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CJI Gawai Attacked in Supreme Court: Bihar Congress President Rajesh Ram breaks down over attack on CJI
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CJI Gavai Attacked in Supreme Court: बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम CJI पर हमले को लेकर रो पड़े
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Wed, 08 Oct 2025 10:31 AM IST
सीजेआई बीआर गवई पर जूते से हमले करने की कोशिश का मामला शांत नहीं हुआ है। इस घटना पर लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। यहां तक की लोग इसे सीजेआई से ज्यादा दलितों के अपनाम के तौर पर दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले के प्रयास पर बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम भावुक हो उठे, जिन्होंने इसे 'सभी दलितों का दर्द' बताया। राम ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट पर हमला और लाखों दलितों का अपमान है, जो समाज में दलितों के प्रति जारी भेदभाव को दर्शाता है।बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम मंगलवार को उस समय रो पड़े जब उन्होंने एक वकील द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश के बारे में बात की। राम, जो खुद भी दलित हैं, ने कहा कि यह दर्द सभी दलितों को होता है। न्यायमूर्ति गवई ऐतिहासिक रूप से उत्पीड़ित जाति समूह, दलितों से मुख्य न्यायाधीश बनने वाले दूसरे व्यक्ति हैं, तथा पहले बौद्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट पर हमला है। (और) लाखों दलितों का अपमान है। इस पर उनकी आंखों में आंसू आ गए।राजेश राम ने पटना में एक प्रेस वार्ता में कहा कि हम जानते हैं कि समाज में इतनी ऊँचाई तक पहुँचने से पहले, एक व्यक्ति को कितने लंबे समय तक कितनी त्रासदियां और कितना दर्द सहना पड़ता है।
उसके बाद भी, जब समाज उसे स्वीकार नहीं करता, तो आप अपने घर की चारदीवारी में भी अपमानित महसूस करते हैं।उन्होंने हिंदी में कहा कि एक दलित होने के नाते, इससे ज़्यादा गहरी भावना और क्या हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि हमें हमेशा से, यहाँ तक कि विधानमंडलों के भीतर भी, आज तक भेदभाव सहना पड़ा है। वह यह कहते हुए बीच वाक्य में ही रो पड़े: "हमने सड़कों पर हर दिन इसका सामना किया है, लेकिन अब, बहुत भारी मन से...।" वह कुछ देर रुके, उनके होंठ काँप रहे थे, फिर उन्होंने कहा, "यह दर्द उन सभी दलितों को है जो गवई साहब पर हुए हमले का असर महसूस कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि दलितों के अपमान का इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि "बाबा साहेब (बी.आर. अंबेडकर) द्वारा बनाए गए संविधान की बदौलत ही" वह प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने विचार साझा करने की स्थिति में हैं। इससे पहले, दिल्ली के 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर, जिन्होंने मुख्य न्यायाधीश पर हमला करने की कोशिश की थी, ने कहा कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ने आरोप न लगाने का फैसला किया है, इसलिए किशोर पर कोई कानूनी मामला नहीं चल रहा है और वह अपने घर पर ही बोल रहे थे।सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई पर सोमवार को हुए हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की है। पीएम मोदी ने इस घटना के सामने आने के बाद सीजेआई गवई से फोन पर बात की है। इससे पहले लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी के नेताओं ने इस कृत्य की आलोचना की है।
पीएम मोदी ने लिखा, "भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बीआर गवई जी से बात की। आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले ने हर भारतीय को क्षुब्ध कर दिया है। हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। यह अत्यंत निंदनीय है। ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति गवई द्वारा प्रदर्शित धैर्य की मैं सराहना करता हूं। यह न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और हमारे संविधान की भावना को मज़बूत करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"उधर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने वकील राकेश किशोर के अदालतों में प्रैक्टिस करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। राकेश किशोर ने सोमवार को कथित तौर भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति बीआर गवई पर जूता उछालने की कोशिश की थी। यह घटना उस समय हुई, जब सीजेआई गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ किसी मामले में सुनवाई कर रही थी।
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