उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली में शुक्रवार की रात उस वक्त हड़कंप मच गया, जब थराली और आसपास के 15 किलोमीटर के इलाके में अतिवृष्टि हुई। अतिवृष्टि से जमकर तबाही मची। आसमान से बरसी इस आफत में मकान गिरने से एक 20 वर्षीय महिला की मलबे में दबकर मौत हो गई। जबकि एक व्यक्ति लापता हो गए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। 11 लोग घायल हैं जिनमें से 6 को हेलिकॉप्टर से हायर सेंटर भेजा गया है। इस दौरान 40 से अधिक दुकानें और 20 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिससे 90 से अधिक परिवारों के 400 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार शाम सात बजे से थराली तहसील क्षेत्र में जोरदार बारिश शुरू हो गई थी। बारिश लगातार तेज होती जा रही थी। जिससे नदी किनारे के लोग सतर्क थे। रात 12 बजे के करीब अचानक ऊपर से मलबा और पानी का सैलाब आने लगा। इस मलबे ने थराली लोअर बाजार, कोटडीप, राड़ीबगड़ और चेपड़ों बाजारों को भारी नुकसान पहुंचाया। इस आपदा में थराली के एसडीएम पंकज भट्ट का आवास भी मलबे में दब गया लेकिन एसडीएम और उनके साथी समय रहते सुरक्षित स्थान पर निकल गए। राड़ीबगड़ में कई दोपहिया और चौपहिया वाहन मलबे में दब गए।
तेज बारिश को देखते हुए रात में ही लोग सतर्क होकर अपने घरों को खाली कर सुरक्षित जगहों पर चले गए थे। शनिवार सुबह से ही प्रशासन, सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस की टीमें युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चला रही हैं। मलबा और भूस्खलन के कारण 18 से अधिक सड़कें बंद हो गईं, जिससे बचाव दल को 6 से 8 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि थराली में प्रभावित इलाकों में तेजी से राहत कार्य चल रहा है। सभी प्रभावितों को सुरक्षित जगहों पर भेज दिया गया है। लापता बुजुर्ग को खोजने के लिए भी टीमें लगातार काम कर रही हैं। हालांकि, शनिवार शाम तक कुल नुकसान का सही आंकड़ा सामने नहीं आ पाया था।