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सर्पदंश की झूठी स्क्रिप्ट का पर्दाफाश, सांप के काटने पर लिया था मुआवजा, डॉक्टर भी शामिल, ऐसे हुआ खुलासा
शासन के सामाजिक सुरक्षा निधि सर्पदंश मुआवजा राशि में गड़बड़ी करने के मामले में पुलिस ने पहली एफआईआर दर्ज कर ली है। वकील, डॉक्टर व मृतक के परिजनों सहित पांच लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। जहर सेवन से हुई मौत को सर्पदंश बताकर 3 लाख रुपये मुआवजा राशि ले ली गई थी। जांच में खुलासे के बाद एफआईआर की कार्रवाई की गई है। इसके अलावा 12 अन्य ऐसे ही मामलों में पुलिस की जांच जारी है। दरअसल, बीते नवम्बर 2023 को बिल्हा थाना क्षेत्र के पोडी निवासी शिवकुमार धृतलहरे को उल्टी करने व मुंह से झाग निकलने के बाद पहले बिल्हा सीएचसी फिर सिम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान शिवकुमार की मौत हो गई थी। मृतक के शव पंचनामा और पीएम के दौरान परिजनों ने बाएं पैर में सांप काटने से मौत होना बताया। पीएम करने वाले डॉक्टर ने भी सांप काटने के निशान और सर्पदंश से ही मौत होने का पीएम रिपोर्ट में उल्लेख किया। लेकिन पुलिस जांच में शव पंचनामा के दौरान न तो मृतक के पैर में सांप काटने के निशान मिले और न ही इलाज करने वाले डॉक्टर ने सर्पदंश की पुष्टि की। बल्कि इलाज करने वाले डॉक्टर ने शराब और जहर सेवन से मृत्यु होने की जानकारी दी। शिवकुमार को जहर सेवन के कारण इलाज के लिए सिम्स में भर्ती कराया गया था। दो अलग- अलग कारणों के सामने आने के बाद पुलिस ने पुनः बारीकी व कड़ाई से मृतक के परिजनों से पूछताछ की। जिसमें पता चला कि मुख्य मास्टरमाइंड वकील कामता प्रसाद साहू के कहने पर मुआवजा राशि लेने के लिए परिजनों ने शिवकुमार की मृत्यु सर्पदंश से होने की झूठी जानकारी दी थी। इसमें सिम्स की डॉक्टर प्रियंका सोनी भी शामिल थीं। जिसने इलाज के तथ्यों से परे मृतक के पीएम रिपोर्ट में सर्पदंश से मौत होने की झूठी रिपोर्ट तैयार की थी। बताया जा रहा है कि मृतक शिवकुमार शराब पीने का आदि था और कर्ज से परेशान था। इसलिए उसने खुद जहर का सेवन किया था। मास्टरमाइंड वकील के कहने पर सिम्स के डॉक्टर के साथ मिलकर परिजनों ने मुआवजा राशि पाने के लिए सर्पदंश की झूठी स्क्रिप्ट तैयार की थी और मुआवजा राशि ले ली थी। बहरहाल, पुलिस ने जांच के बाद मामले में पहली एफआईआर दर्ज कर ली है। धारा 420, 512,120 बी के तहत मास्टरमाइंड वकील, डॉक्टर व मृतक के परिजनों सहित पांच लोगों को मामले में नामजद आरोपी बनाया गया है। जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जाएगी। पुलिस की मानें तो ऐसे ही 12 और मामलों की भी जांच की जा रही है। जिसमें मुआवजा राशि के लिए गड़बड़ी करने की आशंका है। जांच के साथ इसमें आगे नए खुलासे हो सकते हैं। गौरतलब है कि पूर्व में मामला विधानसभा में भी उठा था। जिसमें पिछले एक साल में 481 सर्पदंश मौत में मुआवजा बांटने की जानकारी सामने आई थी। शासन की तरफ से राजस्व मंत्री ने भी मामले में जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
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