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VIDEO : दादरी में रोष बैठक के बाद भवन निर्माण मजदूरों ने शहर में किया प्रदर्शन
चरखी-दादरी में भवन निर्माण कारीगर मजदूर यूनियन ने एआईयूटीयूसी के बैनर तले अपनी समस्याओं को लेकर शहर में विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद लघु सचिवालय पहुंचकर सरकार के नाम जिला उपायुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शनकारी खेमा का ज्ञापन लेने के लिए डीडीपीओ उनके बीच पहुंचे।
इससे पहले भवन निर्माण मजदूर पार्क में एकत्र हुए। इसके बाद दादरी इकाई के प्रधान मनीराम छपार की अध्यक्षता में रोष बैठक की। जिला प्रधान धर्मवीर सिंह ने बताया कि भवन निर्माण कारीगर-मजदूर असंगठित क्षेत्र के श्रमिक हैं। उनका समाज की प्रगति में उल्लेखनीय योगदान है। ऐसे में सरकार की ओर से समुचित आर्थिक सहायता, सुविधाएं, हितलाभ और मान-मर्यादा मिलनी चाहिए। उनको सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाना चाहिए। दूसरी ओर सरकार उन्हें ये सामाजिक सुरक्षा लाभ देने के लिए कतई गंभीर नहीं है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न बहानों की आड़ लेकर निर्माण श्रमिकों को पंजीकरण और हित लाभों से वंचित करके सरकार घोर अन्याय कर रही है। कानून बनने के बाद राज्य सरकार ने 11 साल नियम बनाने में निकाल दिए। इसके बाद कितनी ही बार नियम बदले जा चुके हैं। नए-नए फरमान जारी करके नाजायज व बेतुकी शर्तें थोप कर हितलाभों को पाने में बाधा डाली जा रही है और श्रमिकों को नाजायज तंग किया जा रहा है।
भवन निर्माण कामगारों के कल्याण बोर्ड के पास हजारों करोड़ रुपये जमा पड़े हैं लेकिन अब तक बहुत कम रुपये खर्च किए गए हैं। मजदूर नेता मनीराम ने सरकार और बोर्ड के इस कदम की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि सरकार की मजदूर-विरोधी और गलत नीतियों के कारण उन्हें पूरे साल काम नहीं मिलता है। प्रदर्शन में राजेश, सतबीर, राजबीर, रामवअतार, प्रवीन, राजेश, रोहताश व भीम सिंह आदि शामिल हुए।
12 सूत्रीय मांगपत्र में शामिल कीं ये मांगें
. कारीगर मजदूरों की पंजीकरण प्रक्रिया को आसान किया जाए।
. ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से पंजीकरण किया जाए।
. रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन दस हजार की जाए।
. काम के समय मृत्यु होने पर दस लाख, विकलांग होने पर पांच लाख तथा चोट ग्रस्त होने पर इलाज का पूरा खर्च सरकार दे।
. सभी कारीगर मजदूरों को गांव में सौ-सौ गज और शहर में पचास-पचास गज के प्लॉट मुफ्त दिए जाए।
. हितलाभ के फार्मों का निपटारा 45 दिनों के अंदर किया जाए।
. बोर्ड में सभी यूनियनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
. कॉपी रिन्यू प्रक्रिया को आसान किया जाए, पहले की तरह एकमुश्त तीन साल की रिन्यू की जाए।
. जिला व तहसील स्तर पर कल्याण बोर्ड के ऑफिस खोले जाए व पूरा स्टाफ भर्ती किया जाए।
. प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण की प्रक्रिया को चालू किया जाए।
. पुराने हितलाभ के फार्मों का निपटारा जल्द से जल्द किया जाए।
. लेबर चौकों पर मजदूरों के लिए खड़ा होने के लिए शेड का निर्माण किया जाए।
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