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Bihar Election 2025: Chirag Paswan demands more than 20 seats, did he talk to Amit Shah about seats?
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Bihar Election 2025: चिराग पासवान ने 20 से ज्यादा मांगी सीटें,अमित शाह से सीटों पर हुई बात?
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Tue, 07 Oct 2025 01:35 PM IST
बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश की रोशनी मद्धिम कर दी थी। सीटें बढ़ाने की चाहत में इस बार भी चिराग फड़फड़ा रहे हैं। भाजपा के मौजूदा ऑफर से चिराग कनेक्ट नहीं हो पा रहे। उनका फोन भाजपा के नेताओं की पहुंच से दूर यानी आउट आफ रीच हो गया है। मतलब मोबाइल ऑफ है और उन तक पहुंचने की बाकी सारी लाइनें व्यस्त। भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी बनाए गए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े से चिराग संपर्क में नहीं आ पा रहे थे। ऐसे में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह इस सियासी सीन में आए। अपनी शैली में उन्होंने संदेश पहुंचा दिया है तो भभक रहे चिराग की लौ कुछ शांत हुई। इसके बावजूद यह तो तय है कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के साथ सीटों का बंटवारा राजग में सबसे कठिन साबित होने जा रहा है।सूत्रों का कहना है कि शाह की एंट्री के बाद चिराग से प्रधान की बातचीत हुई है।
हालांकि, लोजपा के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता धीरेंद्र मुन्ना ने अमर उजाला से कहा कि अभी सीटों के बंटवारे पर कोई बातचीत नहीं हुई है। इस सवाल पर कि चिराग पासवान का फोन नहीं लगने की बात सामने आ रही है तो मुन्ना का जवाब था, फोन आउट आफ रीच भले हो, लेकिन मेरे नेता रीच में हैं। वैसे भी चिराग पहले ही कह चुके हैं कि उनकी पार्टी सम्मानजनक हिस्सेदारी लेगी। चिराग की मांग करीब 40 सीटों की है। पासवान पांच प्रमुख सीटों गोविंदगंज, ब्रह्मपुर, अतरी, महुआ और सिमरी बख्तियारपुर को लेकर अड़े हैं। इनमें से तीन सीटों पर जदयू भी दावा छोड़ने को तैयार नहीं है। इसी दबाव के तहत पार्टी ने यह भी एलान किया कि वह 243 सीटों पर तैयारी कर रही है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग की पार्टी ने गठबंधन से बाहर रहकर नीतीश कुमार का खेल बिगाड़ दिया था। यही कारण है कि शाह ने दिल्ली में बिहार कोर कमेटी की बैठक में स्पष्ट किया कि 2020 जैसी गलती दोहराई नहीं जानी चाहिए। तब लोजपा ने अलग राह चुनकर कई राजग उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ा था। इस बार भाजपा नेतृत्व कोशिश कर रहा है कि चिराग को मनाकर राजग की एकता बनाए रखी जाए क्योंकि दलित-युवा वोट बैंक में उनकी पकड़ को पार्टी नजरअंदाज नहीं कर सकती। चिराग पासवान जितनी सीटों के लिए मुंह खोल रहे हैं, उसे पार्टी अतार्किक मान रही है। भाजपा को भरोसा है कि वह स्थितियां दुरुस्त कर लेगी।चिराग की राजनीति अब सिर्फ सीटों तक सीमित नहीं है।
पटना की सड़कों पर उनके अगला मुख्यमंत्री-चिराग पासवान वाले पोस्टर लगाए जा चुके हैं। भाजपा के सामने चुनौती है कि जदयू भी बड़े भाई की भूमिका में रहने की बात कर रहा है लेकिन वहां ज्यादा समस्या नहीं है। 101-102 सीटों पर दोनों दल बंटवारा करने के मूड में हैं। मगर चिराग के साथ-साथ जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा जैसे दलों की मांग भी बड़ी है। सबसे कठिन बंटवारा अभी लोजपा (रामविलास) के साथ ही साबित हो रहा है। हालांकि, अमित शाह के संदेश के बाद माना जा रहा है कि चिराग मान जाएंगे लेकिन उम्मीद होना और समाधान निकलने के बीच में सफर कई बार लंबा साबित होता है।
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