UK News: मां का दुलार छूटा तो राजा और रुस्तम ने दूध-दलिया से कर ली दोस्ती, अब जल्द मिलेगा नया ठौर; ये है मामला
झुंड से बिछड़े नन्हे हाथियों राजा और रुस्तम इस समय संजय वन चेतना केंद्र (टांडा) में देखरेख में हैं। वन विभाग इन्हें जल्द सुरक्षित ठौर देने की तैयारी में है।

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मां का दुलार छिन गया लेकिन राजा और रुस्तम ने हार नहीं मानी। अब दूध, दलिया और केले से दोस्ती कर दोनों जिंदगी नई शुरुआत कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं झुंड से बिछड़े नन्हे हाथियों राजा और रुस्तम की जो इस समय संजय वन चेतना केंद्र (टांडा) में देखरेख में हैं। वन विभाग इन्हें जल्द सुरक्षित ठौर देने की तैयारी में है।

17 जनवरी को हरिपुरा जलाशय के पास महज तीन माह का घायल हाथी का बच्चा मिला। इलाज के बाद जब वह स्वस्थ हुआ तो उसका नाम राजा रखा गया। इसी तरह 2 अप्रैल को बाजपुर के बन्नाखेड़ा क्षेत्र में करीब चार माह का दूसरा बच्चा झुंड से बिछुड़ गया। उसे भी रेस्क्यू कर केंद्र लाया गया और नाम रखा गया रुस्तम।
दोनों बच्चे अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपनी दिनचर्या में रम गए हैं। दूध, दलिया और केले उनके पसंदीदा आहार हैं। टांडा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी रूप नारायण गौतम इनके सबसे करीबी साथी बन गए हैं। राजा और रुस्तम उनसे खूब घुल-मिल गए हैं और दिनभर उनकी शरारतों से केंद्र गुलजार रहता है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से बात कर राजा और रुस्तम को किसी सुरक्षित स्थल पर नया ठिकाना देने की तैयारी है। संवाद
हाथी के दोनों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उनके आहार और स्वास्थ्य पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। एक सप्ताह के भीतर हाथी के बच्चों का पुनर्वास होने की उम्मीद है। -यूसी तिवारी, डीएफओ तराई केंद्रीय वन प्रभाग