गंभीर आपराधिक आरोपों में बंद पीएम, सीएम और मंत्रियों को हटाने वाले बिल पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि "यह लोगों को ब्लैकमेल करने का एक नया तरीका है... कानून केवल नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को ब्लैकमेल करने और डराने के लिए लाया जा रहा है। संसद में गंभीर आपराधिक मामलों में फंसे प्रधानमंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने संबंधी विधेयक पर तेजस्वी यादव ने कड़ा विरोध जताया। उन्होंने इसे लोकतंत्र कमजोर करने और विरोधियों को डराने की साजिश बताया। नीतीश कुमार व चंद्रबाबू नायडू को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए तेजस्वी ने कहा कि विपक्ष इस कानून का संसद से सड़क तक विरोध करेगा।
संसद में गंभीर आपराधिक मामलों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को उनके पद से हटाने संबंधी प्रस्तावित विधेयक पर सियासत तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि यह कानून लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश है और इसका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को डराने-धमकाने के लिए किया जाएगा। तेजस्वी यादव ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “यह कानून लाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. यह ब्लैकमेल करने का एक नया तरीका है. जिन नेताओं को कमजोर करना है, जिनसे डराना है, उन्हें इस कानून के जरिए निशाना बनाया जाएगा.” उन्होंने आरोप लगाया कि इस कानून का सीधा मकसद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं पर दबाव बनाना है.
राजद नेता ने कहा कि पहले भी कई ऐसे उदाहरण सामने आए हैं, जब विपक्षी नेताओं को जेल भेजा गया लेकिन अदालत से वे बरी हो गए। तेजस्वी ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम लेते हुए कहा, “इन नेताओं को जेल में रखा गया, लेकिन बाद में न्यायपालिका ने उन्हें राहत दी। फिर भी उनकी छवि खराब करने और जनता के बीच गलत संदेश देने का प्रयास किया गया।”