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बरातघर बनाया पर नहीं दिया रास्ता, लाइन बिछाई पर नहीं आया पानी, जुनपत गांव के ग्रामीणों ने समस्याएं बताईं
नोएडा ब्यूरो
Updated Wed, 07 May 2025 10:33 PM IST
जुनपत गांव को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भले ही दो दशक पहले आदर्श गांव घोषित कर दिया हो, लेकिन यहां के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। जिस कारण गांव के लोगों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्राधिकरण ने करीब एक दशक पहले बारात घर बना दिया था, लेकिन आज तक वहां तक जाने के लिए रास्ता नहीं दे पाया है। जिस कारण उसका प्रयोग नहीं किया जा पा रहा है। वहीं, पानी सप्लाई की लाइन बिछे एक दशक हो गया है, लेकिन आज तक पानी की सप्लाई नहीं हो पाई है। जिस कारण लोग बोरवेल के पानी के सहारे हैं। ग्रेटर नोएडा के जुनपत गांव में सोमवार को आयोजित हुए अमर उजाला संवाद में ग्रामीणों ने समस्याएं बताईं। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक की स्थिति बदहाल होने के कारण बरसात के समय में जलभराव हो जाता है। जिस कारण आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आए दिन दो पहिया वाहन सवार हादसे का शिकार होते रहते हैं। लोगों का आरोप है कि कई बार प्राधिकरण के अधिकारियों से कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। जिस कारण समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। साथ ही शमशान की स्थिति देखरेख के अभाव में जर्जर हो चुकी है। शमशान घाट में न ही पानी की व्यवस्था है न ही लाइट की कोई व्यवस्था है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में नियमित रूप से सफाई नहीं होने के कारण चारों ओर गंदगी फैली रहती है। सफाई कर्मी आते हैं और खानापूर्ति करके चले जाते हैं। साथ ही नालियों की सफाई नहीं होने के कारण नालियों का पानी सड़कों पर भर जाता है। ग्रामीणों का आरोप है की सीवर आए दिन ओवरफ्लो होकर सड़क बहा करते हैं। कई बार इनको साफ कराए जाने की अधिकारियों से मांग की गई है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।ग्रामीणों का कहना है कि गांव में खेल का मैदान नहीं होने के कारण बच्चों को सरकारी नौकरियों की भर्ती की तैयारी करने और खेल के अभ्यास करने के लिए गांव से करीब 10 से 15 किमी दूर जाना पड़ता है। जिस कारण बच्चों का समय के साथ अधिक रुपया बर्बाद होता है और काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा गांव में स्वास्थ्य की कोई उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण कई इमरजेंसी में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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