट गीतों की प्रस्तुति दी।
मुख्य अतिथि तकनीकी शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने संस्थान के कार्यों और छात्रों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी-आईएचईटी उच्चस्तरीय गुणवत्तापरक तकनीकी शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र बन रहा है, जहां छात्रों को केवल डिग्री नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन की चुनौतियों के अनुरूप समाधान विकसित करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार तकनीकी शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए निरंतर कदम उठा रही है। ऐसे कार्यक्रम यह भी बताते हैं कि छात्र नवाचार, शोध क्षमता और टीमवर्क को व्यवहारिक रूप से सीख रहे हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ. शरद कुमार प्रधान ने कहा कि सिएजिक सांस्कृतिक-तकनीकी उत्सव नहीं बल्कि विद्यार्थियों के लिए नेतृत्व क्षमता, समय प्रबंधन और सामूहिक समन्वय का वास्तविक मंच है। इस अवसर पर अतुलेश डबराल, निधि कंवर, मनदीप गुलेरिया, हिमांशु नौटियाल, गौरव सेमवाल आदि मौजूद रहे।
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मुख्य अतिथि तकनीकी शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने संस्थान के कार्यों और छात्रों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी-आईएचईटी उच्चस्तरीय गुणवत्तापरक तकनीकी शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र बन रहा है, जहां छात्रों को केवल डिग्री नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन की चुनौतियों के अनुरूप समाधान विकसित करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार तकनीकी शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए निरंतर कदम उठा रही है। ऐसे कार्यक्रम यह भी बताते हैं कि छात्र नवाचार, शोध क्षमता और टीमवर्क को व्यवहारिक रूप से सीख रहे हैं।
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संस्थान के निदेशक डॉ. शरद कुमार प्रधान ने कहा कि सिएजिक सांस्कृतिक-तकनीकी उत्सव नहीं बल्कि विद्यार्थियों के लिए नेतृत्व क्षमता, समय प्रबंधन और सामूहिक समन्वय का वास्तविक मंच है। इस अवसर पर अतुलेश डबराल, निधि कंवर, मनदीप गुलेरिया, हिमांशु नौटियाल, गौरव सेमवाल आदि मौजूद रहे।