Hindi News
›
Video
›
India News
›
130th Constitution Amendment Bill: SP will not participate in JPC, Akhilesh Yadav hints.
{"_id":"68ab149142df57c2320f9100","slug":"130th-constitution-amendment-bill-sp-will-not-participate-in-jpc-akhilesh-yadav-hints-2025-08-24","type":"video","status":"publish","title_hn":"130th Constitution Amendment Bill: JPC पर शामिल नहीं होगी SP, अखिलेश यादव ने किया इशारा।","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
130th Constitution Amendment Bill: JPC पर शामिल नहीं होगी SP, अखिलेश यादव ने किया इशारा।
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Sun, 24 Aug 2025 08:00 PM IST
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान 130 वें संविधान संशोधन विधेयक को पेश किया गया था, जिसे लेकर सियासी घमासान मचा है. इसे संसद की एक संयुक्त समिति को भेज दिया गया है. सरकार इस बिल को हित में बता रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल इसके विरोध में उतर आए हैं. यही कारण है कि अब जेपीसी को तृणमूल कांग्रेस ने तमाशा बताया है और इसमें शामिल न होने का निर्णय लिया हैसमाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गंभीर अपराधों के आरोपों में घिरे पीएम, सीएम और मंत्रियों को हटाने संबंधी बिल को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा,’ हमारे मुख्यमंत्री (योगी) को पहले से ये पता था कि ऐसा विधेयक (बिल) आने वाला है। कुर्सी पर बैठते ही उन्होंने सब अपने मुकदमे वापस ले लिए। अपने तो लिए ही, साथ में डिप्टी सीएम के मुकदमे भी वापस ले लिए।’
आजम खां, इरफान, प्रजापति को भेजा जेल, अब्बास बच गए
अखिलेश यादव ने आगे कहा,’जो लोग इस विधेयक को ला रहे हैं। उन्होंने कई जगह ये स्वीकार किया है कि उन पर झूठे मुकदमे लगे थे, उन्हें झूठा फंसाया गया था। अगर उन्हें झूठा फंसाया गया था तो कल किसी और को भी झूठा फंसाया जा सकता था। अब आप देखिए मोहम्मद आजम खां साहब पार्टी के नेता हैं, उन्हें जेल भेज दिया। पिछले कई वर्षों से विधायक प्रजापति को जेल भेज दिया। इरफान सोलंकी, रमाकांत यादव, अब्बास तो बच गए। अखिलेश ने कहा,’ ये सरकार विपक्ष को परेशान करने के लिए, विपक्षी पार्टी पर दबाव बनाने के लिए और क्षेत्रीय दलों के अंदर विद्रोह कराने के लिए विधेयक ला रही है। सबसे महत्वपूर्ण जो ये चुनाव में डकैती करते हैं और वोट की चोरी करते हैं। उस बहस से हटने के लिए ये इस तरह का विधेयक जानबूझकर लाया जा रहा है। इसी वजह से हम इसका विरोध कर रहे हैं।
शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ओ’ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने जेपीसी में न शामिल होने का फैसला लिया है. केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 बुधवार को लोकसभा में पेश किए गए. इन्हें संसद की एक संयुक्त समिति को भेज दिया गया है.
तृणमूल कांग्रेस सांसद ओ’ब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने फैसला लिया है कि वे जेपीसी में किसी भी सदस्य को नहीं भेजेंगे. उन्होंने आगे कहा, “हम 130 वें संविधान संशोधन विधेयक का अभी प्रस्ताव के चरण में ही विरोध करते हैं और हमारे विचार से जेपीसी एक तमाशा है. प्रस्तावित विधेयक गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार रहने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने के लिए एक कानूनी रूपरेखा प्रदान करते हैं.समाजवादी पार्टी ने जेपीसी में न जाने को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन पार्टी नेताओं ने संकेत दिया है कि वे जेपीसी में शामिल नहीं होंगे.हालांकि, विपक्ष का एक धड़ा जेपीसी में जाने की बात कह रहा है. इसी को देखते हुए कुछ दलों ने कहा कि हम सपा और तृणमूल कांग्रेस को मनाने की कोशिश कर रहे हैं. एक नेता ने कहा, “अगर वे चले जाते हैं, तो बीजेपी और एनडीए के और भी सांसद जेपीसी का हिस्सा बन जाएंगे. इससे कोई फायदा नहीं होगा. ”
संविधान (130 वें संशोधन) विधेयक पर जेपीसी में शामिल होने से टीएमसी के इनकार पर, पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “यह (टीएमसी) चोरों की पार्टी है, एक परिवार द्वारा संचालित पार्टी है. उनके आधे से ज़्यादा मंत्री या तो जेल जा चुके हैं या जाने वाले हैं. डर के कारण, वे जानते हैं कि इस विधेयक का उन पर गहरा असर पड़ेगा, इसलिए स्वाभाविक रूप से वे इसका विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि देश की जनता इस विधेयक का समर्थन करती है. इस देश का कानून सबके लिए समान होना चाहिए. प्रधानमंत्री इस दिशा में सुधार लाना चाहते हैं और पूरा देश उनके साथ है. अगर कोई आधिकारिक तौर पर इसका विरोध करता है, तो जनता में यह संदेश जाएगा कि टीएमसी अपने मंत्रियों, मुख्यमंत्री और नेताओं को बचाने के लिए इस विधेयक का विरोध कर रही है. बंगाल में कुछ ही महीनों में चुनाव होने वाले हैं, इसलिए वे जानबूझकर (जेपीसी) में शामिल नहीं हो रहे हैं.” संसद के मॉनसून सत्र के दौरान बुधवार, 20 अगस्त 2025 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में 130 वें संविधान संशोधन विधेयक को पेश किया था. इन बिलों को फिलहाल पास नहीं कराया जाएगा, बल्कि संसद की सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाएगा ताकि इनके हर पहलू पर विस्तार से चर्चा हो सके. इसके साथ ही सबकी सहमति और आपत्ति भी सामने आ सके. इस बिल को जब संसद में पेश किया गया तब विपक्ष की तरफ से जमकर हंगामा किया गया. विपक्ष का आरोप है कि ये तानाशाही का एक तरीका है. इससे ये किसी को भी जेल में डाल देंगे. सरकार के मुताबिक, इसका मकसद मंत्रियों की जवाबदेही और नैतिकता को नया आयाम देना है. इस बिल के अनुसार कोई केंद्रीय या राज्य मंत्री, या फिर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री भी किसी आपराधिक मामले में गिरफ्तार किए जाते हैं, जिनमें कम से कम पांच साल की जेल हो सकती है और उन्हें लगातार 30 दिन हिरासत में रखा जाता है, तो ऐसे मामले में 31वें दिन उन्हें पद से हटा दिया जाएगा. अब तक इस्तीफे को लेकर ऐसा कोई साफ नियम नहीं था. . अगर मंत्री कोर्ट से बरी हो जाता है, तो दोबारा पद पर लौट सकता है.
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।