बिहार में आगामी दो चरणों वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक डॉ. शकील अहमद खान ने विश्वास जताया है कि विपक्षी गठबंधन राज्य में अगली सरकार बनाएगा और जनता को मौजूदा समस्याओं से निजात दिलाएगा।
डॉ. खान, जो बिहार कांग्रेस के एक प्रमुख चेहरे हैं, चुनाव संबंधी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। हाल ही में, उन्होंने पार्टी की स्क्रीनिंग प्रक्रिया में भाग लिया, जिसका उद्देश्य चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन करना है। इस प्रक्रिया में टिकट वितरण के आधार, संभावित सीटों का आकलन और बड़ी संख्या में आवेदकों का प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।
गठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर भी डॉ. शकील अहमद खान ने अपनी राय स्पष्ट की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि सहयोगी दलों के बीच सीटों का ऐसा बंटवारा होना चाहिए जिसमें जीतने योग्य और चुनौतीपूर्ण दोनों तरह की सीटों का संतुलन हो। उनका मानना है कि किसी एक दल को सभी अच्छी सीटें नहीं मिलनी चाहिए, बल्कि सभी सहयोगियों को अपने हिस्से से नए साझेदारों को समायोजित करने के लिए योगदान देना चाहिए।
डॉ. खान 'इंडिया' गठबंधन की सीट-बंटवारे को लेकर हुई कई दौर की बैठकों में भी शामिल रहे हैं, जहां उन्होंने अन्य सहयोगी दलों जैसे राजद, सीपीआई (एम-एल) के नेताओं के साथ चर्चा की है। इन बैठकों का उद्देश्य एक मजबूत और सर्वसम्मत चुनावी रणनीति तैयार करना है।
आगामी चुनावों की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने अपनी प्रदेश चुनाव समिति का गठन किया है, जिसमें डॉ. शकील अहमद खान को भी बतौर सदस्य शामिल किया गया है। यह 39 सदस्यीय समिति चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों को अंतिम रूप देने और चुनावी रणनीति बनाने का काम करेगी।
हालांकि, इन सबके बीच, डॉ. खान को अपने विधानसभा क्षेत्र कटिहार के कदवा में कुछ स्थानीय विरोध का भी सामना करना पड़ा है। इसके बावजूद, वे और उनकी पार्टी आगामी चुनावों में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है और मतगणना 14 नवंबर को हो सकती है।